रायपुर: बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर 17 अगस्त से एक पीड़ित परिवार न्याय की मांग को लेकर धरने पर बैठा हुआ था जिसे सोमवार को कोतवाली पुलिस धरना स्थल से उठाकर थाने ले आई. थाना लाने के बाद पुलिस ने पीड़ित परिवार से पूछताछ करने के बाद उन्हें सकुशल उनके गांव भेज दिया है. पुलिस कहना है कि उक्त पीड़ित परिवार प्रधानमंत्री से इच्छा मृत्यु की मांग को लेकर धरना स्थल पर बिना अनुमति के बैठा था.
17 अगस्त से धरने पर बैठा था परिवार
कोतवाली पुलिस ने इस मामले में बलौदा बाजार के पुलिस अधिकारियों से पीड़ित परिवार के बारे में बात की. इस पर बलौदा बाजार पुलिस का कहना है कि इस पर जांच की जाएगी. उसके बाद संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही भी की जाएगी. गौरतलब हो कि कोहरोद गांव का एक परिवार 17 अगस्त से गरीबी, तंगहाली और भुखमरी से त्रस्त होकर रायपुर के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर न्याय की गुहार लगा रहा था.
प्रधानमंत्री से की थी इच्छामृत्यु की मांग
पीड़ित परिवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए लिखा था कि, एक भूमिहीन मजदूर गरीब परिवार आपसे न्याय की गुहार करता है. न्याय नहीं दिला सकते तो यह परिवार आप से इच्छा मृत्यु की मांग करता है. पीड़ित परिवार को प्रशासन से किसी तरह की कोई मदद नहीं मिली. इस कारण पीड़ित परिवार राजधानी के धरना स्थल पर बैठा हुआ था.
कुछ दंबंगो के चलते परिवार ने उठाया ये कदम
पीड़ित परिवार के अनुसार गांव के सरपंच और कुछ दबंगों ने आबादी जमीन पर बने मकान और आबादी जमीन में खेती करने से उन्हें बेदखल कर दिया गया था. इस पीड़ित परिवार की पीड़ा को किसी ने नहीं समझा. जिसके कारण देवक कुमार पाटील ने उनकी पत्नी राजकुमारी पाटील और उनके चार बच्चे के साथ न्याय पाने की उम्मीद में राजधानी रायपुर पहुंचे थे.