रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महिलाओं के खिलाफ हो रही वारदातों में लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने अपने निवास में गृह विभाग के समीक्षा बैठक की, जिसमें ऐसे अधिकारियों-कर्मचारियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की बात कही है. बैठक में छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू भी उपस्थित रहे.
मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक को निर्देश देते हुए महिला अपराधों की रोकथाम के लिए राज्य स्तर पर सतत मॉनिटरिंग और समीक्षा की बात कही है. इसके लिए एसओपी बनाने और पुलिस मुख्यालय में गंभीर अपराधों की समीक्षा करने के निर्देश दिए गए हैं. मुख्यमंत्री ने सभी जिलों में ऐसे अपराधों की रोकथाम के लिए विशेष जांच दल का गठन करने के भी निर्देश दिए हैं.
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2019 की तुलना में 2020 में कमी
बैठक में पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी ने बताया कि छत्तीसगढ़ के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर अंकुश रखने और ऐसे मामलों की तत्परता से जांच करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि राज्य में महिलाओं पर घटित कुल अपराधों में 2019 की तुलना में 2020 में कमी आई है.
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रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर में शुरू
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ पुलिस की ओर से वरिष्ठ नागरिकों की सहायता के लिए प्रारंभ किए जा रहे 'समर्पण अभियान' के लिए बैठक में सहमति प्रदान की. पुलिस महानिदेशक अवस्थी ने इस अभियान के संबंध में बताया कि ऐसे वरिष्ठ नागरिक जो अकेले रहते हैं, उन्हें इस अभियान से जोड़ा जाएगा. कम्युनिटी पुलिसिंग के माध्यम से ऐसे वरिष्ठ नागरिकों को कोरोना काल में महामारी से सुरक्षा के लिए आवश्यक सुविधाएं, उनकी समस्याओं के तुरंत निदान के लिए उन्हें आवश्यक वस्तुएं और सेवाएं उपलब्ध कराने का कार्य किया जाएग. इस अभियान से जुड़ने के लिए वरिष्ठ नागरिक थाने में आवेदन देकर या पुलिस मुख्यालय से जारी वाट्सएप नंबर तथा ई-मेल एड्रेस पर आवेदन देकर समर्पण सदस्यता प्राप्त कर सकेंगे. प्रथम चरण में यह अभियान रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर जिलों में शुरू किया जाएगा.
इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम डायल 112 के तहत पुलिस सहायता, अग्नि शमन, मेडिकल इमरजेंसी, महिला सहायता, स्मार्ट सिटी सर्विलेंस की सुविधाएं 11 जिलों में दी जा रही है.
सभी क्षेत्रों में दी गई सहायता
- इस सेवा के तहत लगभग दो साल में 53 लाख कॉल प्राप्त हुए.
- इनमें से साढ़े नौ लाख लोगों को पुलिस सहायता दी गई.
- लगभग साढ़े चार लाख लोगों को अपातकालीन चिकित्सा सेवा दी गई.
- आठ हजार लोगों को अग्नि शमन सेवा दी गई.
- दो लाख सड़क दुर्घटना के मामलों में सहायता उपलब्ध कराई गई.
- संकट में फंसे छह हजार बच्चों को बचाया गया.
- आत्महत्या के 14 हजार प्रयासों को रोका गया.
- 72 हजार महिलाओं को सहायता दी गई.
- शहरी क्षेत्रों में कॉल आने के औसतन 16 मिनट के अंदर सहायता उपलब्ध कराई गई.
- ग्रामीण क्षेत्रों में 28 मिनट के अंतर्गत जरूरतमंदों को सहायता उपलब्ध कराई गई.
बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह सुब्रत साहू, संचालक लोक अभियोजन प्रदीप गुप्ता, रायपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक डॉ. आनंद छाबड़ा, उप पुलिस महानिरीक्षक सुशील द्विवेदी, मुख्यमंत्री सचिवालय की उप सचिव सौम्या चौरसिया सहित पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.