रायपुर: हरेली की तरह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के रायपुर स्थित निवास पर पोला-तीजा का तिहार आज दोपहर 12 बजे मनाया जाएगा. मुख्यमंत्री निवास परिसर में छत्तीसगढ़ की परंपरा और रीति-रिवाज के अनुसार साज-सज्जा की गई है. इस कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया भी शामिल रहेंगी. इस मौके पर नांदिया बैला की पूजा की जाएगी. पोला-तीजा तिहार के लिए कार्यक्रम में बहनों को आमंत्रित किया गया है.
मुख्यमंत्री निवास में आयोजित कार्यक्रम में एक सेल्फी जोन बनाया गया है, जहां नांदिया बैला के साथ लोग सेल्फी ले सकेंगे. कार्यक्रम में पोरा चुकी, शिवलिंग की पूजा की जाएगी. रइचुली झूला और चकरी झूला भी कार्यक्रम स्थल पर लगाया गया है. इन झूलों का लोग आनंद ले सकेंगे. कोविड -19 के प्रकोप को देखते हुए आयोजन में सीमित संख्या में लोगों को आमंत्रित किया गया है. कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों से मास्क लगाकर आने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील की गई है.
इस तरह से मनाया जाता है तिहार
छत्तीसगढ़ का पोरा-तिहार मूल रूप से खेती-किसानी से जुड़ा पर्व है. खेती में बैल और गौवंशीय पशुओं के महत्व को देखते हुए इस दिन उनके प्रति आभार प्रकट करने की परम्परा है. छत्तीसगढ़ के गांवों में बैलों को विशेष रूप से सजाया जाता है. उनकी पूजा-अर्चना की जाती है. घरों में बच्चे मिट्टी से बने नंदीबैल और मिट्टी के बर्तनों के खिलौनों से खेलते हैं. घरों में ठेठरी, खुरमी, गुड़-चीला, गुलगुल भजिया जैसे पकवान तैयार किए जाते हैं और उत्सव मनाया जाता है. बैलों की दौड़ भी इस अवसर पर आयोजित की जाती है.
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ठेठरी, खुरमी अउ गुड़ चीला संग नंदिया बइला के पूजा करबो। हमर छत्तीसगढ़ राज मां बढ़िया फसल अउ खुसहाली के आसीरवाद मांगबो।
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पोरा तिहार के बहुत बधाई।
कोरोना काल के सावधानी ला झन भुलाहू। pic.twitter.com/XXfxcBwvFt
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छत्तीसगढ़ में हरतालिका तीज की धूम
छत्तीसगढ़ में तीजा (हरतालिका तीज) की विशिष्ट परम्परा है. महिलाएं तीज मनाने ससुराल से मायके आती हैं. तीज मनाने के लिए बेटियों को पिता या भाई ससुराल से लिवाकर लाते हैं. छत्तीसगढ़ में तीजा पर्व का इतना अधिक महत्व है कि बुजुर्ग महिलाएं भी इस खास मौके पर मायके आने के लिए उत्सुक रहती हैं. महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए तीज के एक दिन पहले कड़ु भात ग्रहण कर निर्जला व्रत रखती हैं. तीज के दिन बालू से शिवलिंग बनाया जाता है, फूलों का फुलेरा बनाकर साज-सज्जा की जाती है और महिलाएं भजन-कीर्तन कर पूरी रात जागकर शिव-पार्वती की पूजा-अर्चना करती हैं.
राज्यपाल अनुसुइया उइके ने दी बधाई
राज्यपाल अनुसुइया उइके ने छत्तीसगढ़ के परम्परागत पोला पर्व के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं. राज्यपाल ने अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि पोला का यह पर्व छत्तीसगढ़ के लोक जीवन में कृषि संस्कृति से गहराई से जुड़ा है. कृषि कर्म एवं श्रम पर आधारित यह पर्व हम सभी के लिए अच्छी फसल की कामना का संदेश लेकर आता है. राज्यपाल ने इस अवसर पर लोगों की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की है.