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सीएम हाउस में आज मनेगा पोला और हरतालिका तीज का जश्न, मुख्यमंत्री ने दिया है न्योता

रायपुर सीएम हाउस में छत्तीसगढ़ की परंपराओं और रीति-रिवाज के हिसाब से पोला और तीजा का कार्यक्रम मनाया जाएगा. इस मौके पर पोला के पर्व में नंदी और बैल की पूजा की जाएगी. इसके बाद शाम को तीजा महोत्सव मनाया जाएगा.

सीएम हाउस में मनाया जाएगा पोला और हरतालिका तीज का जश्न
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Published : Aug 30, 2019, 7:27 AM IST

रायपुर : प्रदेशभर में आज यानी शनिवार को पोला का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस मौके पर सीएम हाउस में भी पोला और तीजा का कार्यक्रम रखा गया है. इसके लिए मुख्यमंत्री निवास में विशेष इंतजाम किए गए हैं. 30 अगस्त को सुबह 9 से 10 बजे तक पोला का कार्यक्रम मनाया जाएगा और सुबह 11 से शाम 4 बजे तक तीजा महोत्सव मनाया जाएगा.

सीएम हाउस में मनाया जाएगा पोला और हरतालिका तीज का जश्न

छत्तीसगढ़ी परंपरा के हिसाब से सजा सीएम हाउस
कार्यक्रम के लिए सीएम हाउस को छत्तीसगढ़ की परंपरा और रीति-रिवाज के हिसाब से सजाया गया है. इस मौके पर नंदी-बैल की पूजा की जाएगी. वहीं शाम को तीजा महोत्सव के लिए प्रदेश के विभिन्न स्थानों से महिलाओं को आमंत्रित किया गया है. इस दौरान शहर की महिलाएं सीएम हाउस में करूभात खाने की रस्म पूरी करेंगी.

  • छत्तीसगढ़ का पोला तिहार मूल रूप से खेती-किसानी से जुड़ा पर्व है.
  • इस दिन बैल और गौवंशीय पशुओं का आभार व्यक्त करने की परंपरा है.
  • छत्तीसगढ़ के गांवों में बैलों को विशेष रूप से सजाया जाता है. उनकी पूजा-अर्चना की जाती है.
  • घरों में बच्चे मिट्टी से बने नंदी-बैल और बर्तनों के खिलौनों से खेलते हैं.
  • घरों में ठेठरी, खुरमी, गुड़-चीला, गुलगुल भजिया जैसे पकवान तैयार किए जाते हैं
  • इस दिन बैलों की दौड़ का भी आयोजन कराया जाता है.

रायपुर : प्रदेशभर में आज यानी शनिवार को पोला का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस मौके पर सीएम हाउस में भी पोला और तीजा का कार्यक्रम रखा गया है. इसके लिए मुख्यमंत्री निवास में विशेष इंतजाम किए गए हैं. 30 अगस्त को सुबह 9 से 10 बजे तक पोला का कार्यक्रम मनाया जाएगा और सुबह 11 से शाम 4 बजे तक तीजा महोत्सव मनाया जाएगा.

सीएम हाउस में मनाया जाएगा पोला और हरतालिका तीज का जश्न

छत्तीसगढ़ी परंपरा के हिसाब से सजा सीएम हाउस
कार्यक्रम के लिए सीएम हाउस को छत्तीसगढ़ की परंपरा और रीति-रिवाज के हिसाब से सजाया गया है. इस मौके पर नंदी-बैल की पूजा की जाएगी. वहीं शाम को तीजा महोत्सव के लिए प्रदेश के विभिन्न स्थानों से महिलाओं को आमंत्रित किया गया है. इस दौरान शहर की महिलाएं सीएम हाउस में करूभात खाने की रस्म पूरी करेंगी.

  • छत्तीसगढ़ का पोला तिहार मूल रूप से खेती-किसानी से जुड़ा पर्व है.
  • इस दिन बैल और गौवंशीय पशुओं का आभार व्यक्त करने की परंपरा है.
  • छत्तीसगढ़ के गांवों में बैलों को विशेष रूप से सजाया जाता है. उनकी पूजा-अर्चना की जाती है.
  • घरों में बच्चे मिट्टी से बने नंदी-बैल और बर्तनों के खिलौनों से खेलते हैं.
  • घरों में ठेठरी, खुरमी, गुड़-चीला, गुलगुल भजिया जैसे पकवान तैयार किए जाते हैं
  • इस दिन बैलों की दौड़ का भी आयोजन कराया जाता है.
Intro:मुख्यमंत्री निवास में मनाया जाएगा कल ‘पोरा-तीजा‘ तिहार

रायपुर। हरेली के बाद छत्तीसगढ़ के पारम्परिक त्यौहारों ‘पोरा-तीजा‘ को व्यापक स्तर पर मनाने की तैयारियां की गई है। हरेली की तरह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के रायपुर स्थित निवास पर भी इन दोनों पारम्परिक त्यौहारों को व्यापक स्तर पर मनाया जाएगा।

इसके लिए मुख्यमंत्री निवास में विशेष इंतजाम किया गया है। छत्तीसगढ़ की परम्परा और रीति-रिवाज के अनुसार साज-सज्जा की गई हैं। 30 अगस्त को सुबह 9 से 10 बजे तक पोला का कार्यक्रम होगा।

इस मौके पर नंदी-बैल की पूजा की जाएगी वहीं पूर्वान्ह 11 बजे से शाम 4 बजे तक तीजा महोत्सव का आयोजन होगा। तीजा महोत्सव के लिए प्रदेश के विभिन्न स्थानों से बहनों को आमंत्रित किया गया है। इस अवसर पर बहनों द्वारा करूभात खाने की रस्म पूरी की जाएगी। साथ ही छत्तीसगढ़ के पारम्परिक खेलों का भी आयोजन रखा गया है।
         

छत्तीसगढ़ का पोरा तिहार मूल रूप से खेती-किसानी से जुड़ा पर्व है। खेती किसानी में बैल और गौवंशीय पशुओं के महत्व को देखते हुए इस दिन उनके प्रति आभार प्रकट करने की परम्परा है। छत्तीसगढ़ के गांवों में बैलों को विशेष रूप से सजाया जाता है। उनकी पूजा-अर्चना की जाती है। घरों में बच्चे मिट्टी से बने नंदीबैल और बर्तनों के खिलौनों से खेलते हैं। घरों में ठेठरी, खुरमी, गुड़-चीला, गुलगुल भजिया जैसे पकवान तैयार किए जाते हैं और उत्सव मनाया जाता है। बैलों की दौड़ भी इस अवसर पर आयोजित की जाती है।
         
छत्तीसगढ़ में तीजा (हरतालिका तीज) की विशिष्ट परम्परा है, महिलाएं तीजा मनाने ससुराल से मायके आती हैं। तीजा मनाने के लिए बेटियों को पिता या भाई ससुराल से लिवाकर लाते है। छत्तीसगढ़ में तीजा पर्व की इतना अधिक महत्व है कि बुजुर्ग महिलाएं भी इस खास मौके पर मायके आने के लिए उत्सुक रहती हैं। महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए तीजा पर्व के एक दिन पहले करू भात ग्रहण कर निर्जला व्रत रखती हैं। तीजा के दिन बालू से शिव लिंग बनाया जाता है, फूलों का फुलेरा बनाकर साज-सज्जा की जाती है और महिलाएं भजन-कीर्तन कर पूरी रात जागकर शिव-पार्वती की पूजा-अर्चना करती हैं।Body:NoConclusion:
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