महासमुंद: छत्तीसगढ़ में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण की वजह से कई कार्य प्रभावित हुए हैं. कोरोना के कारण लंबे समय के बाद शुरू हुए महासमुंद के इंडोर स्टेडियम का निर्माण कार्य भी अधर में लटका हुआ है. खिलाड़ियों ने स्टेडियम में बैडमिंटन कोर्ट की मांग की है.
महासमुंद नगर पालिका बने कई साल हो गए, लेकिन आज तक महासमुंद शहर को एक अच्छा बैडमिंटन कोर्ट नहीं मिल पाया है. इंडोर स्टेडियम की सौगात मिल तो गई, लेकिन नगर पालिका में बैठने वाले जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अमले की लापरवाही के कारण एक करोड़ 25 लाख का इंडोर स्टेडियम का काम समय पर पूरा नहीं हो सका. लंबे समय बाद जब अधर में लटके इस काम को पूरा करने का फैसला लिया गया, तो कोरोना के कारण फिर से काम रुक गया.
खिलाड़ियों को हो रही परेशानी
खिलाड़ियों का कहना है कि बिल्डिंग तो तैयार हो गई है, पर अब तक बैडमिंटन कोर्ट नहीं बन पाया है. खिलाड़ियों का कहना है कि स्टेडियम में रोजाना 40 से ज्यादा लोग आते हैं, इससे खेलने में परेशानी होती है. कोर्ट नहीं बन पाने के कारण सोशल डिस्टेंसिंग भी हो नहीं पा रही है. युवाओं की मांग है कि जल्द से जल्द यहां इंडोर स्टेडियम का काम पूरा किया जाए और बैडमिंटन कोर्ट भी जल्द से जल्द तैयार हो.
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200 से ज्यादा खिलाड़ी
खिलाड़ियों ने बताया कि पहले वे पंचशील क्लब के बैडमिंटन कोर्ट में खेला करते थे, लेकिन वह भी बंद हो गया है. वन विभाग और डीएम फंड से एक बैडमिंटन कोर्ट तैयार किया गया है, लेकिन यहां खेलने वालों की संख्या 200 से ज्यादा है. बैडमिंटन कोर्ट वन विभाग के कर्मचारियों और वन प्रशिक्षुओं के कारण ही खाली नहीं रहता, जिससे सामान्य खिलाड़ियों को खेलने के लिए बहुत ही कम समय मिलता है.
4 महीने के अंदर काम पूरा करने का आश्वासन
खिलाड़ियों का कहना है कि नगरपालिका का इंडोर स्टेडियम जल्दी शुरू होना चाहिए, जिससे प्रैक्टिस में कोई रुकावट नहीं आए. इससे कोरोना जैसी महामारी में एक ही बैडमिंटन कोर्ट में इतने लोगों को खेलना नहीं पड़ेगा. महासमुंद से नेशनल लेवल पर बैडमिंटन के कई खिलाड़ी निकले हैं. नए खिलाड़ियों का कहना है कि अगर उन्हें अच्छी सुविधा मिले, तो वे भी नेशनल और इंटरनेशनल के लिए चयनित हो सकते हैं. इधर नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्राकर का कहना है कि फंड की कमी से काम पूरा नहीं हो पाया है. फंड की मांग की गई है, 4 महीने के अंदर बैडमिंटन कोर्ट का काम पूरा कर लिया जाएगा.