रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वन्य प्राणियों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए अहम कदम उठाया है. वनों की 10 किलोमीटर की परिधि के गांवों में आजीविका मूलक गतिविधियों को बढ़ावा देने, वन्य प्राणियों की सुरक्षा की दृष्टि से वन क्षेत्रों में संचार नेटवर्क को मजबूत बनाने की योजना पर सरकार काम कर रही है. हाथी मानव द्वंद रोकने के लिए जागरूकता अभियान को गति देने और वन्य प्राणियों के लिए पानी और चारागाह विकसित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं. बैठक में इनसे संबंधित प्रस्तावों को मंजूरी दी गई.Tiger brought to MP in Barnavapara Sanctuary
बाघों की संख्या चार गुना करने की तैयारी : number of tigers increase in Chhattisgarh छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या चार गुना करने के लिए ग्लोबल टाइगर फोरम (जीटीएफ) द्वारा प्रस्ताव दिया गया था, जिसके क्रियान्वयन की अनुमति बैठक में दी गई. जिसके तहत अचानकमार टाइगर रिजर्व में बाघ मध्यप्रदेश से लाकर छोड़े जाएंगे. अधिकारियों ने बताया कि अचानकमार टायगर रिजर्व में वन्यप्राणियों के लिए जल स्त्रोतों, चारागाह को विकसित किया गया है. जिससे शाकाहारी वन्यप्राणियों की संख्या में वृद्धि हो सके. छत्तीसगढ़ राज्य वन्य जीव बोर्ड की बैठक में बलौदाबाजार जिले के बारनवापारा अभ्यारण्य में फिर से टाइगरों को पुनर्स्थापित करने के लिए टाइगर छोड़ने के प्रस्ताव को भी सैद्धांतिक सहमति दी गई. बारनवापारा अभ्यारण्य में वर्ष 2010 तक टाइगर पाए जाते थे. टाइगर रिइंट्रोडक्शन एवं टाइगर रिकवरी प्लान के तहत ख्याति प्राप्त वन्यप्राणी संस्थान से हैबिटेट सुटेबिलिटी रिपोर्ट तैयार कराई जाएगी, जिसकी स्वीकृति राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण नई दिल्ली से प्राप्त होने के बाद इस अभ्यारण्य में बाघ पुनर्स्थापना का कार्य प्रारंभ किया जाएगा. Plan to increase tigers in Chhattisgarh
शाकाहारी प्राणियों के लिए भी बना प्लान : अधिकारियों ने बैठक में बताया कि शाकाहारी वन्य प्राणियों को प्रजनन केन्द्रों एवं अन्य स्थानों से लाकर प्रदेश के संरक्षित क्षेत्रों के प्राकृतिक रहवास में छोड़ा गया है. कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान Kanger Valley National Park में 49 चीतल, बारनवापारा अभ्यारण्य में 39 काला हिरण, गुरूघासीदास राष्ट्रीय उद्यान Gurughasidas National Park में 113 चीतल, अचानकमार टायगर रिजर्व में 20 चीतल, तमोर पिंगला अभ्यारण्य में 14 चीतल संरक्षित क्षेत्रों के नैसर्गिक रहवास में शाकाहारी वन्यप्राणियों को छोड़ा गया है.
हाथी मानव द्वंद्व को कम करने की रणनीति : बैठक में यह जानकारी भी दी गई कि छत्तीसगढ़ के वन क्षेत्रों में हाथियों के लिए चारागाह, पानी की व्यवस्था करने से हाथी मानव द्वंद की घटनाओं में काफी कमी हुई है. लगभग 11 हजार 314 हेक्टेयर चारागाह विकसित किए गए हैं. लगभग 80 हजार हेक्टेयर में खाद्य घास की प्रजातियां लगाई गई हैं. वन्यप्राणियों के पेयजल के लिए 12 स्टॉप डेम, 40 तालाब, 65 अर्दनडेम, 98 तालाबों का गहरीकरण किया गया है, इसी तरह 52 नालों में भू-जल संवर्धन और भू-जल संरक्षण के लिए संरचनाएं निर्मित की गई हैं.