रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने कहा है कि वनांचल में नदियों के किनारे विद्युत लाइन बिछाकर किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जल्द ही कार्ययोजना तैयार की जाएगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश के आकांक्षी जिलों विशेषकर बस्तर, सरगुजा अंचल सहित कोरबा जिले में नदियों के किनारे विद्युत लाइन के विस्तार के काम में डीएमएफ फंड का उपयोग किया जाए. इससे किसानों को जहां सिंचाई सुविधा मिलेगी, वहीं उनके जीवन स्तर को उपर उठाया जा सकेगा. सीएम मंगलवार को ऊर्जा विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे. ( irrigation facility in forest area )
मुख्यमंत्री ने कहा कि नदियों के पानी का उपयोग करने से भू-जल का दोहन रुकेगा. सतही जल के उपयोग से बिजली की खपत कम होगी. उन्होंने कहा कि बस्तर अंचल में इन्द्रावती नदी, सुकमा में शबरी नदी, कोरबा में हसदेव नदी, दंतेवाड़ा में नदी किनारे विद्युत लाईन बिछाने का कार्य प्राथमिकता से किए जाएं. इसके लिए इन जिलों के कलेक्टरों से संपर्क कर जल्द कार्य योजना तैयार की जाए. वनांचल क्षेत्रों में जहां विद्युत सुविधा उपलब्ध नहीं है, वहां किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए उन्होंने सौर सुजला योजना में सोलर पंप उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं.
सीएम भूपेश बघेल ने पीएम से की कोरोना टीका उपलब्ध कराने की मांग
'सोलर हाई मास्ट स्थापना के लिए डीएमएफ की राशि का उपयोग किया जाए'
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि वनांचल में किसानों को सिंचाई सुविधा (Irrigation facility to farmers) देने के लिए इन क्षेत्रों के कलेक्टरों को डीएमएफ के जरिए किसानों के खेतों में बोर खनन कराने के लक्ष्य भी दिए जाएं. इसी प्रकार जिन स्थानों पर वृक्षारोपण किया जाना है, वहां डीएमएफ से बोर खनन की व्यवस्था कर सोलर पंप उपलब्ध कराए जाएं. उन्होंने कहा कि सोलर सामुदायिक सिंचाई योजना को पारम्परिक तालाबों से जोड़ा जाए. जहां तालाब नहीं हैं, वहां मनरेगा से तालाब निर्माण कराया जाए.
पंपों तक पहुंचाई जाएगी बिजली
मुख्यमंत्री ने किसानों के सिंचाई पंपों के ऊर्जीकरण का कार्य तेजी से करने के निर्देश दिए. बजट सत्र 2021 के दौरान किसानों के 35 हजार 161 सिंचाई पंपों के ऊर्जीकरण की घोषणा की गई है. सभी किसानों के पंपिंग सेट तक बिजली पहुंचाई जाएगी.
मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास योजना की समीक्षा
अगले तीन वर्षों में विद्युत अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण योजना के तहत 817 करोड़ रुपए खर्च कर 33/11 केवी के 112 नये उपकेन्द्र बनाए जाएंगे, 166 पावर ट्रांसफॉर्मर की क्षमता बढ़ाई जाएगी. 3020 किलोमीटर 33 केवी लाइन और 1715 किलोमीटर 11 केवी लाइन का विस्तार किया जाएगा. गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले के अंधियारखोर और आमाडांड में 2 उपकेन्द्रों का निर्माण अगस्त 2021 तक और कोरिया जिले के कटघोड़ी के विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण दिसंबर तक पूरा होगा.