रायपुर: छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने एक बार फिर कृषि कानून को लेकर मोदी सरकार को घेरा है. उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि केंद्र सरकार को तीनों कृषि कानून वापस लेने ही होंगे, क्योंकि किसानों के साथ पूरा विपक्ष और पूरा देश है.
'किसानों को आंदोलनजीवी की संज्ञा दी गई'
पीएल पुनिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने लोकसभा में कहा है कि सरकार किसानों से बातचीत के लिए पूरी तरह से तैयार है, लेकिन बातचीत का माहौल बनाने की कोशिश भी नहीं की जा रही है. पुनिया ने कहा कि कभी किसानों को आंदोलनजीवी की संज्ञा दी जाती है, तो कभी उन्हें चीन और पाकिस्तान से प्रेरित कहा जाता है.
'किसानों की हो रही अनदेखी'
पुनिया ने कहा कि किसानों की ओर से साफ तौर पर कहा गया है कि जब तक तीनों कानून वापस नहीं लिए जाएंगे, तब तक उनकी घर वापसी नहीं होगी. प्रधानमंत्री को समझना चाहिए की किसान अकेले नहीं है, उनके साथ पूरा देश है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी जनभावना को ठेस पहुंचा रहे हैं. पीएल पुनिया ने केंद्र सरकार पर किसानों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार किसानों की बात सुनने को तैयार ही नहीं है. यही वजह है कि किसान संगठन एक के बाद एक आंदोलन करने को मजबूर हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि 18 फरवरी को किसान रेल रोको आंदोलन करेंगे, जिसे विपक्ष का भी समर्थन मिलेगा.
किसान आंदोलन पर बोले पीएल पुनिया- बिना चर्चा के निरस्त हों कृषि कानून
'बिना चर्चा तीनों कृषि कानून हों निरस्त'
कुछ दिन पहले भी पीएल पुनिया ने ईटीवी भारत से बात करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा था. पीएल पुनिया ने कहा था कि सरकार को बिना चर्चा के तीनों कृषि कानूनों को निरस्त कर देना चाहिए. पुनिया ने कहा था कि पहले दिन से ही सभी किसान यूनियन मांग कर रहें हैं कि सरकार उनकी बात सुनें और इन तीनों कानूनों को वापस लें.