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पितृ पक्ष 2021: बुधवार को द्धितीया श्राद्ध, इस विधि से करें तर्पण - method of tarpan

पितृ पक्ष 2021(Pitru Paksha 2021) की शुरुआत हो चुकी है. 15 दिनों तक इस दौरान पितरों का तर्पण (method of tarpan) जातक करेंगे. बुधवार 22 सितंबर को द्वितीया श्राद्ध है. जानिए इस दिन कैसे तर्पण किया जाएगा और इस तिथि का क्या महत्व है.

Pitru Paksha 2021
22 सितंबर को द्वितीया श्राद्ध
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Published : Sep 21, 2021, 7:35 PM IST

हैदराबाद/रायपुर: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2021) का काफी महत्व है. इस पक्ष के 15 दिनों तक परिवार में कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते. इस दौरान 15 दिनों तक पितरों की पूजा (worship of ancestors) होती है. पूर्वजों और पितरों को याद कर पिंडदान(pinddaan) किया जाता है. इस वर्ष 20 सितंबर से पितृपक्ष की शुरुआत हो चुकी है. करीब 15 दिन बाद यह पक्ष 6 अक्टूबर को खत्म होगा. शास्त्रों के मुताबिक इस दौरान हमारे पितृ धरती पर आते हैं और हमे आशीर्वाद देते हैं. इसलिए इस 15 दिनों के पक्ष में श्राद्ध करना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. हमारे पितृ पशु, पक्षियों के रूप में हमारे पास आते हैं. गाय, कुत्ता, कौवा और चीटी के माध्यम से यह आहार ग्रहण करते हैं. इसलिए पितृ पक्ष में श्राद्ध के दौरान पितरों के लिए भोजन का एक हिस्सा निकाला जाता है.

शास्त्रों के मुताबिक कुत्ता जल तत्व का प्रतीक है, कौवा को वायु तत्व माना गया है. चींटी को अग्नि तत्व का प्रतीक माना गया है. गाय को पृथ्वी तत्व का रूप माना गया है इसके साथ ही देवता को आकाश तत्व का प्रतीक समझा गया है. इस प्रकार इन पांच तत्वों को भोजन देकर हम आभार व्यक्त कर पितरों को याद कर सकते हैं

22 सितंबर को द्वितीया श्राद्ध

22 सितंबर (September 22) को अश्विन कृष्ण पक्ष द्वितीया (Ashwin Krishna Paksha Dwitiya) है. इस दौरान दिन-रात पंचक जारी है. पंडितों के अनुसार इस बार द्वितीया तिथि बढ़ने से श्राद्ध पक्ष 17 दिन तक का होना बताया जा रहा है. द्वितीया तिथि 22 सितंबर को पूरे दिन और 23 सितंबर को सुबह 6.54 बजे तक है. इस तरह यह तिथि दो दिनों तक रहेगी. उसके बाद तृतीया तिथि शुरू होगी. द्वितीया तिथि का श्राद्ध 22 सितंबर को किया जायेगा. इस दिन द्वितीया तिथि में उन लोगों का श्राद्ध किया जायेगा, जिनकी मृत्यु किसी भी महीने के कृष्ण या शुक्ल पक्ष की द्वितीया को हुई है.

पितृ पक्ष के श्राद्ध की तिथियां (Pitru Paksha Shradh dates)

  • पूर्णिमा श्राद्ध - 20 सितंबर 2021
  • प्रतिपदा श्राद्ध - 21 सितंबर 2021
  • द्वितीया श्राद्ध - 22 सितंबर 2021
  • तृतीया श्राद्ध - 23 सितंबर 2021
  • चतुर्थी श्राद्ध - 24 सितंबर 2021
  • पंचमी श्राद्ध - 25 सितंबर 2021
  • षष्ठी श्राद्ध - 27 सितंबर 2021
  • सप्तमी श्राद्ध - 28 सितंबर 2021
  • अष्टमी श्राद्ध- 29 सितंबर 2021
  • नवमी श्राद्ध - 30 सितंबर 2021
  • दशमी श्राद्ध - 1 अक्तूबर 2021
  • एकादशी श्राद्ध - 2 अक्तूबर 2021
  • द्वादशी श्राद्ध- 3 अक्तूबर 2021
  • त्रयोदशी श्राद्ध - 4 अक्तूबर 2021
  • चतुर्दशी श्राद्ध- 5 अक्तूबर 2021
  • अमावस्या श्राद्ध- 6 अक्तूबर 2021

तर्पण की विधि

पितृ पक्ष (Pitru Paksha) में पितरों का श्राद्ध करने और तर्पण(tarpan) देने का अति विशेष महत्व होता है. पितरों का तर्पण करने का मतलब उन्हें जल देना होता है. इसके लिए प्रतिदिन सुबह उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर तर्पण की सामग्री लेकर दक्षिण की ओर मुंह करके बैठ जाएं. सबसे पहले अपने हाथ में जल, अक्षत, पुष्प लेकर दोनों हाथ जोड़कर अपने पितरों को ध्यान करते हुए उन्हें आमंत्रित करें. खासकर नदी के किनारे तर्पण करना विशेष महत्व रखता है. इस दौरान अपने पितरों को नाम लेते हुए उसे जमीन में या नदी में प्रवाहित करें. इस तरह तर्पण करने से आपको पुण्य फल की प्राप्ति होगी.

हैदराबाद/रायपुर: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2021) का काफी महत्व है. इस पक्ष के 15 दिनों तक परिवार में कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते. इस दौरान 15 दिनों तक पितरों की पूजा (worship of ancestors) होती है. पूर्वजों और पितरों को याद कर पिंडदान(pinddaan) किया जाता है. इस वर्ष 20 सितंबर से पितृपक्ष की शुरुआत हो चुकी है. करीब 15 दिन बाद यह पक्ष 6 अक्टूबर को खत्म होगा. शास्त्रों के मुताबिक इस दौरान हमारे पितृ धरती पर आते हैं और हमे आशीर्वाद देते हैं. इसलिए इस 15 दिनों के पक्ष में श्राद्ध करना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. हमारे पितृ पशु, पक्षियों के रूप में हमारे पास आते हैं. गाय, कुत्ता, कौवा और चीटी के माध्यम से यह आहार ग्रहण करते हैं. इसलिए पितृ पक्ष में श्राद्ध के दौरान पितरों के लिए भोजन का एक हिस्सा निकाला जाता है.

शास्त्रों के मुताबिक कुत्ता जल तत्व का प्रतीक है, कौवा को वायु तत्व माना गया है. चींटी को अग्नि तत्व का प्रतीक माना गया है. गाय को पृथ्वी तत्व का रूप माना गया है इसके साथ ही देवता को आकाश तत्व का प्रतीक समझा गया है. इस प्रकार इन पांच तत्वों को भोजन देकर हम आभार व्यक्त कर पितरों को याद कर सकते हैं

22 सितंबर को द्वितीया श्राद्ध

22 सितंबर (September 22) को अश्विन कृष्ण पक्ष द्वितीया (Ashwin Krishna Paksha Dwitiya) है. इस दौरान दिन-रात पंचक जारी है. पंडितों के अनुसार इस बार द्वितीया तिथि बढ़ने से श्राद्ध पक्ष 17 दिन तक का होना बताया जा रहा है. द्वितीया तिथि 22 सितंबर को पूरे दिन और 23 सितंबर को सुबह 6.54 बजे तक है. इस तरह यह तिथि दो दिनों तक रहेगी. उसके बाद तृतीया तिथि शुरू होगी. द्वितीया तिथि का श्राद्ध 22 सितंबर को किया जायेगा. इस दिन द्वितीया तिथि में उन लोगों का श्राद्ध किया जायेगा, जिनकी मृत्यु किसी भी महीने के कृष्ण या शुक्ल पक्ष की द्वितीया को हुई है.

पितृ पक्ष के श्राद्ध की तिथियां (Pitru Paksha Shradh dates)

  • पूर्णिमा श्राद्ध - 20 सितंबर 2021
  • प्रतिपदा श्राद्ध - 21 सितंबर 2021
  • द्वितीया श्राद्ध - 22 सितंबर 2021
  • तृतीया श्राद्ध - 23 सितंबर 2021
  • चतुर्थी श्राद्ध - 24 सितंबर 2021
  • पंचमी श्राद्ध - 25 सितंबर 2021
  • षष्ठी श्राद्ध - 27 सितंबर 2021
  • सप्तमी श्राद्ध - 28 सितंबर 2021
  • अष्टमी श्राद्ध- 29 सितंबर 2021
  • नवमी श्राद्ध - 30 सितंबर 2021
  • दशमी श्राद्ध - 1 अक्तूबर 2021
  • एकादशी श्राद्ध - 2 अक्तूबर 2021
  • द्वादशी श्राद्ध- 3 अक्तूबर 2021
  • त्रयोदशी श्राद्ध - 4 अक्तूबर 2021
  • चतुर्दशी श्राद्ध- 5 अक्तूबर 2021
  • अमावस्या श्राद्ध- 6 अक्तूबर 2021

तर्पण की विधि

पितृ पक्ष (Pitru Paksha) में पितरों का श्राद्ध करने और तर्पण(tarpan) देने का अति विशेष महत्व होता है. पितरों का तर्पण करने का मतलब उन्हें जल देना होता है. इसके लिए प्रतिदिन सुबह उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर तर्पण की सामग्री लेकर दक्षिण की ओर मुंह करके बैठ जाएं. सबसे पहले अपने हाथ में जल, अक्षत, पुष्प लेकर दोनों हाथ जोड़कर अपने पितरों को ध्यान करते हुए उन्हें आमंत्रित करें. खासकर नदी के किनारे तर्पण करना विशेष महत्व रखता है. इस दौरान अपने पितरों को नाम लेते हुए उसे जमीन में या नदी में प्रवाहित करें. इस तरह तर्पण करने से आपको पुण्य फल की प्राप्ति होगी.

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