रायपुर : छत्तीसगढ़ में इस साल सरकार द्वारा धान खरीदी के आंकड़ों ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. सरकारी आंकड़े के मुताबिक इस साल 82 लाख 81 हजार 241 मैट्रिक टन धान की खरीदी हुई है. इस साल 18 लाख 20 हजार 914 किसानों ने प्रदेशभर में धान बेचा है. इतनी बड़ी संख्या में किसानों ने पहली बार धान बेचने के लिए पंजीयन कराया था. जिलेवार आंकड़ों पर नजर डालें तो इस बार भी जांजगीर-चांपा जिला पूरे प्रदेश में धाने बेचने के मामले में नंबर वन रहा.
आइए नजर डालते हैं छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा बनाने वाले प्रमुख जिलों के इस साल के प्रदर्शन पर
- जांजगीर-चांपा में कुल धान उपार्जन 7 लाख 86 हजार 679 टन, किसान एक लाख 69 हजार 46
- महासमुंद में कुल धान उपार्जन 7 लाख 26 हजार 6 टन, किसान एक लाख 28 हजार 642
- राजनांदगांव में कुल धान उपार्जन 6 लाख 75 हजार 300 टन, किसान एक लाख 65 हजार 266
- बलौदाबाजार में कुल धान उपार्जन 6 लाख 49 हजार 887 टन, किसान एक लाख 50 हजार 295
- बालोद में कुल धान उपार्जन 5 लाख एक हजार 533 टन, एक लाख 19 हजार 679
- बेमेतरा में कुल धान उपार्जन 4 लाख 96 हजार 92 टन, एक लाख 5 हजार 286
- रायपुर में कुल धान उपार्जन 4 लाख 94 हजार 382 टन, किसान एक लाख 12 हजार 565
- रायगढ़ में कुल धान उपार्जन 4 लाख 83 हजार 84 टन, किसान 90 हजार 239
- बिलासपुर में कुल धान उपार्जन 4 लाख 70 हजार 73 टन, किसान 99 हजार 911
- धमतरी में कुल धान उपार्जन 4 हजार 17 हजार 376 टन, किसान एक लाख 2 हजार 497
हर साल की तरह ये दस जिले इस बार भी टॉप टेन में अपनी जगह बनाने में कामयाब रहे. बस्तर और सरगुजा संभाग का प्रदर्शन पिछले वर्ष की तरह ही औसत रहा है. बस्तर संभाग की बात करें तो सबसे ज्यादा कांकेर जिले में (2 लाख 78 हजार 82 टन) और सबसे कम सुकमा जिले में (31हजार 915 टन) धान का उपार्जन किया गया. हालांकि अभी भी कई जिलों में किसान अपना धान नहीं बेच पाए हैं और कई किसानों का धान खरीदी केन्द्रों में डंप है. वहीं प्रशासन का कहना है कि जिन किसानों को टोकन मिल चुका है उनका धान खरीदा जाएगा. ऐसे में इन आंकड़ों में मामूली बदलाव अभी हो सकता है.