रायपुर: इंटरनेट के दौर में सारा विश्व ग्लोबल विलेज में तब्दील हो गया है. जहां व्यापार, संस्कृति और भाषाओं का दायरा बढ़ा है. आज के समय में अंग्रेजी के साथ-साथ अन्य वैश्विक भाषा को लेकर भी लोगों का रुझान बढ़ा है. सफल करियर बनाने की इच्छा रखने वाले छात्रों के लिए विदेशी भाषा सीखना भी जरुरी हो गया है. ऐसे में विदेशी भाषा का बाजार भी बढ़ता जा रहा है. रायपुर में भी विदेशी भाषा सिखाने के लिए अलग-अलग इंस्टिट्यूट हैं. जो इससे संबंधित कोर्स करवाते हैं. इंजीनियरिंग, एमबीए, मेडिकल जैसे प्रोफेशनल कोर्स पढ़ने वाले स्टूडेंट्स विदेश में काम करने के लिए विदेशी भाषा सीख रहे हैं.
राजधानी के पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में भी विदेशी भाषा के कोर्स की पढ़ाई होती है. छात्र-छात्राएं यहां से भाषा सीख कर अच्छी जगहों पर काम कर रहे हैं. साहित्य और भाषा अध्ययन शाला विभाग के अध्यक्ष डॉ. शैल शर्मा ने बताया कि इस विभाग में शुरुआत से ही डिप्लोमा इन फ्रेंच, डिप्लोमा इन रशियन, डिप्लोमा इन जर्मन की पढ़ाई कराई जा रही है. वर्तमान में फ्रेंच लैंग्वेज की पढ़ाई करवाई जा रही है.
जर्मन और फ्रेंच भाषा की डिमांड ज्यादा
डॉक्टर शैल शर्मा ने बताया कि आवश्यकता के अनुसार व्यक्ति भाषाओं को सीखता है. कुछ लोग विदेश में जाकर नौकरी करने और कुछ लोग लिटरेचर पढ़ने के लिए भी भाषाओं को सीखते हैं. रोजगार के अवसर से देखा जाए तो जर्मन भाषा की डिमांड ज्यादा है. लोग सोचते हैं कि यूरोपियन कंट्री में नौकरी करने के लिए जर्मन भाषा आवश्यक है.फ्रेंच भाषा सीखने वालों की संख्या भी ज्यादा है. मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई में फ्रेंच के शब्द ज्यादा हैं. इसलिए भी स्टूडेंट्स फ्रेंच पढ़ने आते हैं.
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करियर ग्रोथ के साथ होती है बेहतर कमाई
विदेशी भाषा में रोजगार के अवसर पर असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. आरती पाठक ने कहा कि आज के समय में करियर के तौर पर ट्रांसलेशन का क्षेत्र ज्यादा बढ़ा है. इसके साथ ही विदेश जाने वाले टेक्निकल फील्ड के छात्रों को अंग्रेजी के साथ-साथ वहां की भाषा पर भी कमांड होना जरूरी हो गया है. इससे उन्हें अच्छी सैलरी के साथ बड़ी पोस्ट भी मिलती है.
एंबेसी में डॉक्यूमेंटटेशन का काम
वर्तमान समय में हिंदी को जो वर्चस्व मिला है. जिसके चलते अलग-अलग एंबेसी भी अपने डॉक्यूमेंटटेशन के काम तीन भाषा में करती है. जिन बच्चों को इंग्लिश के अलावा दूसरी विदेशी भाषा आती है, वे हिंदी को अच्छे से ट्रांसलेट करते हैं.इससे विदेशी भाषा में भी करियर का ग्रोथ बढ़ गया है. इसके साथ ही जो बच्चे फॉरेन लैंग्वेज सीख लेते हैं. वे अपना इंस्टिट्यूट भी चला रहे हैं. इससे रोजगार के अवसर में मिल रहे हैं.
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भाषा सीखने में लगता है 6 महीने से 1 साल तक का समय
डॉ. आरती पाठक ने बताया कि किसी भी विदेशी भाषा को सीखने का कोर्स अलग-अलग समय अवधि का होता है. डिप्लोमा कोर्स में 6 महीने से 1 साल का वक्त लगता है. कई संस्थानों में 1 साल से 2 साल के बीच विदेशी भाषाओं के कोर्स कराए जाते हैं.
लोग विदेशों में बनाना चाहते हैं करियर
विदेशी भाषा सीख रहे छात्रों ने ईटीवी भारत से बातचीत की. वे अपने अच्छे कैरियर के लिए फॉरेन लैंग्वेज सीख रहे हैं. इसके अलावा कई नौकरी पेशा लोग भी है, जो विदेशों में जाकर अपना करियर बनाना चाहते हैं. फ़्रैंच लैंग्वेज सीख रहे विजय विक्टर ने बताया कि वे आर्किटेक्ट है,आर्किटेक्ट फील्ड में फ्रेंच के बहुत सारे टर्म आते है. साथ ही उनका विदेशी भाषा सीखने का लगाव भी रहा है.
वीजा की प्रक्रिया में भी मिलती है वरीयता
छात्रों ने बताया कि आप विदेशी भाषा सीखते हैं तो आप उस संस्कृति और देश को जानते हैं. विदेशी भाषा की मदद से वीजा की प्रक्रिया में भी वरीयता मिलती है. गुरिंदर सिंह ने बताया कि वे कनाडा की परमानेंट नागरिकता चाहते है. वहां अपना भविष्य बनना चाहते हैं. इसलिए वे फ्रेंच लैंग्वेज सीख रहे हैं.
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पेशे से शिक्षक शीतल का कहना है कि वे अपने हायर एजुकेशन के लिए विदेशी भाषा सीख रहीं हैं. वे स्कूल में टीचर हैं. आज के समय में स्कूलों में बच्चों को भी फॉरेन लैंग्वेज सिखाई जाती है. वे इसे सीखकर बच्चों को भी फॉरेन लैंग्वेज सीखा सकती है. उनके करियर को भी ग्रोथ मिलेगा.
वैश्वीकरण के बाद विदेशी भाषा की डिमांड ज्यादा
रोजगार के क्षेत्र का वैश्वीकरण होने के बाद आज विदेशी भाषा की डिमांड भी बढ़ी है. इसके साथ ही विदेशी भाषा सीखने वालों के लिए रोजगार के क्षेत्र भी बढ़ते जा रहे हैं. रोजगार के तौर पर सबसे ज्यादा रोजगार अनुवादक हैं. इसके अलावा एसोसिएट इंटरप्रेटर, फॉरेन लैंग्वेज टीचर, इंटरप्रेटर (दुभाषिया), जन संपर्क अधिकारी, स्वतंत्र लेखक, सरकारी संगठनों में कार्य, रिसर्च एसोसिएट, टूरिस्ट गाइड, जैसे तमाम रोजगार के अवसर मौजूद हैं.
अलग-अलग सेक्टर में लाखों रुपये कमा रहे लोग
फ्रैंच लैंग्वेज के टीचर अविनाश शर्मा ने बताया कि वे पिछले कई सालों से फ्रैंच भाषा सीखा रहे हैं. फ्रैंच लैंग्वेज विदेशी भाषाओं में आसानी से सीखे जाने वाली भाषा है. अंग्रेजी से शब्दावली मिलने के कारण स्टूडेंट्स इसके प्रति आकर्षित होते हैं. इसमें करियर की संभावना भी ज्यादा है. लैंग्वेज सीखने के बाद बड़ी-बड़ी कंपनियां और अलग-अलग सेक्टर में लोग लाखों रुपये कमाते हैं.
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विदेशी भाषा के कोर्स भी बढ़े
रायपुर और आसपास के उद्योग धंधों में कुछ कंपनियों का कोलैबोरेशन फ्रेंच कंपनियों से है. वहां भी समय-समय पर रोजगार के अवसर मिलते रहते हैं. अच्छे पैकेज पर छात्र वहां जाकर काम भी कर रहे हैं. सैलरी और पैकेज के साथ विदेशी भाषा कोर्स की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. विदेशी भाषा में कैरियर बनाने वाले छात्रों के लिए स्पेनिश,फ्रेंच, जर्मन जैसे विदेशी भाषाओं में रोजगार के बेहतरीन अवसर प्राप्त होते हैं.
दूतावास में भी नौकरी के अवसर
जानकारों ने बताया कि स्वतंत्र लेखन और संपादक के तौर पर शुरुआत में भाषा और व्याकरण की जांच के लिए करीब 1000 से 1500 रुपए प्रति घंटा का भुगतान किया जाता है. विदेशी भाषा के दुभाषी शिक्षक को सालाना 1 लाख से 15 लाख रुपये की सैलरी भी प्राप्त होती है. इसके अलावा विश्वविद्यालयों और प्रतिष्ठित संस्थानों से विदेशी भाषा का कोर्स पूरा करने वाले छात्रों को अलग-अलग देशों के दूतावास में भी नौकरी के अवसर मिलते हैं. जहां उन्हें विदेशी मुद्रा में भी वेतन दिया जाता है. जो लगभग 20 हजार डॉलर से 30 हजार के बीच में होता है.