रायपुर: प्रदेश में ठंड का मौसम (Cold Weather) शुरू हो चुका है. हालांकि अभी हल्की ठंड ही लोगों को लग रही है. पिछले कुछ दिनों में घने कोहरे से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मौसम एक्सपर्ट का कहना है कि ठंड के शुरुआती दिनों में वायु प्रदूषण (Air Pollution) के कारण लोगों को जीना मुहाल हो गया है.
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वायु प्रदूषण बड़ी समस्या
वायु प्रदूषण एक बहुत बड़ी समस्या बनकर उभर रही है. राजधानी के बाहरी क्षेत्र जैसे उरला, सिलतरा में इंडस्ट्री होने की वजह से वहां पर बड़ी संख्या में धूल निकल रहा है. हवा होने की वजह से पूरा डस्ट शहर में एयरपोर्ट की तरफ जा रहा है. इस वजह से सुबह के समय एयरपोर्ट पर कोहरा देखने को मिल रहा है. यह कोहरा ठंड का नहीं बल्कि वायु प्रदूषण का है. हालांकि प्रशासन ने शहर में ट्रैफिक व्यवस्था को मेंटेन रखने के लिए सुबह 6 बजे से रात को 10 बजे तक शहर में ट्रकों का आना जाना बंद कर रखा है. इंडस्ट्रियल क्षेत्र में प्रदूषण से हो रही समस्या को देखते हुए लोगों में किस तरह की बीमारी इस समय देखने को मिली है. इस बारे में ईटीवी भारत ने कुछ स्थानीय लोगों और डॉक्टर से खास बातचीत की. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा...
फैक्ट्रियों के धुएं और सड़कों पर धूल के कारण लोगों को होती है समस्या
स्थानी निवासियों का कहना है कि उरला सिलतरा जैसे क्षेत्र में कंपनियों और वहां सड़कों पर काफी ज्यादा धूल डस्ट देखने को मिलती है. दरअसल इन कंपनियों में 24X7 काम चलता रहता है. इसके अलावा सड़कें भी खराब है. बड़े गाड़ियों का आवागमन काफी ज्यादा होता है. इस वजह से इन इलाकों में धूल डस्ट की समस्या काफी देखने मिलती है. हालांकि कंपनी की तरफ से मास्क हेलमेट दिए गए हैं. लेकिन फिर भी धूल डस्ट से अक्सर खांसी की समस्या बनी रहती है और आगे जाकर हमारे लिए यह हानिकारक हो सकती है.
वायु प्रदूषण से बच्चों और बुजुर्गों में बढ़ती है सांस की समस्या
छत्तीसगढ़ हॉस्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने बताया कि वायुमंडल में जो प्रदूषण के पार्टिकल होते हैं. खासकर जो औद्योगिक प्रदूषण होता है. वह पार्टिकल जब ठंड के समय में प्रदूषण की वजह से नीचे आ जाते हैं तो वहीं कोहरे का रूप ले लेता है. जिसे हम कोहरा समझते हैं. यह कोहरा नहीं बल्कि प्रदूषण है. जब वायु प्रदूषण ज्यादा हो तो खास करके बुजुर्ग और बच्चों में पहले सांस की बीमारी है तो उस पर अटैक करता है. खासकर रायपुर के उस हिस्से में जहां इंडस्ट्रियल बेल्ट बहुत ज्यादा निकट है. वहां पर ज्यादा मरीज मिलते हैं.
क्योंकि हवा की रफ्तार शहर की तरफ है. इसीलिए शहर में और स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट में प्रदूषण नजर आ रहा है. लोगों को इस बात का खास ख्याल रखना होगा कि कैसे कम से कम वायु प्रदूषण हो और इंडस्ट्रियल बेल्ट से किस तरह वायु का प्रभाव शहर की तरफ ना आए और इसके लिए ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने की जरूरत है.
बीते गुरुवार को स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट ( Swami Vivekananda Airport ) पर भी 3 घंटे कोहरे का ऐसा गुबार बना रहा. जिससे फ्लाइट को लैंड करने में काफी परेशानी हो रही थी. आखिरकार फ्लाइट को लैडिंग करने में देरी हो रही है. कोहरे की वजह से स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट में 3 घंटे तक फ्लाइट की गतिविधि ठप रही. कोहरा छटने के बाद करीब 1 घंटे के अंदर 16 विमानों की लैंडिंग एयरपोर्ट पर की गई.