रायपुर : होली मिलन के कार्यक्रम में साउंड सिस्टम, ढोल नगाड़े के साथ लोग होली खेलते दिखाई पड़े और एक दूसरे को होली की बधाई देकर इस पर्व को सादगी और सौभाग्य पूर्ण वातावरण में मनाए जाने का अनुरोध किया गया. पूरे देश में 7 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा, जिसके बाद अगली सुबह 8 मार्च को रंगों का त्योहार होली मनाई जाएगी. होली के ठीक 2 दिन पहले पतंजलि योग समिति की ओर से होली मिलन का आयोजन राजधानी के अनुपम गार्डन में सोमवार की सुबह किया गया.
केमिकल फ्री होली का संदेश : होली मिलन समारोह में लोगों ने एक दूसरे को फूलों की होली खेलकर गले मिलकर बधाई दिया. लोगों को एक संदेश भी दिया कि आने वाली युवा पीढ़ी भी इसी तरह केमिकल रहित होली खेले. इस दौरान फाग गीत पर लोग जमकर थिरके. हैप्पी ग्रुप की ललिता अग्रवाल ने बताया कि "पिछले कई सालों से फूलों की होली खेलने के साथ ही एक दूसरे को मिठाई खिलाकर गले लगकर होली की बधाई देते हैं. पहले की तुलना में आज फूलों से होली खेलने में काफी मजा आ रहा है." वहींअनुराधा साहू ने बताया कि "पिछले कई सालों से हम फूलों की होली खेल रहे हैं. केमिकल युक्त रंग गुलाल से होली खेलने पर शरीर की त्वचा को नुकसान पहुंचाता है. फूलों की होली खेलने से हम पानी की भी बचत कर सकते हैं. फूलों से होली खेलकर लोगों को होली की बधाई भी दी जा सकती है."
पुराने दोस्तों से मिलने का मौका : पतंजलि योग समिति के सदस्य विरेंद्र ठाकुर ने बताया कि "केमिकल रहित होने के कारण फूल से होली खेल रहे हैं. इसमें किसी तरह का कोई केमिकल नहीं मिला है, जिसके कारण हम लोग फूल की होली खेलना पसंद करते हैं. शांति और सौहार्द पूर्ण वातावरण में होली का पर्व मना रहे हैं. इसी बहाने पुराने दोस्त यार से भी मुलाकात हो जाती है, और दिल से मिलते हैं.''
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12 साल से होली मिलन का आयोजन : पतंजलि योग समिति के सहराज्य प्रभारी छबिराम साहू ने बताया कि "पतंजलि योग समिति की ओर से पिछले 12 सालों से राजधानी के अनुपम गार्डन में फूलों से होली खेला जा रहा है.फूलों की होली में एक दूसरे के ऊपर फूल डाल कर लोगों को होली की बधाई देने के साथ ही गले मिलते हैं. पतंजलि योग समिति के इस आयोजन में और भी कई टीमों ने हिस्सा लिया. अनुपम गार्डन में होली खेलने का अपना एक अलग ही मजा है. लोग जोड़े में एक दूसरे को फूल की माला पहना कर उन्हें बधाई देते हैं, और यह एहसास दिलाते हैं कि फिर से हमारी शादी के दिन वापस लौट आएं."