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SPECIAL: छात्रों के परिजनों की मांग, कोरोना काल में न खोले जाएं स्कूल

कोरोना महामारी के कारण पैरेंट्स स्कूल खोलने के पक्ष में नहीं है. उनका कहना है कि छोटे बच्चे स्कूल में अपनी सुरक्षा खुद नहीं कर सकते है, ऐसे में स्कूल खोलना उचित नहीं है.

raipur school
कोरोना काल में कितने सुरक्षित हैं स्कूल
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Published : Jul 15, 2020, 6:52 PM IST

Updated : Jul 15, 2020, 7:52 PM IST

रायपुर: पूरा विश्व इन दिनों कोरोना महामारी से लड़ रहा है. हर क्षेत्र कोरोना संकट से प्रभावित हुआ है. प्राइवेट सेक्टर, सार्वजनिक क्षेत्र, लगभग हर क्षेत्र को इस महामारी ने प्रभावित किया है. लेकिन सबसे ज्यादा प्रभावित अगर कोई क्षेत्र हुआ है तो वह है एजुकेशन सेक्टर. जुलाई का महीना बीतने को है लेकिन अब तक ना स्कूल खुल पाए हैं और ना ही कॉलेज. हालांकि इनके खोलने को लेकर सरकार विचार जरूर कर रही है, लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं लिया जा सका है.

कोरोना काल में कितने सुरक्षित हैं स्कूल

स्कूल-कॉलेज खुलने पर संशय बरकरार
हर साल 15 जून के बाद से ही स्कूल खोल दिए जाते थे. लेकिन इस बार मार्च से बंद स्कूल-कॉलेज अब तक नहीं खुले हैं. हालांकि चर्चा जरूर है कि 15 अगस्त के बाद स्कूल खोले जा सकते हैं. लेकिन ना तो सरकार इसे लेकर तैयार है और ना ही परिजन इसके लिए तैयार नजर आ रहे हैं.

पढ़ें: निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ ABVP ने बोला हल्ला, DEO से की कार्रवाई की मांग

'स्कूल खुलना मतलब महामारी को बढ़ावा देना'

ETV भारत की टीम ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कुछ पैरेंट्स से स्कूल खोलने को लेकर बात की. रायपुर के दिनेश शर्मा ने बताया कि अभी स्कूल खोलने का मतलब महामारी को बढ़ावा देना होगा. क्योंकि छोटे-छोटे बच्चे अपनी सुरक्षा नहीं कर सकते है. इन्हें ना तो सोशल डिस्टेंसिंग पता है और ना ही उन्हें क्वॉरेंटाइन का मतलब पता है. और ना ही उन्हें अकेले रखा जा सकता है. स्कूल खुलने के बाद यदि एक बच्चा भी संक्रमित हुआ तो इससे कई और बच्चे संक्रमित हो जाएंगे. ऐसे में सरकार को अब स्कूल खोलने के बारे में नहीं सोचना चाहिए. वहीं उन्होंने कहा कि इस समय चल रहे ऑनलाइन क्लास को भी बंद करना चाहिए क्योंकि इससे बच्चों पर विपरीत प्रभाव पड़ने लगा है.

पढ़ें: SPECIAL: कोरोना बना RTE आवेदकों के लिए संकट, कैसे मिलेगा एडमिशन ?

'स्कूलों में बच्चों को संभालना काफी मुश्किल'

वहीं कीर्ति चावला का भी कहना है कि इस समय घरों में ही बच्चों की सुरक्षा को लेकर पैरेंट्स का काम काफी बढ़ गया है, और ऐसे समय में एक साथ इतने बच्चों को स्कूल में संभालना काफी मुश्किल है. और छोटे-छोटे बच्चे जो कि अपनी सुरक्षा खुद नहीं कर सकते, ऐसे में स्कूल में वे अपनी सुरक्षा कैसे कर पाएंगे. उन्होंने कहा कि अगर बच्चे स्कूल जाएंगे तो कहीं ना कहीं एक दूसरे के संपर्क में आएंगे. इतने बच्चों को लंबे समय तक रोक पाना शिक्षकों के लिए भी आसान नहीं होगा. ऐसे में सरकार को अभी स्कूल खोलने के बारे में नहीं सोचना चाहिए.

'स्कूल खोलने को लेकर फिलहाल कोई फैसला नहीं'

जिला शिक्षा अधिकारी जी आर चंद्राकर ने बताया कि भले ही यह चर्चा है कि अगस्त तक स्कूल खोले जा सकते हैं लेकिन सरकार ने अब तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया है. हम केंद्र के फैसले का इंतजार करेंगे और उसी के अनुरूप स्कूलों को संचालित किया जाएगा.उन्होंने कहा कि अभी तक किसी भी राज्य या दूसरे देशों में भी स्कूल नहीं खोले गए है, वहीं कुछ देशों ने स्कूल खोले भी थे लेकिन कोरोना महामारी के केस बढ़ने के बाद उन्हें बंद करा दिया गया.

पढ़ें: सरगुजा के 5 सरकारी स्कूल हुए ENGLISH MEDIUM, जल्द शुरू होगी ऑनलाइन पढ़ाई

बता दें हमेशा अपने बच्चों को स्कूल जाने के लिए प्रेरित करने वाले पैरेंट्स इस कोरोना महामारी के समय अपने बच्चों को स्कूल भेजने में डर रहे है. क्योंकि छोटे बच्चे ना तो सही तरीके से मास्क पहन सकते हैं और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग उन्हें पता है. इस वजह से ज्यादातर पैरेंट्स अपने बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर स्कूल खोले जाने के पक्ष में नहीं है.

रायपुर: पूरा विश्व इन दिनों कोरोना महामारी से लड़ रहा है. हर क्षेत्र कोरोना संकट से प्रभावित हुआ है. प्राइवेट सेक्टर, सार्वजनिक क्षेत्र, लगभग हर क्षेत्र को इस महामारी ने प्रभावित किया है. लेकिन सबसे ज्यादा प्रभावित अगर कोई क्षेत्र हुआ है तो वह है एजुकेशन सेक्टर. जुलाई का महीना बीतने को है लेकिन अब तक ना स्कूल खुल पाए हैं और ना ही कॉलेज. हालांकि इनके खोलने को लेकर सरकार विचार जरूर कर रही है, लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं लिया जा सका है.

कोरोना काल में कितने सुरक्षित हैं स्कूल

स्कूल-कॉलेज खुलने पर संशय बरकरार
हर साल 15 जून के बाद से ही स्कूल खोल दिए जाते थे. लेकिन इस बार मार्च से बंद स्कूल-कॉलेज अब तक नहीं खुले हैं. हालांकि चर्चा जरूर है कि 15 अगस्त के बाद स्कूल खोले जा सकते हैं. लेकिन ना तो सरकार इसे लेकर तैयार है और ना ही परिजन इसके लिए तैयार नजर आ रहे हैं.

पढ़ें: निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ ABVP ने बोला हल्ला, DEO से की कार्रवाई की मांग

'स्कूल खुलना मतलब महामारी को बढ़ावा देना'

ETV भारत की टीम ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कुछ पैरेंट्स से स्कूल खोलने को लेकर बात की. रायपुर के दिनेश शर्मा ने बताया कि अभी स्कूल खोलने का मतलब महामारी को बढ़ावा देना होगा. क्योंकि छोटे-छोटे बच्चे अपनी सुरक्षा नहीं कर सकते है. इन्हें ना तो सोशल डिस्टेंसिंग पता है और ना ही उन्हें क्वॉरेंटाइन का मतलब पता है. और ना ही उन्हें अकेले रखा जा सकता है. स्कूल खुलने के बाद यदि एक बच्चा भी संक्रमित हुआ तो इससे कई और बच्चे संक्रमित हो जाएंगे. ऐसे में सरकार को अब स्कूल खोलने के बारे में नहीं सोचना चाहिए. वहीं उन्होंने कहा कि इस समय चल रहे ऑनलाइन क्लास को भी बंद करना चाहिए क्योंकि इससे बच्चों पर विपरीत प्रभाव पड़ने लगा है.

पढ़ें: SPECIAL: कोरोना बना RTE आवेदकों के लिए संकट, कैसे मिलेगा एडमिशन ?

'स्कूलों में बच्चों को संभालना काफी मुश्किल'

वहीं कीर्ति चावला का भी कहना है कि इस समय घरों में ही बच्चों की सुरक्षा को लेकर पैरेंट्स का काम काफी बढ़ गया है, और ऐसे समय में एक साथ इतने बच्चों को स्कूल में संभालना काफी मुश्किल है. और छोटे-छोटे बच्चे जो कि अपनी सुरक्षा खुद नहीं कर सकते, ऐसे में स्कूल में वे अपनी सुरक्षा कैसे कर पाएंगे. उन्होंने कहा कि अगर बच्चे स्कूल जाएंगे तो कहीं ना कहीं एक दूसरे के संपर्क में आएंगे. इतने बच्चों को लंबे समय तक रोक पाना शिक्षकों के लिए भी आसान नहीं होगा. ऐसे में सरकार को अभी स्कूल खोलने के बारे में नहीं सोचना चाहिए.

'स्कूल खोलने को लेकर फिलहाल कोई फैसला नहीं'

जिला शिक्षा अधिकारी जी आर चंद्राकर ने बताया कि भले ही यह चर्चा है कि अगस्त तक स्कूल खोले जा सकते हैं लेकिन सरकार ने अब तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया है. हम केंद्र के फैसले का इंतजार करेंगे और उसी के अनुरूप स्कूलों को संचालित किया जाएगा.उन्होंने कहा कि अभी तक किसी भी राज्य या दूसरे देशों में भी स्कूल नहीं खोले गए है, वहीं कुछ देशों ने स्कूल खोले भी थे लेकिन कोरोना महामारी के केस बढ़ने के बाद उन्हें बंद करा दिया गया.

पढ़ें: सरगुजा के 5 सरकारी स्कूल हुए ENGLISH MEDIUM, जल्द शुरू होगी ऑनलाइन पढ़ाई

बता दें हमेशा अपने बच्चों को स्कूल जाने के लिए प्रेरित करने वाले पैरेंट्स इस कोरोना महामारी के समय अपने बच्चों को स्कूल भेजने में डर रहे है. क्योंकि छोटे बच्चे ना तो सही तरीके से मास्क पहन सकते हैं और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग उन्हें पता है. इस वजह से ज्यादातर पैरेंट्स अपने बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर स्कूल खोले जाने के पक्ष में नहीं है.

Last Updated : Jul 15, 2020, 7:52 PM IST
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