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पंडित जवाहरलाल नेहरू की छत्तीसगढ़ से जुड़ी यादें

Childrens Day 2022 प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने देश की आजादी से पहले और उसके बाद कई दफा छत्तीसगढ़(उस समय का मध्यप्रदेश) का दौरा किया था. नेहरू का छत्तीसगढ़ से खास नाता रहा है. भिलाई स्टील प्लांट की सौगात हो या रायपुर में मेडिकल कॉलेज और इंजीनियरिंग कॉलेज की शुरुआत. पंडित नेहरू का छत्तीसगढ़ के विकास में अहम योगदान रहा है. पं जवाहरलाल जब बस्तर पहुंचे, तब उन्हें जगदलपुर राजा ने शेर का शावक भेंट किया था. नेहरू बिना सुरक्षा खुली कार में खड़े होकर रायपुर में घूमते थे.

Pandit Nehru memories related to Chhattisgarh
पंडित जवाहरलाल नेहरू की छत्तीसगढ़ से जुड़ी यादें
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Published : Nov 14, 2022, 3:30 PM IST

Updated : Nov 14, 2022, 3:56 PM IST

रायपुर: देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू छत्तीसगढ़ ( तब के मध्यप्रदेश) प्रवास पर भी (Pandit Nehru memories related to Chhattisgarh) रहे थे. इस दौरान वे राजधानी रायपुर के कटोरा तालाब में आयोजित एक सभा में भी सम्मिलित हुए थे. इसके अलावा उनके द्वारा छत्तीसगढ़ को कई सौगातें भी दी गई थी. जिसमें भिलाई स्टील प्लांट भी शामिल है. आज हम 14 नवंबर बाल दिवस के अवसर पर पंडित जवाहरलाल की छत्तीसगढ़ से जुड़ी यादों पर चर्चा करने जा रहे हैं. Childrens Day 2022

जवाहरलाल नेहरू ने छत्तीसगढ़ में स्थापित किए थे कई उद्योग
वरिष्ठ साहित्य एवं इतिहासकार आचार्य रमेंद्र मिश्र ने बताया कि "जब पंडित जवाहरलाल नेहरू का छत्तीसगढ़ प्रवास हुआ था, तो वह (आचार्य रमेंद्र मिश्र) छात्र थे. उनके छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान कार्यक्रम में उन्हें सम्मिलित होने का भी मौका मिला. पंडित जवाहरलाल नेहरू के रायपुर प्रवास के दौरान आयोजित एक कार्यक्रम में वह भाषण सुनने अपने पिता के साथ पहुंचे थे." इस तरह से आचार्य रमेंद्र मिश्र के साथ पंडित जवाहरलाल की कई यादें जुड़ी (why celebrate Childrens Day) हुई हैं.
Nehru has made an important contribution in development of Chhattisgarh
नेहरू का छत्तीसगढ़ के विकास में रहा है अहम योगदान

पहली बार 1936 में रायपुर आए थे नेहरू: आचार्य रमेंद्र मिश्र ने बताया कि "आजादी के पहले और आजादी के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू का कई बार रायपुर आना हुआ था. पहली बार वे आजादी से पहले 1936 में रायपुर आए थे. उन्होंने लारी स्कूल (सप्रेशाला) मैदान में आयोजित सभा को संबोधित किया था. उनके भाषण का काफी प्रभाव देखने को मिला और लोगों ने उन्हें भरपूर समर्थन दिया था. इसके बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू का प्रथम आम चुनाव के बाद 1952-53 में रायपुर आगमन हुआ था. तब कटोरा तालाब का विशाल मैदान हुआ करता था. जहां पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपने भाषण से हजारों लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई."

यह भी पढ़ें: आरएसएस और भाजपा के पास धर्मांतरण और सांप्रदायिकता दो ही हथियार: CM भूपेश बघेल


सांइस कॉलेज मैदान सार्वजनिक सभा को किया था संबोधित: आचार्य रमेंद्र मिश्र बताते हैं कि "1963 में पंडित नेहरू रायपुर आए थे, तो एक साथ तीन कार्यक्रमों में शामिल हुए थे. सबसे पहले उन्होंने सांइस कॉलेज मैदान में आयोजित सार्वजनिक सभा को संबोधित (Childrens Day history) किया था. फिर शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज का उद्घाटन किया और कॉलेज के आडिटोरियम में सभा को संबोधित किया था. इसके बाद उन्होंने डीकेएस अस्पताल का उद्घाटन किया था. फिर अस्पताल के भीतर का अवलोकन करते समय नक्शा बनाने वालों पर नेहरू काफी नाराज भी हुए थे. उन्होंने कहा था, इसे किसने डिजाइन किया है, ऐसा कंजेस्टेड अस्पताल भी होता है क्या?"

नेहरू ने रायपुर के इंजीनियरिंग कॉलेज का किया उद्घाटन: आचार्य रमेंद्र मिश्र ने बताया कि "इसके बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू इंजीनियरिंग कॉलेज के उद्घाटन में पहुंचे. जब कॉलेज का उद्घाटन हुआ, तो वहां पहले से ही लोग अंदर मौजूद थे. इस पर उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि "जब पहले से लोग अंदर आ गए हैं, तो उद्घाटन का क्या मतलब. इस पर साथ चल रहे लोग झेंप गए थे. फिर उन्होंने हॉल में जाकर सभा को संबोधित किया था." आचार्य रमेंद्र मिश्र ने बताया कि "जब नेहरू कॉलेज से बाहर निकले तो उनका चेहरा गुस्से से लाल था. यह देख उनसे किसी ने कारण जानने का भी प्रयास नहीं किया."
आचार्य मिश्र बताते हैं कि "जब पंडित जवाहरलाल नेहरू इंजीनियर कॉलेज का उद्घाटन करने पहुंचे थे, तो उस दौरान वे भी कॉलेज के स्टूडेंट के रूप में कार्यक्रम में मौजूद थे. उन्हें भी पंडित जवाहरलाल नेहरू के कार्यक्रम में शामिल होने का मौका मिला था."

आदिवासी कलाकारों के साथ थिरके थे पंडित नेहरू: के आचार्य मिश्र ने बताया कि "जब पंडित जवाहरलाल नेहरु रायपुर आए थे, तब उनका जगदलपुर दौरा भी हुआ था. जहां वे एक कार्यक्रम में आदिवासी कलाकारों के साथ थिरके थे. उस दौरान जगदलपुर के राजा ने पंडित जवाहरलाल नेहरू को शेर का शावक भी भेंट किया था.

यह भी पढ़ें: आरएसएस प्रमुख पहुंचे जशपुर, दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा का करेंगे अनावरण


रायपुर के कटोरा तालाब मैदान में हुआ था कांग्रेस का अधिवेशन: राजनीति के जानकार एवं वरिष्ठ पत्रकार शशांक शर्मा बताते हैं कि "पंडित जवाहरलाल नेहरू आजादी के पहले साल 1922-23 में ही राष्ट्रीय नेता के रूप में उभरे. उस दौरान छत्तीसगढ़ राष्ट्रवादी चलने वाले आंदोलन का एक हिस्सा रहा. इसलिए पंडित जवाहरलाल नेहरू का छत्तीसगढ़ से शुरू से संबंध रहा. जब वे प्रधानमंत्री बने, तो उसके बाद प्रधानमंत्री के तौर पर और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष होने के नाते उनका छत्तीसगढ़ आना जाना लगा रहा. हमारे दादा और पुराने लोग बताते हैं कि एक बार 1952-53 में रायपुर में राष्ट्रीय कांग्रेस अधिवेशन हुआ था. जिसमें भाग लेने पंडित जवाहरलाल नेहरू, राजेंद्र प्रसाद और तमाम कांग्रेस के बड़े नेता रायपुर आए हुए थे. तब रायपुर के कटोरा तालाब के पास बड़ा मैदान हुआ करता था. यहां पर कांग्रेस का यह अधिवेशन रखा गया था."

नेहरू ने भिलाई स्टील प्लांट का रखी नींव: शशांक शर्मा बताते हैं कि "यदि प्रधानमंत्री के तौर पर देखा जाए, तो पंडित जवाहरलाल नेहरू का छत्तीसगढ़ के लिए बड़ा योगदान रहा है. भिलाई स्टील प्लांट के उद्घाटन के अवसर पर पंडित जवाहरलाल नेहरू का छत्तीसगढ़ आना हुआ था. इसके बाद एनआईटी के उद्घाटन में भी पंडित जवाहरलाल नेहरू शामिल हुए थे. मेडिकल कॉलेज के उद्घाटन भी पंडित जवाहरलाल नेहरू ने किया था. हमारे बुजुर्ग वरिष्ठ लोग बताते हैं कि जब उस समय पंडित जवाहरलाल नेहरू आते थे, तो उनकी सिक्योरिटी का इतना बड़ा मामला नहीं होता था, वह खुली कार में खड़े होकर निकला करते थे. लोग सड़क के दोनों ओर खड़े होकर उनका अभिवादन करते थे. ऐसा दृश्य छत्तीसगढ़ की जनता को भी देखने को मिला."

प्रधानमंत्री नेहरू ने छत्तीसगढ़ को दी कई सौगातें: शशांक शर्मा ने बताया कि "प्रधानमंत्री के तौर पर नेहरू ने देश में सभी क्षेत्रों में काम किया. इसके लिए पंचवर्षीय योजना तैयार की जाती थी, उसके तहत काम किया जाता. उस दौरान पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भी पंचवर्षीय योजना के तहत छत्तीसगढ़ में कई काम कराए. भिलाई स्टील प्लांट की स्थापना ने औद्योगिक वातावरण तैयार किया. शैक्षणिक वातावरण तैयार करने के लिए मेडिकल और कॉलेज इंजीनियरिंग कॉलेज खोले गए. बैलाडीला सहित अन्य खदानों को शुरू करना, उसका उत्खनन कराने का काम किया गया. हर तरह की एक्टिविटी भारत सरकार के द्वारा छत्तीसगढ़ में की गई, जो आगे भी निरंतर जारी रहा. लेकिन यह जरूर है कि छत्तीसगढ़ में इसकी शुरुआत पंडित जवाहरलाल नेहरू के द्वारा की गई."

रायपुर: देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू छत्तीसगढ़ ( तब के मध्यप्रदेश) प्रवास पर भी (Pandit Nehru memories related to Chhattisgarh) रहे थे. इस दौरान वे राजधानी रायपुर के कटोरा तालाब में आयोजित एक सभा में भी सम्मिलित हुए थे. इसके अलावा उनके द्वारा छत्तीसगढ़ को कई सौगातें भी दी गई थी. जिसमें भिलाई स्टील प्लांट भी शामिल है. आज हम 14 नवंबर बाल दिवस के अवसर पर पंडित जवाहरलाल की छत्तीसगढ़ से जुड़ी यादों पर चर्चा करने जा रहे हैं. Childrens Day 2022

जवाहरलाल नेहरू ने छत्तीसगढ़ में स्थापित किए थे कई उद्योग
वरिष्ठ साहित्य एवं इतिहासकार आचार्य रमेंद्र मिश्र ने बताया कि "जब पंडित जवाहरलाल नेहरू का छत्तीसगढ़ प्रवास हुआ था, तो वह (आचार्य रमेंद्र मिश्र) छात्र थे. उनके छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान कार्यक्रम में उन्हें सम्मिलित होने का भी मौका मिला. पंडित जवाहरलाल नेहरू के रायपुर प्रवास के दौरान आयोजित एक कार्यक्रम में वह भाषण सुनने अपने पिता के साथ पहुंचे थे." इस तरह से आचार्य रमेंद्र मिश्र के साथ पंडित जवाहरलाल की कई यादें जुड़ी (why celebrate Childrens Day) हुई हैं.
Nehru has made an important contribution in development of Chhattisgarh
नेहरू का छत्तीसगढ़ के विकास में रहा है अहम योगदान

पहली बार 1936 में रायपुर आए थे नेहरू: आचार्य रमेंद्र मिश्र ने बताया कि "आजादी के पहले और आजादी के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू का कई बार रायपुर आना हुआ था. पहली बार वे आजादी से पहले 1936 में रायपुर आए थे. उन्होंने लारी स्कूल (सप्रेशाला) मैदान में आयोजित सभा को संबोधित किया था. उनके भाषण का काफी प्रभाव देखने को मिला और लोगों ने उन्हें भरपूर समर्थन दिया था. इसके बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू का प्रथम आम चुनाव के बाद 1952-53 में रायपुर आगमन हुआ था. तब कटोरा तालाब का विशाल मैदान हुआ करता था. जहां पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपने भाषण से हजारों लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई."

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सांइस कॉलेज मैदान सार्वजनिक सभा को किया था संबोधित: आचार्य रमेंद्र मिश्र बताते हैं कि "1963 में पंडित नेहरू रायपुर आए थे, तो एक साथ तीन कार्यक्रमों में शामिल हुए थे. सबसे पहले उन्होंने सांइस कॉलेज मैदान में आयोजित सार्वजनिक सभा को संबोधित (Childrens Day history) किया था. फिर शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज का उद्घाटन किया और कॉलेज के आडिटोरियम में सभा को संबोधित किया था. इसके बाद उन्होंने डीकेएस अस्पताल का उद्घाटन किया था. फिर अस्पताल के भीतर का अवलोकन करते समय नक्शा बनाने वालों पर नेहरू काफी नाराज भी हुए थे. उन्होंने कहा था, इसे किसने डिजाइन किया है, ऐसा कंजेस्टेड अस्पताल भी होता है क्या?"

नेहरू ने रायपुर के इंजीनियरिंग कॉलेज का किया उद्घाटन: आचार्य रमेंद्र मिश्र ने बताया कि "इसके बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू इंजीनियरिंग कॉलेज के उद्घाटन में पहुंचे. जब कॉलेज का उद्घाटन हुआ, तो वहां पहले से ही लोग अंदर मौजूद थे. इस पर उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि "जब पहले से लोग अंदर आ गए हैं, तो उद्घाटन का क्या मतलब. इस पर साथ चल रहे लोग झेंप गए थे. फिर उन्होंने हॉल में जाकर सभा को संबोधित किया था." आचार्य रमेंद्र मिश्र ने बताया कि "जब नेहरू कॉलेज से बाहर निकले तो उनका चेहरा गुस्से से लाल था. यह देख उनसे किसी ने कारण जानने का भी प्रयास नहीं किया."
आचार्य मिश्र बताते हैं कि "जब पंडित जवाहरलाल नेहरू इंजीनियर कॉलेज का उद्घाटन करने पहुंचे थे, तो उस दौरान वे भी कॉलेज के स्टूडेंट के रूप में कार्यक्रम में मौजूद थे. उन्हें भी पंडित जवाहरलाल नेहरू के कार्यक्रम में शामिल होने का मौका मिला था."

आदिवासी कलाकारों के साथ थिरके थे पंडित नेहरू: के आचार्य मिश्र ने बताया कि "जब पंडित जवाहरलाल नेहरु रायपुर आए थे, तब उनका जगदलपुर दौरा भी हुआ था. जहां वे एक कार्यक्रम में आदिवासी कलाकारों के साथ थिरके थे. उस दौरान जगदलपुर के राजा ने पंडित जवाहरलाल नेहरू को शेर का शावक भी भेंट किया था.

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रायपुर के कटोरा तालाब मैदान में हुआ था कांग्रेस का अधिवेशन: राजनीति के जानकार एवं वरिष्ठ पत्रकार शशांक शर्मा बताते हैं कि "पंडित जवाहरलाल नेहरू आजादी के पहले साल 1922-23 में ही राष्ट्रीय नेता के रूप में उभरे. उस दौरान छत्तीसगढ़ राष्ट्रवादी चलने वाले आंदोलन का एक हिस्सा रहा. इसलिए पंडित जवाहरलाल नेहरू का छत्तीसगढ़ से शुरू से संबंध रहा. जब वे प्रधानमंत्री बने, तो उसके बाद प्रधानमंत्री के तौर पर और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष होने के नाते उनका छत्तीसगढ़ आना जाना लगा रहा. हमारे दादा और पुराने लोग बताते हैं कि एक बार 1952-53 में रायपुर में राष्ट्रीय कांग्रेस अधिवेशन हुआ था. जिसमें भाग लेने पंडित जवाहरलाल नेहरू, राजेंद्र प्रसाद और तमाम कांग्रेस के बड़े नेता रायपुर आए हुए थे. तब रायपुर के कटोरा तालाब के पास बड़ा मैदान हुआ करता था. यहां पर कांग्रेस का यह अधिवेशन रखा गया था."

नेहरू ने भिलाई स्टील प्लांट का रखी नींव: शशांक शर्मा बताते हैं कि "यदि प्रधानमंत्री के तौर पर देखा जाए, तो पंडित जवाहरलाल नेहरू का छत्तीसगढ़ के लिए बड़ा योगदान रहा है. भिलाई स्टील प्लांट के उद्घाटन के अवसर पर पंडित जवाहरलाल नेहरू का छत्तीसगढ़ आना हुआ था. इसके बाद एनआईटी के उद्घाटन में भी पंडित जवाहरलाल नेहरू शामिल हुए थे. मेडिकल कॉलेज के उद्घाटन भी पंडित जवाहरलाल नेहरू ने किया था. हमारे बुजुर्ग वरिष्ठ लोग बताते हैं कि जब उस समय पंडित जवाहरलाल नेहरू आते थे, तो उनकी सिक्योरिटी का इतना बड़ा मामला नहीं होता था, वह खुली कार में खड़े होकर निकला करते थे. लोग सड़क के दोनों ओर खड़े होकर उनका अभिवादन करते थे. ऐसा दृश्य छत्तीसगढ़ की जनता को भी देखने को मिला."

प्रधानमंत्री नेहरू ने छत्तीसगढ़ को दी कई सौगातें: शशांक शर्मा ने बताया कि "प्रधानमंत्री के तौर पर नेहरू ने देश में सभी क्षेत्रों में काम किया. इसके लिए पंचवर्षीय योजना तैयार की जाती थी, उसके तहत काम किया जाता. उस दौरान पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भी पंचवर्षीय योजना के तहत छत्तीसगढ़ में कई काम कराए. भिलाई स्टील प्लांट की स्थापना ने औद्योगिक वातावरण तैयार किया. शैक्षणिक वातावरण तैयार करने के लिए मेडिकल और कॉलेज इंजीनियरिंग कॉलेज खोले गए. बैलाडीला सहित अन्य खदानों को शुरू करना, उसका उत्खनन कराने का काम किया गया. हर तरह की एक्टिविटी भारत सरकार के द्वारा छत्तीसगढ़ में की गई, जो आगे भी निरंतर जारी रहा. लेकिन यह जरूर है कि छत्तीसगढ़ में इसकी शुरुआत पंडित जवाहरलाल नेहरू के द्वारा की गई."

Last Updated : Nov 14, 2022, 3:56 PM IST
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