रायपुर: छत्तीसगढ़ में गाय के गोबर से गौठानों में स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने चप्पल, सजावटी सामान, दीप सहित कई चीजें बनाई है. लेकिन इस बार छत्तीसगढ़ के गौठानों में गाय के गोबर से पेंट बनाया जा रहा है. दरअसल, रायपुर के एक गौठान में स्व-सहायता समूह की महिला और निजी संस्था द्वारा गोबर से पेंट बनाया जा रहा (Paint being made in Gothans of Chhattisgarh) है. गोबर से बनाए जा रहे पेंट बाजार में बिकने वाले पेंट की ही तरह दिखता है. गाय के गोबर से बने पेंट को अष्ट लाभ का भी नाम दिया गया है.
गाय के गोबर से बनने वाले पेंट को फिलहाल बाजार में नहीं बेचा जा रहा है, लेकिन जल्द इसे बाजार में भी बेचा जाएगा. इतना ही नहीं जल्द ही गोबर से पुट्टी भी बनाया जाएगा. इसकी भी तैयारी चल रही है. फिलहाल गाय के गोबर से आखिर किस तरह पेंट बनाया जाता है... इस बारे में ईटीवी भारत में निजी संस्था के प्रोडक्शन मैनेजर सहल साहू से बातचीत की. आईए जानते है उन्होंने क्या कहा....
दूसरे पेंट की तरह दिखता है गोबर का पेंट: निजी संस्था के प्रोडक्शन मैनेजर सहल साहू ने बताया, "जब हमने गाय के गोबर से पेंट बनाने का काम शुरू किया, तब हमारे पास लोग नहीं थे और ना ही किस तरीके से पेंट बनाया जाए इसका एक्सपीरियंस था. हमने स्व सहायता समूह की महिलाओं से मदद ली. जिसके बाद हमने गोबर से पेंट बनाने के लिए मशीन खरीदा और धीरे-धीरे हमने पेंट बनाना शुरू किया. आज हमारे यहां से गोबर से पेंट बनाया जाता है. यह पेंट बाजार में बिकने वाले दूसरे पेंट की तरह दिखता है. गोबर से बने पेंट की क्वालिटी भी बाजार में बिकने वाली पेंट की तरह काफी अच्छी रहती है."
गाय के गोबर से मिल रहा महिलाओं को रोजगार: निजी संस्था के प्रोडक्शन मैनेजर सहल साहू ने बताया "आज गाय के गोबर से पेंट बनाकर हम ना सिर्फ खुद अपने पैर पर खड़े हुए हैं, बल्कि अपने साथ-साथ 30 अन्य महिलाओं और कुछ पुरुषों को भी रोजगार दिया हैं. हम आगे गोबर से पुट्टी बनाने का भी सोच रहे हैं. पूरे भारत में आज तक किसी ने गोबर से पुट्टी नहीं बनाया है. हम पहले होंगे जो गोबर से पुट्टी बनाएंगे."
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इस तरह बनता है गोबर से पेंट:
- सबसे पहले गोबर को इकट्ठा कर गौठान में लाया जाता है.
- पेंट बनाए जाने वाले गोबर में कचरा या कोई अन्य तरह की गंदगी नहीं होनी चाहिए. इस वजह से सबसे पहले गोबर को साफ किया जाता है.
- साफ करने के बाद गोबर को 1 दिन तक खुले में छोड़ दिया जाता है.
- इसके बाद गोबर को मशीन में डालकर पतला पेस्ट बनाया जाता है. मशीन में जितनी मात्रा में गोबर डाला जाता है, उतनी मात्रा में पानी डालकर एक पतला पेस्ट तैयार किया जाता है.
- पेस्ट बनने के बाद गोबर को एक मशीन से दूसरे मशीन में भेजा जाता है, जहां प्रोसेसिंग कर पेस्ट से फाइबर अलग किया जाता है. जिसके बाद गोबर का एक घोल मिलता है, जो पेंट बनाने के लिए बेस प्रोडक्ट होता है.
- गोबर के घोल को पाइप के माध्यम से दूसरे मशीन में भेजा जाता है. दूसरे मशीन में पहुंचने के बाद गोबर में दूसरे कैमिकल मिलाए जाते हैं, जिससे गोबर पेंट तैयार होने लगता है और भूरा रंग का देखने वाला गोबर सफेद हो जाता है.
- गोबर से पेंट बन जाने के बाद वह पूरा सफेद रंग का दिखाई देता है, जिसके बाद उसमें अलग-अलग कलर डालकर पेंट बनाए जाते हैं.
गोबर से बने पेंट के फायदे:
- गोबर से बनाए गए पेंट प्राकृतिक होता है.
- गोबर से बनाए जाने वाले पेंट में दूसरे पेंट की तरह हार्मफुल केमिकल्स नहीं होते हैं.
- गोबर के बने पेंट में एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं.
- बाजार में बिकने वाले दूसरे महंगे पेंट के मुकाबले गोबर से बना पेंट काफी सस्ता होता है.
- गाय के गोबर से बने पेंट जीवाणु और फंगस को रोकने में सक्षम रहते हैं.
- घर में गोबर से बने पेंट लगाने पर वह बाहर के टेंपरेचर के मुकाबले घर को ज्यादा ठंडा रखता है.
- बाजार में मिलने वाले पेंट काफी ज्यादा गंध देते हैं. गोबर से बने पेंट में गंध काफी कम होती है.