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पैडिशनल सिग्नल बंद ! करोड़ों रुपए खर्च करने बाद भी नहीं मिल रहा राहगीरों को फायदा

आईटीएमएस के तहत रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड करोड़ों रुपए खर्च करके शहर में सिग्नल के साथ कैमरे लगाए गए हैं. इसका फायदा आम नागरिक को नहीं मिल रहा है. शहर के 30 से ज्यादा चौराहों पर पैदल चलने वालों के लिए सिग्नल बंद रहता है. इसको लेकर अधिकारियों ने बेतुका तर्क भी दे रहे हैं.

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पैडिशनल सिग्नल बंद
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Published : Mar 28, 2022, 10:38 PM IST

Updated : Mar 29, 2022, 4:08 PM IST

रायपुर : आईटीएमएस के तहत रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड करोड़ों रुपए खर्च करके शहर में सिग्नल के साथ कैमरे लगाए गए हैं. इसका फायदा आम नागरिक को नहीं मिल रहा है. शहर के 50 ऐसे प्रमुख चौक चौराहे हैं, जहां पैदल चलने वाले लोगों के लिए सिग्नल लगवाया गया है. लेकिन 50 प्रमुख चौराहों में 30 से ज्यादा चौराहों पर पैदल चलने वालों के लिए सिग्नल बंद रहता है. नियमानुसार ट्रैफिक सिग्नल का राउंड पूरा होने के बाद पैदल चलने वाले लोगों के लिए सिग्नल की लाइट ग्रीन किया जाना है. ज्यादातर चौराहों में इसे बंद करके रखा गया है. इन्हें लगवाने के बाद भी इसका कोई फायदा लोगों को नहीं मिल पा रहा है.

अधिकारियों का बेतुका तर्क
यह भी पढ़ें: जामगांव में मालगाड़ी हादसा: कुछ ट्रेनों का परिचालन प्रभावित, रेलवे ने जारी की सूची

करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी नहीं मिल रहा सुविधा: शहर में आईटीएमएस सिग्नल सहित कैमरा लगाए हैं. 1 सिग्नल की कीमत लगभग 10 लाख रुपए है. 10 लाख रुपए के हिसाब से 50 चौक-चौराहों में लगभग 5 करोड़ रुपए की राशि खर्च की गई है. इसके बाद भी ज्यादातर सिग्नल पैदल चलने वाले नागरिकों के लिए बंद रहते हैं.

ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं: पैदल चलने वाले लोगों के लिए जहां सिग्नल बंद है. शहर के चौक-चौराहों पर जेबरा क्रॉसिंग भी गायब हो गए हैं. इसकी वजह से पैदल चलने वाले लोगों को परेशानी हो रही. इसके साथ ही जिन चौराहों पर जेब्रा क्रॉसिंग स्पष्ट रूप से नजर आ रही है, वहां भी ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है. गाड़ी चलाने वाले लोगों द्वारा अपनी गाड़ियां जेबरा क्रॉसिंग के ऊपर रोकी जा रही है. इसके चलते पैदल चलने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

पैडिशनल सिग्नल चालू वहां समय कम: जिन चौराहों पर पैदल चलने वाले लोगों के लिए पैडिशनल सिग्नल चालू है, वहां 10 सेकंड के बजाय सिर्फ 5 सेकंड के लिए ही लोगों को सड़क क्रॉस करने का समय मिल रहा है. 5 सेकंड के समय में सड़क क्रॉस करके दूसरी और निकल पाना संभव नहीं है. ऐसे में कम समय होने के कारण भी इसका कोई खास फायदा नहीं मिल पा रहा है.


इन मुख्य चौराहों पर पैडिशनल सिग्नल बंद: ईटीवी भारत ने शहर के अलग-अलग चौक चौराहों का जायजा लिया. ज्यादातर हमने पाया कि शहर के ज्यादातर पैडिशनल सिग्नल काम नहीं कर रहे हैं. इनमें प्रमुख रूप से भगत सिंह चौक, शंकर नगर ,कालीबाड़ी, मेकाहारा चौक ,फाफाडीह चौक, शास्त्री चौक, भाटागांव, फूल चौक ,जय स्तंभ चौक, रायपुरा में पैडिशनल सिग्नल बंद मिले.


अधिकारियों का बेतुका तर्क: पैदल चलने वाले राहगीरों ले लिए सिग्नल बंद होने को लेकर जब ईटीवी भारत ने डीएसपी यातायात सतीश ठाकुर से बताया कि रायपुर स्मार्ट सिटी द्वारा 50 चौक-चौराहे पर सिग्नल लगाया गया है. सभी चौक में पैदल चलने वाले लोगों के लिए भी सिग्नल लगाया गया है, लेकिन कुछ चौराहे ऐसे हैं, जहां पैदल चलने वाले लोगों की संख्या कम है. वहां, पैडिशनल सिग्नल को बंद करके रखा गया है, जहां पर पैडिशनल सिग्नल लगा है वहां लोग उसका इस्तेमाल भी कर रहे हैं. जिन चौक में पैदल चलने वाले लोगों के लिए सिग्नल बंद है. जैसे वहां पर भीड़ बढ़ती जाएगी. उस सिग्नल को हम चालू करेंगे.

डीएसपी ने कहा कि "इसके लिए समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं. किस तरह से जेब्रा क्रॉसिंग का पालन करना है और पैडिशनल सिग्नल किस तरह उपयोगी है. इसको लेकर लोगों को जागरुक किया जा रहा है ताकि इसका फायदा मिल सके."

रायपुर : आईटीएमएस के तहत रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड करोड़ों रुपए खर्च करके शहर में सिग्नल के साथ कैमरे लगाए गए हैं. इसका फायदा आम नागरिक को नहीं मिल रहा है. शहर के 50 ऐसे प्रमुख चौक चौराहे हैं, जहां पैदल चलने वाले लोगों के लिए सिग्नल लगवाया गया है. लेकिन 50 प्रमुख चौराहों में 30 से ज्यादा चौराहों पर पैदल चलने वालों के लिए सिग्नल बंद रहता है. नियमानुसार ट्रैफिक सिग्नल का राउंड पूरा होने के बाद पैदल चलने वाले लोगों के लिए सिग्नल की लाइट ग्रीन किया जाना है. ज्यादातर चौराहों में इसे बंद करके रखा गया है. इन्हें लगवाने के बाद भी इसका कोई फायदा लोगों को नहीं मिल पा रहा है.

अधिकारियों का बेतुका तर्क
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करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी नहीं मिल रहा सुविधा: शहर में आईटीएमएस सिग्नल सहित कैमरा लगाए हैं. 1 सिग्नल की कीमत लगभग 10 लाख रुपए है. 10 लाख रुपए के हिसाब से 50 चौक-चौराहों में लगभग 5 करोड़ रुपए की राशि खर्च की गई है. इसके बाद भी ज्यादातर सिग्नल पैदल चलने वाले नागरिकों के लिए बंद रहते हैं.

ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं: पैदल चलने वाले लोगों के लिए जहां सिग्नल बंद है. शहर के चौक-चौराहों पर जेबरा क्रॉसिंग भी गायब हो गए हैं. इसकी वजह से पैदल चलने वाले लोगों को परेशानी हो रही. इसके साथ ही जिन चौराहों पर जेब्रा क्रॉसिंग स्पष्ट रूप से नजर आ रही है, वहां भी ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है. गाड़ी चलाने वाले लोगों द्वारा अपनी गाड़ियां जेबरा क्रॉसिंग के ऊपर रोकी जा रही है. इसके चलते पैदल चलने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

पैडिशनल सिग्नल चालू वहां समय कम: जिन चौराहों पर पैदल चलने वाले लोगों के लिए पैडिशनल सिग्नल चालू है, वहां 10 सेकंड के बजाय सिर्फ 5 सेकंड के लिए ही लोगों को सड़क क्रॉस करने का समय मिल रहा है. 5 सेकंड के समय में सड़क क्रॉस करके दूसरी और निकल पाना संभव नहीं है. ऐसे में कम समय होने के कारण भी इसका कोई खास फायदा नहीं मिल पा रहा है.


इन मुख्य चौराहों पर पैडिशनल सिग्नल बंद: ईटीवी भारत ने शहर के अलग-अलग चौक चौराहों का जायजा लिया. ज्यादातर हमने पाया कि शहर के ज्यादातर पैडिशनल सिग्नल काम नहीं कर रहे हैं. इनमें प्रमुख रूप से भगत सिंह चौक, शंकर नगर ,कालीबाड़ी, मेकाहारा चौक ,फाफाडीह चौक, शास्त्री चौक, भाटागांव, फूल चौक ,जय स्तंभ चौक, रायपुरा में पैडिशनल सिग्नल बंद मिले.


अधिकारियों का बेतुका तर्क: पैदल चलने वाले राहगीरों ले लिए सिग्नल बंद होने को लेकर जब ईटीवी भारत ने डीएसपी यातायात सतीश ठाकुर से बताया कि रायपुर स्मार्ट सिटी द्वारा 50 चौक-चौराहे पर सिग्नल लगाया गया है. सभी चौक में पैदल चलने वाले लोगों के लिए भी सिग्नल लगाया गया है, लेकिन कुछ चौराहे ऐसे हैं, जहां पैदल चलने वाले लोगों की संख्या कम है. वहां, पैडिशनल सिग्नल को बंद करके रखा गया है, जहां पर पैडिशनल सिग्नल लगा है वहां लोग उसका इस्तेमाल भी कर रहे हैं. जिन चौक में पैदल चलने वाले लोगों के लिए सिग्नल बंद है. जैसे वहां पर भीड़ बढ़ती जाएगी. उस सिग्नल को हम चालू करेंगे.

डीएसपी ने कहा कि "इसके लिए समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं. किस तरह से जेब्रा क्रॉसिंग का पालन करना है और पैडिशनल सिग्नल किस तरह उपयोगी है. इसको लेकर लोगों को जागरुक किया जा रहा है ताकि इसका फायदा मिल सके."

Last Updated : Mar 29, 2022, 4:08 PM IST
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