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Paddy procurement in Chhattisgarh: किसानों ने पहले दिन बेचा 10 हजार 257 मीट्रिक टन धान

छत्तीसगढ़ में धान खरीदी की शुरुआत हो चुकी है. धान खरीदी की शुरुआत 31 जनवरी 2023 तक चलेगी. पहले दिन लगभग चार हजार किसानों ने 10 हजार 257 मीट्रिक टन धान बेचा.

Paddy procurement in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में धान खरीदी की शुरुआत
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Published : Nov 2, 2022, 11:08 AM IST

रायपुर: खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में आज से धान खरीदी का काम शुरू हो गया. पहले दिन 775 उपार्जन केंद्रों द्वारा 10 हजार 257 मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई. पहले दिन 3 हजार 951 किसानों द्वारा धान बेचा गया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में शुरू की गई राजीव गांधी किसान न्याय योजना से हर साल धान खरीदी का नया रिकार्ड बन रहा है. इस साल भी फसल अच्छी होने से किसानों में उत्साह है.

यह भी पढ़ें: Dhan kharidi tihar 2022 छत्तीसगढ़ में मंत्री अमरजीत भगत ने की धान खरीदी की शुरुआत

धान खरीदी की शुरुआत: राज्य में 1 नवंबर से शुरू हुई धान खरीदी 31 जनवरी 2023 तक जारी रहेगी. इस साल 110 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की तैयारी शासन द्वारा की गई है. इस साल 2,497 उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं. धान विक्रय के लिए 25 लाख 93 हजार किसानों ने पंजीयन कराया है. धान का कुल पंजीकृत रकबा 31.13 लाख हेक्टेयर है. इस वर्ष 02 लाख 3 हजार नये किसानों ने पंजीकरण कराया है. पहले दिन के लिए 5,341 टोकन जारी किए गए थे. टोकन तुंहर हाथ एप के माध्यम से 268 टोकन जारी किए गए. पहले दिन के धान उपार्जन के लिए किसानों को भुगतान करने के लिए मार्कफेड द्वारा 279 करोड़ रुपए अपेक्स बैंक को जारी किए गए हैं.

प्रदेश में राजीव गांधी किसान न्याय योजना लागू होने के बाद हर साल किसानों की संख्या और खेती के रकबे में बढ़ोतरी हुई है. साथ ही हर साल धान खरीदी का नया रिकार्ड भी बन रहा है. खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में 97.98 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई थी, जो राज्य निर्माण के बाद से अब तक का एक रिकार्ड है. तब 21 लाख 77 हजार किसानों ने धान बेचा था. उन्हें 19,038.04 करोड़ रुपए के समर्थन मूल्य का भुगतान किया गया था. इसके अलावा राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत उन्हें इनपुट सब्सिडी का लाभ भी मिला है.

पिछले वर्षों की धान खरीदी रिकार्ड: इससे पहले वर्ष 2020-21 में 92.02 लाख मीट्रिक टन धान का उपार्जन हुआ था. 20.53 लाख किसानों ने धान का विक्रय किया था. उन्हें 17240.55 करोड़ रुपए समर्थन मूल्य का भुगतान किया गया था. इसके अलावा राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ भी उन्हें मिला था.वर्ष 2019-20 में 83.94 लाख मीट्रिक टन धान का उपार्जन हुआ था. 18.38 लाख किसानों ने धान बेचा था. उन्हें 15,285.85 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया था. इसके अलावा राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ भी उन्हें मिला था. वर्ष 2018 19 में राज्य शासन ने 2500 रुपए क्विंटल के भाव से 80.38 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की थी. किसानों को समर्थन मूल्य समेत 20094.32 करोड़ रुपए का कुल भुगतान किया गया था.

रायपुर: खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में आज से धान खरीदी का काम शुरू हो गया. पहले दिन 775 उपार्जन केंद्रों द्वारा 10 हजार 257 मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई. पहले दिन 3 हजार 951 किसानों द्वारा धान बेचा गया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में शुरू की गई राजीव गांधी किसान न्याय योजना से हर साल धान खरीदी का नया रिकार्ड बन रहा है. इस साल भी फसल अच्छी होने से किसानों में उत्साह है.

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धान खरीदी की शुरुआत: राज्य में 1 नवंबर से शुरू हुई धान खरीदी 31 जनवरी 2023 तक जारी रहेगी. इस साल 110 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की तैयारी शासन द्वारा की गई है. इस साल 2,497 उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं. धान विक्रय के लिए 25 लाख 93 हजार किसानों ने पंजीयन कराया है. धान का कुल पंजीकृत रकबा 31.13 लाख हेक्टेयर है. इस वर्ष 02 लाख 3 हजार नये किसानों ने पंजीकरण कराया है. पहले दिन के लिए 5,341 टोकन जारी किए गए थे. टोकन तुंहर हाथ एप के माध्यम से 268 टोकन जारी किए गए. पहले दिन के धान उपार्जन के लिए किसानों को भुगतान करने के लिए मार्कफेड द्वारा 279 करोड़ रुपए अपेक्स बैंक को जारी किए गए हैं.

प्रदेश में राजीव गांधी किसान न्याय योजना लागू होने के बाद हर साल किसानों की संख्या और खेती के रकबे में बढ़ोतरी हुई है. साथ ही हर साल धान खरीदी का नया रिकार्ड भी बन रहा है. खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में 97.98 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई थी, जो राज्य निर्माण के बाद से अब तक का एक रिकार्ड है. तब 21 लाख 77 हजार किसानों ने धान बेचा था. उन्हें 19,038.04 करोड़ रुपए के समर्थन मूल्य का भुगतान किया गया था. इसके अलावा राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत उन्हें इनपुट सब्सिडी का लाभ भी मिला है.

पिछले वर्षों की धान खरीदी रिकार्ड: इससे पहले वर्ष 2020-21 में 92.02 लाख मीट्रिक टन धान का उपार्जन हुआ था. 20.53 लाख किसानों ने धान का विक्रय किया था. उन्हें 17240.55 करोड़ रुपए समर्थन मूल्य का भुगतान किया गया था. इसके अलावा राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ भी उन्हें मिला था.वर्ष 2019-20 में 83.94 लाख मीट्रिक टन धान का उपार्जन हुआ था. 18.38 लाख किसानों ने धान बेचा था. उन्हें 15,285.85 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया था. इसके अलावा राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ भी उन्हें मिला था. वर्ष 2018 19 में राज्य शासन ने 2500 रुपए क्विंटल के भाव से 80.38 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की थी. किसानों को समर्थन मूल्य समेत 20094.32 करोड़ रुपए का कुल भुगतान किया गया था.

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