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छत्तीसगढ़ ने तोड़ा 20 साल का रिकॉर्ड, 95.38 प्रतिशत किसानों ने समर्थन मूल्य पर बेचा धान

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Published : Jan 31, 2021, 2:00 AM IST

छत्तीसगढ़ में 2020-21 में राज्य गठन के 20 साल में सर्वाधिक 92 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीदी की गई है. छत्तीसगढ़ ने नया कीर्तिमान बनाया है. छत्तीसगढ़ में नई सरकार के गठन के बाद समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. किसानों को धान से जिंदगी जाने के लिए एक नई उर्जा मिल रही है.

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छत्तीसगढ़ में 95.38 प्रतिशत किसानों ने समर्थन मूल्य पर बेचा धान

रायपुर: छत्तीसगढ़ में किसान हितैषी नीतियों और समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की बेहतर व्यवस्था ने 20 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में रिकॉर्ड 95.38 प्रतिशत पंजीकृत किसानों ने धान बेचा है. धान बेचने वाले किसानों की संख्या इस साल सबसे अधिक है. पंजीकृत 21 लाख 52 हजार 475 किसानों में से 20 लाख 53 हजार 483 किसानों ने अपना धान बेचा है.

पढ़ें: ईटीवी भारत से बोले राकेश टिकैत- गिरफ्तार किसानों को छोड़े सरकार, फिर होगी बातचीत

छत्तीसगढ़ में नई सरकार के गठन के बाद समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. छत्तीसगढ़ में कुल पंजीकृत रकबा, बेचे गए धान के रकबे, धान बेचने वाले किसानों के प्रतिशत के साथ-साथ उपार्जित धान की मात्रा में वृद्धि दर्ज की गई है. छत्तीसगढ़ में 2020-21 में राज्य गठन के 20 साल में सर्वाधिक 92 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीदी की गई है. छत्तीसगढ़ ने नया कीर्तिमान बनाया है.

पढ़ें: कोरोना महामारी ने छीनी करोड़ों की आजीविका, तेज गति से रोजगार बढ़ाने की जरूरत

विपरीत परिस्थितियों के बाद खरीदी
छत्तीसगढ़ में विषम परिस्थितियों के बावजूद सरकार ने धान खरीदी की. बारदानों की कमी को दूर करने अनेक वैकल्पिक व्यवस्थाएं के माध्यम से बारदानों की सुचारू उपलब्धता सुनिश्चित की गई. किसानों को भुगतान निरंतर किया गया. कस्टम मीलिंग के साथ ही संग्रहण केन्द्रों में धान का उठाव भी निरंतर जारी है. प्रदेश में धान खरीदी का काम शांतिपूर्ण और सुचारू रूप से सम्पन्न हुआ है.

21 लाख 52 हजार किसानों ने कराया पंजीयन
छत्तीसगढ़ में बीते दो साल में खेती-किसानी के रकबे और किसानों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है. राज्य सरकार की किसान हितैषी नीतियों के कारण धान की खेती के पंजीयन का रकबा 27 लाख हेक्टेयर से अधिक किया गया. पंजीकृत किसानों की संख्या 21 लाख 52 हजार तक जा पहुंची है. यह भी अपने-आप में एक रिकार्ड है. पिछले 6 साल में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए पंजीकृत रकबे और कुल उपार्जित धान की मात्रा में वृद्धि हुई है.

किसानों की कर्जमाफी एक एतिहासिक फैसला

छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य है. खेती-किसानी के लिए यह एक सुखद भविष्य का संकेत है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सत्ता की बागडोर संभालते ही किसानों की कर्जमाफी, सिंचाई कर माफी का एतिहासिक फैसला लिया. इससे राज्य में खेती-किसानी को एक संबल मिला. लोग कृषि की ओर लौटने लगे हैं.

राजीव गांधी किसान न्याय योजना से किसान मालामाल

राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत प्रति एकड़ 10 हजार रुपये की कृषि आदान सहायता राशि दी जा रही है. किसानों का उत्साह बढ़कर दोगुना हो गया है. इस योजना के तहत राज्य के किसानों को 5750 करोड़ रुपये की सीधी मदद दी जा रही है. तीन किश्तों की राशि किसानों के खातों में अंतरित भी कर दी गई है. चौथी किश्त की राशि मार्च तक अंतरित की जाएगी.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में किसान हितैषी नीतियों और समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की बेहतर व्यवस्था ने 20 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में रिकॉर्ड 95.38 प्रतिशत पंजीकृत किसानों ने धान बेचा है. धान बेचने वाले किसानों की संख्या इस साल सबसे अधिक है. पंजीकृत 21 लाख 52 हजार 475 किसानों में से 20 लाख 53 हजार 483 किसानों ने अपना धान बेचा है.

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छत्तीसगढ़ में नई सरकार के गठन के बाद समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. छत्तीसगढ़ में कुल पंजीकृत रकबा, बेचे गए धान के रकबे, धान बेचने वाले किसानों के प्रतिशत के साथ-साथ उपार्जित धान की मात्रा में वृद्धि दर्ज की गई है. छत्तीसगढ़ में 2020-21 में राज्य गठन के 20 साल में सर्वाधिक 92 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीदी की गई है. छत्तीसगढ़ ने नया कीर्तिमान बनाया है.

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विपरीत परिस्थितियों के बाद खरीदी
छत्तीसगढ़ में विषम परिस्थितियों के बावजूद सरकार ने धान खरीदी की. बारदानों की कमी को दूर करने अनेक वैकल्पिक व्यवस्थाएं के माध्यम से बारदानों की सुचारू उपलब्धता सुनिश्चित की गई. किसानों को भुगतान निरंतर किया गया. कस्टम मीलिंग के साथ ही संग्रहण केन्द्रों में धान का उठाव भी निरंतर जारी है. प्रदेश में धान खरीदी का काम शांतिपूर्ण और सुचारू रूप से सम्पन्न हुआ है.

21 लाख 52 हजार किसानों ने कराया पंजीयन
छत्तीसगढ़ में बीते दो साल में खेती-किसानी के रकबे और किसानों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है. राज्य सरकार की किसान हितैषी नीतियों के कारण धान की खेती के पंजीयन का रकबा 27 लाख हेक्टेयर से अधिक किया गया. पंजीकृत किसानों की संख्या 21 लाख 52 हजार तक जा पहुंची है. यह भी अपने-आप में एक रिकार्ड है. पिछले 6 साल में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए पंजीकृत रकबे और कुल उपार्जित धान की मात्रा में वृद्धि हुई है.

किसानों की कर्जमाफी एक एतिहासिक फैसला

छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य है. खेती-किसानी के लिए यह एक सुखद भविष्य का संकेत है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सत्ता की बागडोर संभालते ही किसानों की कर्जमाफी, सिंचाई कर माफी का एतिहासिक फैसला लिया. इससे राज्य में खेती-किसानी को एक संबल मिला. लोग कृषि की ओर लौटने लगे हैं.

राजीव गांधी किसान न्याय योजना से किसान मालामाल

राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत प्रति एकड़ 10 हजार रुपये की कृषि आदान सहायता राशि दी जा रही है. किसानों का उत्साह बढ़कर दोगुना हो गया है. इस योजना के तहत राज्य के किसानों को 5750 करोड़ रुपये की सीधी मदद दी जा रही है. तीन किश्तों की राशि किसानों के खातों में अंतरित भी कर दी गई है. चौथी किश्त की राशि मार्च तक अंतरित की जाएगी.

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