रायपुर : भाई-बहनों के अटूट प्यार का प्रतीक रक्षाबंधन पर्व 22 अगस्त को है. पर्व को लेकर बाजार में तरह-तरह की राखियां बेची जा रही हैं. लेकिन कुछ ऐसी भी राखियां हैं, जो लोगों के लिए खास बनी हुई हैं. दरअसल कम कीमत पर खूबसूरत दिखने वाली यह राखियां इसलिए खास हैं, क्योंकि इन्हें अनाथ बच्चों ने बनाया है. ये वे बच्चे हैं, जिनके माता-पिता जेल में हैं, गुमशुदा या अनाथ हैं.
सस्ते दामों में उपलब्ध हैं राखियां
राजधानी रायपुर के खम्हारडीह स्थित नारी निकेतन के पास शासकीय बालिका गृह के बच्चों ने घरेलू सामग्रियों से राखी तैयार की हैं. राखी के निर्माण में मौली, रोली और मोतियों का उपयोग किया गया है. अच्छी बात यह है कि इन राखियों की कीमत मार्केट से बहुत सस्ती है. इनकी कीमत महज 20 से 30 रुपये तक बताई जा रही है. घरेलू सामानों से बनाई गई, यह राखियां सुंदर और आकर्षक हैं. बच्चियों ने राखियों की बिक्री के लिए बाकायदा बालिका गृह में ही स्टॉल लगा रखे हैं.
व्हाट्सएप से मिली जानकारी
शहर की दीपिका निषाद ने बताया कि उन्होंने व्हाट्सअप स्टेटस पर बच्चों की बनाई राखी देखी थी. उसे देखने के लिए आए. यहां की राखियां बहुत पसंद आई हैं. वहीं बालिका गृह में बच्चियों को राखी बनाने की ट्रेनिंग देने वाली प्रियंका अग्रवाल ने बताया कि बच्चों के इंटरेस्ट के हिसाब से उन्हें ट्रेनिंग दी जा रही है.
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25 हजार की राखियों की बिक्री
शासकीय बालिका गृह की अधीक्षक रत्ना दुबे ने बताया कि इन बच्चियों की स्कूल की पढ़ाई ऑनलाइन चल रही है. ऐसे में समय का सदुपयोग करते हुए बच्चियों की रुचि के हिसाब से राखियां बनाने की ट्रेनिंग दी गई. जितनी भी आमदनी हो रही है बच्चों के अकाउंट में डाल दिया जा रहा है, ताकि जब बच्चे यहां से निकलें तो आर्थिक दिक्कतों से उन्हें जूझना न पड़े. वर्तमान में मंत्री अनिला भेडिया के ऑर्डर पर करीब 15 हजार राखियां भेजी जा चुकी हैं. इसके अलावा अन्य माध्यम से 10 हजार की राखियों की बिक्री हो चुकी है.