रायपुर: छत्तीसगढ़ की 69 कृषि मंडियों में भार साधक समितियों की नियुक्ति का आदेश जारी कर दिए गए हैं. अब समितियां कृषि उपज मंडियों का संचालन करेंगी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर किसानों के हितों को संरक्षण के लिए किया गया है. इससे कृषि उपज मंडियों के कामकाज में पादर्शिता और तेजी आएगी.
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भार साधक समितियों की नियुक्ति से होगी किसानों के हित में तेजी: राज्य की कृषि उपज मंडियों में 2011 से भार साधक समितियां का गठन/मनोनयन नहीं हो सका था. मंडियों के संचालन की जिम्मेदारी भार साधक अधिकारी के जिम्मे थी, जिसके चलते कृषि मंडियों में विकास और किसानों के हित के निर्णय में विलंब होता था. भार साधक समितियों की नियुक्ति हो जाने से अब किसानों के हित में तेजी से प्रभावी निर्णय लेने में मदद मिलेगी. भार साधक समितियों में सभी वर्गाें के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है, ताकि किसान और व्यापारी बिना किसी संकोच के अपनी बातें भार साधक समिति के पदाधिकारियों से मिलकर रख सके.
भार साधक समितियों की नियुक्ति के आदेश जारी: भार साधक समितियां कृषि उपज मंडी की नियंत्रण प्राधिकारी के रूप में कार्याें का संचालन करने के साथ ही मंडी फंड का उपयोग किया जा सकेगा. मंडी क्षेत्र में सुविधाएं विकसित करने का निर्णय ले सकेंगी.किसानों को उनके द्वारा बेची गई उपज का समय पर भुगतान सुनिश्चित हो, इसकी मॉनिटरिंग भी भार साधक समिति के पदाधिकारी करेंगे. प्रत्येक कृषि मंडी के भार साधक समिति में एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष और 5 सदस्यों समेत कुल 07 सदस्यों की नियुक्ति की गई है. संचालक, कृषि विपणन, रायपुर द्वारा इन भार साधक समितियों की नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए गए हैं.