रायपुर: मोदी सरकार की ओर से कृषि क्षेत्र को लेकर 3 नए कानून लाए गए हैं. जिसका विपक्ष समेत कई किसान संगठन लगातार विरोध कर रहे हैं. वहीं छत्तीसगढ़ की बात की जाए तो प्रदेश में कांग्रेस सरकार इस बिल को लागू होने से रोकने के लिए व्यापक स्तर पर तैयारी में जुट गई है. यहां तक कि केंद्रीय कृषि बिल को रोकने के लिए छत्तीसगढ़ विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है. इस सत्र के दौरान केंद्रीय कृषि बिल के प्रभाव को प्रदेश में कैसे खत्म किया जाए उसको लेकर कानून बनाया जा सकता है.
ETV भारत ने कृषि बिल और विधानसभा के विशेष सत्र को लेकर जानकारों और दोनों राजनीतिक दलों के साथ चर्चा की. इस चर्चा के दौरान हमने ये जानने की कोशिश की, कि आखिर कृषि बिल का प्रदेश की भूपेश सरकार विरोध क्यों कर रही है. विधानसभा का विशेष सत्र जो बुलाया जा रहा है, तो क्या छत्तीसगढ़ विधानसभा के पास ऐसा कोई अधिकार है जिससे वह केंद्रीय कृषि बिल को प्रदेश में लागू होने से रोक सके.
जमाखोरी को मिलेगा बढ़ावा: कांग्रेस
चर्चा के दौरान कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से लाए गए कृषि बिल में समर्थन मूल्य निर्धारित नहीं किया गया है. जिससे किसानों को नुकसान होगा और व्यापारी उनसे मनमाफिक दामों पर खरीदारी करेंगे. वहीं स्टॉक लिमिट निर्धारित न करने के कारण भी जमाखोरी और कालाबाजारी बढ़ेगी.
किसानों को होगा फायदा: बीजेपी
बीजेपी के वरिष्ठ नेता सच्चिदानंद उपासने ने कहा कि केंद्र सरकार ने कहीं भी उल्लेख नहीं किया है कि समर्थन मूल्य को समाप्त किया जा रहा है. बल्कि किसानों को दर निर्धारित करने की छूट दी गई है. इसके अलावा स्टॉक लिमिट निर्धारण को लेकर भी बीजेपी ने कहा कि इससे किसानों को फायदा मिलेगा.
समर्थन मूल्य पर धान खरीदी को कानून का दर्जा देना चाहिए: किसान नेता
किसान नेता जागेश्वर प्रसाद का ने बताया कि केंद्र सरकार को छत्तीसगढ़ सरकार के समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के प्रावधान को कानून का दर्जा देना चाहिए. साथ ही मंडी में बारो महीनें समर्थन मूल्य पर धान खरीदी-बिक्री की गारंटी भी होनी चाहिए. इसके अलावा इन सब पर नजर रखने के लिए निगरानी समिति भी होना चाहिए.
क्या है कृषि कानून
- पहला - बिल कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020. इसे ‘एक राष्ट्र एक बाज़ार’ का क़ानून कहा जा रहा है. अंग्रेजी में APM
- दूसरा - कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020. कानून के जरिए किसानों को कान्ट्रैक्ट फार्मिंग की ओर आकर्षित करने की कोशिश है.
- तीसरा - आवश्यक वस्तु (संशोधक) विधेयक 2020. इस कानून के तहत आपदा एवं युद्ध काल के अलावा खाद्यान्न भंडारण की सीमा खत्म की जा रही है.