रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 17 अप्रैल को cgshcool.in पोर्टल पर कॉलेज और स्कूल के छात्रों के लिए ऑनलाईन पढ़ाई की सुविधा का शुरुआत की. शुभारंभ के मौके पर उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला, उच्च शिक्षा विभाग की सचिव अलरमेल मंगई डी उपस्थित रहीं.
पोर्टल में वर्तमान में स्नातक स्तर के कोर्स के मुताबिक PDF ऑडियो और वीडियो लेसन उपलब्ध हैं. भविष्य में स्नातकोत्तर स्तर के कोर्स के मुताबिक स्टडी मटेरियल भी उपलब्ध कराया जाएगा. पोर्टल में कॉलेज के लेक्चरर शिक्षकों के रूप में पंजीकृत होकर अध्ययन-अध्यापन से संबंधित सामग्री विषयवार अपलोड की जा रही है, जिसका पोर्टल में पंजीकृत छात्र उपयोग कर सकेंगे.
इतने छात्रों ने किया पंजीयन
पोर्टल पर वर्तमान में 32 हजार 314 विद्यार्थी और 3 हजार 385 प्राध्यापक पंजीकृत हो चुके हैं. अध्ययन सामग्री के रूप में 1241 वीडियो, 280 कोर्स मटेरियल और 18 ऑडियो फाइल और 137 फोटो अपलोड किए जा चुके हैं. पोर्टल में इसके साथ ही अन्य बहुत सी ऐसी सुविधाएं हैं, जो आमतौर पर केवल क्लास में ही मिलती है. जैसे इस पोर्टल पर एप और अन्य उपलब्ध एप के माध्यम से ऑनलाइन इंटरएक्टिव कक्षाएं आयोजित की जाएंगीं, जिनमें टीचर और छात्र अपने-अपने घरों से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ सकेंगे. इन ऑनलाइन कक्षाओं में टीचर छात्रों को पढाएंगे और छात्र प्रश्न भी पूछ सकेंगे. इस प्रकार ऑनलाइन क्लास का अनुभव कक्षा में उपस्थिति जैसा ही होगा.
लिया जाएगा होम असाईनमेंट टेस्ट
पोर्टल के माध्यम से प्रदेश के समस्त कॉलेजों के छात्रों को विषय विशेषज्ञ के तैयार वीडियो लेक्चर और नोट्स आसानी से प्राप्त हो सकेंगे. जैसे कि सुकमा के विद्यार्थी जशपुर के टीचर से पढ़ाई कर सकेंगे और भविष्य में भी ऑनलाइन कक्षाओं और वीडियो से पढ़ाई करने की सुविधा रहेगी. छात्रों को ऑनलाइन होम असाईनमेंट टेस्ट भी दिया जाएगा. जिसे वे घर पर पूरा कर अपने मोबाइल से फोटो खींचकर उसे पोर्टल पर अपलोड कर देंगे, इसके बाद संबंधित टीचर उसे ऑनलाइन जांच कर वापस छात्र को भेज देंगे. इस प्रकार छात्र घर बैठे ही अपनी गलतियों को समझ कर उसमें सुधार सकेंगे.
लॉकडाउन समाप्त होने के बाद भी इस पोर्टल का उपयोग लगातार होता रहेगा. छत्तीसगढ़ के दूरस्थ अंचलों और आदिवासी क्षेत्रों के कॉलेजों जहां टीचर उपलब्ध नहीं होते वहां के कॉलेजों के लिए भी यह कार्यक्रम बहुत उपयोगी होगा. प्रदेश के छात्र अपने कॉलेज के टीचर तक ही सीमित न होकर प्रदेश के अन्य टीचरों के माध्यम से भी पढ़ाई कर सकेंगे.