रायपुर: किसी आपदा इमरजेंसी या एक्सीडेंट की स्थिति में प्राथमिक उपचार जीवनदायी साबित होती है. इसलिए प्राथमिक उपचार की जानकारी हर एक व्यक्ति को होना बहुत जरूरी है. कई बार गंभीर स्थिति में प्राथमिक उपचार के द्वारा लोगों की जान बचाई जा सकती है. हर साल सितंबर के दूसरे शनिवार को दुनिया भर में चोटों को रोकने और जीवन को बचाने में प्राथमिक चिकित्सा के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए 'वर्ल्ड फर्स्ट एड डे' (World First Aid Day) मनाया जाता है. इस साल 11 सिंतबर को विश्व प्राथमिक उपचार दिवस (World First Aid Day) मनाया जा रहा है. 'वर्ल्ड फर्स्ट एड डे' के बारे में ईटीवी भारत ने मेकाहारा के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर आर. एल खरे (Professor Dr. R L khare) से खास बातचीत की है.
प्रोफेसर डॉक्टर आर एल खरे ने बताया कि, विश्व प्राथमिक चिकित्सा दिवस(World First Aid Day) की शुरुआत इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस एंड रेड क्रिसेंट सोसायटी (International Federation of Red Cross and Red Crescent Societies) ने सन् 2000 में की थी. तब से हर साल सितंबर माह के दूसरे शनिवार को 'वर्ल्ड फर्स्ट एड डे' मनाया जाता है. इसका मकसद लोगों को इस बात के बारे में जागरूक करना है कि, वह रोजमर्रा के जीवन में संकट के हालात में किस तरह प्राथमिक चिकित्सा के जरिए लोगों की मदद कर सकते हैं.
गाड़ी, घर, मॉल या अस्पताल में फर्स्ट एड बॉक्स का रहना जरूरी
वाहन, घर , मॉल या अस्पताल हर एक जगह फर्स्ट एड बॉक्स (First Aid Box) का होना बहुत जरूरी होता है और फर्स्टएड बॉक्स का रखने का एक निश्चित स्थान होता है. आजकल वाहनों में फर्स्ट एड बॉक्स रखना अनिवार्य हो गया है. इसकी जरुरत पड़ने पर आप उसका इस्तेमाल कर सकें. फर्स्ट एड बॉक्स में कैंची, रुई का पैकेट, सिंपल बैंडेज, एंटीसेप्टिक सॉल्यूशन, कट्टर इसके अलावा फर्स्ट एड बॉक्स में क्रैक बैंडेज भी रहता है. कई बार लंबे समय तक फर्स्ट एड बॉक्स की जरूरत नहीं पड़ती है और उसके अंदर रखे हुए एंटीसेप्टिक क्रीम एक्सपायर हो जाते हैं. ऐसे समय में हमें समय-समय पर फर्स्ट एड बॉक्स में सामानों की एक्सपायरी डेट चेक करते रहना चाहिए.
लोगों को फर्स्ट एड बॉक्स के बारे में जागरूक करना कितना जरूरी
लोगों को फर्स्ट एड बॉक्स के बारे में पता है, लेकिन उसमें क्या-क्या होता है और वह कितना जरूरी है. इसके बारे में बहुत कम लोग जानते और फर्स्ट एड बॉक्स घर में एक कोने में पड़ा रह जाता है, लेकिन जरूरत पड़ने पर फर्स्ट एड छोटी चोट से लेकर बड़ी चोटों में बहुत काम आता है. कहीं आप ट्रैवल करने जा रहे हो ऐसे समय पर अगर छोटी एक्सीडेंट भी हो जाए और हॉस्पिटल दूर हो तो ऐसे समय में फर्स्ट एड बॉक्स बहुत जरूरी हो जाता है. ऐसे समय पर वह आपकी जान बचाने के लिए बहुत कारगर साबित हो जाता है.
बाजार में नहीं है फर्स्ट एड बॉक्स की डिमांड
रायपुर दवा विक्रेता संघ के अध्यक्ष विनय कृपलानी ने बताया कि फर्स्टएड बॉक्स में कैंची, रुई का पैकेट, सिंपल बैंडेज, एंटीसेप्टिक सॉल्यूशन, और कट्टर होता है. मेडिकल दुकानों में फर्स्ट एड बॉक्स कम अवेलेबल रहते है. क्योंकि लोगों में इसकी डिमांड नहीं है. लोग इसके बारे में जागरूक नहीं है.
इस वजह से इसकी डिमांड बहुत कम रहती है. वहीं मेडिकल की दुकानों में फर्स्ट एड बॉक्स 300 से लेकर 1000 रुपए तक उप्लब्ध है. लोकल क्वालिटी से लेकर बैंडेज क्वॉलिटी तक फर्स्ट एड बॉक्स मेडिकल दुकान में मिलते हैं. लेकिन इसकी डिमांड लोगों में नहीं है.