रायपुर: छत्तीसगढ़ में ओमीक्रोन की दस्तक के बाद कोरोना के मामले भी बढ़े हैं. इस बीच मौसमी बदलाव के कारण हो रही बीमारियां लोगों की दिक्कतें बढ़ाने का काम कर रही है. सर्दी, खांसी और बुखार मौसम में बदलाव के कारण आमतौर पर देखने को मिल रहे (Symptoms of seasonal diseas) हैं. ओमीक्रोन के लक्षण भी मौसमी बीमारी के तरह ही हैं. सर्दी-खांसी, बुखार, बदन में दर्द, गले में खराश कुछ ऐसे लक्षण हैं जो सर्दी, फ्लू और कोरोना तीनों में नजर आते हैं. यही वजह है कि लोगों को यह समझ नहीं आ पाता कि उन्हें सामान्य सर्दी-जुकाम और वायरल फ्लू हुआ है या फिर कोरोना. ईटीवी भारत ने मेकाहारा मेडिसिन विभाग प्रोफेसर डॉक्टर आर एल खरे से खास बातचीत की. आइए जानते हैं, उनका इस विषय में क्या कहना है...
सवालः मौसमी बीमारी के लक्षण और कोरोना के लक्षण लगभग समान हैं. कैसे पता चलेगा किसको क्या हुआ?
जवाब: कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रोन के लक्षण मौसमी बीमारियों के जैसे हैं. लोगों में सर्दी, खांसी, बुखार, नाक जाम होना, गले में खराश होने के लक्षण मिल रहे हैं. लोगों के लिए घर में यह पता लगाना मुश्किल हो रहा है कि किसको कोरोना है या मौसमी बीमारी है. अगर किसी को भी गले में प्रॉब्लम है या तबीयत खराब है तो तुरंत उसे आइसोलेट होना जरूरी है. वहीं गाइडलाइन का पालन करते हुए हमेशा मास्क पहने रहना, परिवार से दूरी बनाए रखना, सैनिटाइजर का इस्तेमाल करते रहना काफी जरूरी है. अगर 4 से 5 दिन तक तबीयत ठीक ना हो तो उसे तुरंत कोरोना टेस्ट करवाना चाहिए. 4 से 5 दिन तक अगर बीमारी ठीक नहीं होती है तो टेस्ट करवाना काफी जरूरी है. वह मरीज जिनको पहले से गंभीर बीमारी हो, इसके अलावा जिसको शुगर, बीपी की प्रॉब्लम हो और अगर वह संक्रमित होता है या अगर उसमें कुछ अलग से लक्षण देखने को मिलते हैं तो उन्हें तुरंत कोरोना टेस्ट करवाना चाहिए. पहले से बीमार लोग अगर कोरोना संक्रमित होते हैं तो वो खतरनाक है.
सवाल: पिछले दो हफ्तों में प्रदेश में मौत की संख्या बढ़ी है?
जवाब: पिछले कुछ दिनों से ही देखने को मिल रहा है कि हॉस्पिटल में एडमिट होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ी है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कहीं ना कहीं प्रदेश में कोरोना पीक की तरफ जाता हुआ नजर आ रहा है. जिनको पहले से अन्य गंभीर बीमारियां हैं, उनमें कोरोना और ज्यादा खतरनाक होता हुआ नजर आ रहा है. पिछले दो हफ्तों में प्रदेश में डेथ की संख्या बढ़ी है. इसमें से 80 से 90 फीसद उन मरीजों की मौत हो रही है. जिन्हें पहले से गंभीर बीमारी थी. हार्ट के मरीज, लीवर के मरीज, जिनको सांस लेने में दिक्कत हो रही हो, टीवी के मरीज, जिनको अस्थमा है. पहले से शुगर बीपी है, ऐसे मरीज अगर संक्रमित होते हैं तो उनमें संक्रमण गंभीर हो सकता है. ऐसे लोगों को तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए.
सवाल: क्या बीमार होने पर खुद को आइसोलाइट करना चाहिए?
जवाब: मौसम भी तेजी से बदल रहा है और संक्रमण भी बढ़ रहा है. ऐसे में अगर कोई व्यक्ति बीमार होता है तो उसे तुरंत अपने आपको क्वॉरेंटाइन करना जरूरी है. अभी लोगों ने अपने आपको रिलैक्स कर लिया है. लोगों का यह मानना है कि कोरोना के नए वेरिएंट से मौत नहीं होगी. लेकिन ऐसा नहीं है. अगर हम लापरवाही बरतते हैं तो यह तेजी से बढ़ सकता है. अगर कोई भी व्यक्ति बीमार होता है तो उसे तुरंत अपने आपको आइसोलेट करना जरूरी है.