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रायपुर: अधिकारियों का नया कारनामा, मुर्दों को भी बांट दिए पेंशन !

प्रदेश में वृद्धा पेंशन योजना के तहत लगभग 10 करोड़ का घोटाला सामने आया है. आरटीआई के तहत पूरे मामले का खुलासा हुआ है.

वृद्धा पेंशन योजना में 10 करोड़ का घोटाला
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Published : Nov 11, 2019, 8:46 PM IST

Updated : Nov 11, 2019, 11:37 PM IST

रायपुर: प्रदेश में अधिकारियों का एक नया कारनामा सामने आया है, जिसमें मृत बुजुर्गों तक उनकी पेंशन पहुंचाई जा रही है. जी हां, सुनने में ये भले ही अजीब लग रहा हो लेकिन सच्चाई यही है कि वृद्धा पेंशन योजना के तहत लगभग 10 करोड़ का घोटाला उजागर हुआ है. पूरे मामले का खुलासा आरटीआई कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला ने किया.

वृद्धा पेंशन योजना में 10 करोड़ का घोटाला

राष्ट्रीय वृद्धा पेंशन योजना की आड़ में अधिकारियों ने जमकर धांधली की है. समाज कल्याण विभाग 5 तरह की पेंशन योजनाओं का संचालन करता है.

किसी भी अधिकारी पर नहीं हुई कार्रवाई
सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के मुताबिक साल 2012 से लेकर 2015 तक बांटी गई पेंशन राशि में मृतकों और अपात्र लोगों को भी इस योजना का लाभ दिया गया. पूरे मामले की जांच कराई गई जिसमें घोटाला होना पाया गया. इसके बावजूद किसी भी अधिकारी के खिलाफ न ही FIR दर्ज की गई और न ही घोटाले के पैसों की भरपाई कराई गई. इस पूरे घटनाक्रम को छत्तीसगढ़ के कोष एवं लेखा विभाग ने दर्ज किया था.

3 साल में 9.64 करोड़ रुपए का घोटाला
मिली जानकारी के मुताबिक पेंशन योजना के तहत जशपुर, सूरजपुर, कबीरधाम, राजनंदगांव और दुर्ग में धांधली हुई है. पेंशन में 150 ,275, 300, और 600 रुपए दिए जाते थे. ये सारे पैसे अधिकारियों ने अपात्र और मृत लोगों के नाम पर निकाले. बताया जा रहा है कि 3 साल में 9.64 करोड़ रुपए का घोटाला किया जा चुका है.

RTI कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला ने बताया कि दस्तावेज से खुलासा हुआ है कि कई ऐसे लोगों के नाम पर पेंशन की राशि जारी की जाती रही, जिनकी मृत्यु हो चुकी है.

पढ़ें- जासूसी कांड: CM बघेल ने दिए जांच के आदेश, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने किया स्वागत

राजस्व मंत्री ने कार्रवाई का दिया आश्वासन
वहीं मामले के प्रकाश में आने के बाद राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने घोटाला करने वाले आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया है.

रायपुर: प्रदेश में अधिकारियों का एक नया कारनामा सामने आया है, जिसमें मृत बुजुर्गों तक उनकी पेंशन पहुंचाई जा रही है. जी हां, सुनने में ये भले ही अजीब लग रहा हो लेकिन सच्चाई यही है कि वृद्धा पेंशन योजना के तहत लगभग 10 करोड़ का घोटाला उजागर हुआ है. पूरे मामले का खुलासा आरटीआई कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला ने किया.

वृद्धा पेंशन योजना में 10 करोड़ का घोटाला

राष्ट्रीय वृद्धा पेंशन योजना की आड़ में अधिकारियों ने जमकर धांधली की है. समाज कल्याण विभाग 5 तरह की पेंशन योजनाओं का संचालन करता है.

किसी भी अधिकारी पर नहीं हुई कार्रवाई
सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के मुताबिक साल 2012 से लेकर 2015 तक बांटी गई पेंशन राशि में मृतकों और अपात्र लोगों को भी इस योजना का लाभ दिया गया. पूरे मामले की जांच कराई गई जिसमें घोटाला होना पाया गया. इसके बावजूद किसी भी अधिकारी के खिलाफ न ही FIR दर्ज की गई और न ही घोटाले के पैसों की भरपाई कराई गई. इस पूरे घटनाक्रम को छत्तीसगढ़ के कोष एवं लेखा विभाग ने दर्ज किया था.

3 साल में 9.64 करोड़ रुपए का घोटाला
मिली जानकारी के मुताबिक पेंशन योजना के तहत जशपुर, सूरजपुर, कबीरधाम, राजनंदगांव और दुर्ग में धांधली हुई है. पेंशन में 150 ,275, 300, और 600 रुपए दिए जाते थे. ये सारे पैसे अधिकारियों ने अपात्र और मृत लोगों के नाम पर निकाले. बताया जा रहा है कि 3 साल में 9.64 करोड़ रुपए का घोटाला किया जा चुका है.

RTI कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला ने बताया कि दस्तावेज से खुलासा हुआ है कि कई ऐसे लोगों के नाम पर पेंशन की राशि जारी की जाती रही, जिनकी मृत्यु हो चुकी है.

पढ़ें- जासूसी कांड: CM बघेल ने दिए जांच के आदेश, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने किया स्वागत

राजस्व मंत्री ने कार्रवाई का दिया आश्वासन
वहीं मामले के प्रकाश में आने के बाद राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने घोटाला करने वाले आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया है.

Intro:छत्तीसगढ़ में अधिकारियों ने एक बड़ा कारनामा कर दिखाया है जिसमें स्वर्गवासी हो चुके लोगों को अधिकारियों की ओर से पेंशन पहुंचाने का मामला प्रकाश में आया है इस मामले में लगभग 10 करोड़ के घोटाले उजागर हुआ है जिसकी जानकारी सूचना के अधिकार के तहत एक आरटीआई कार्यकर्ता के द्वारा निकाली गई है




Body:राष्ट्रीय वृद्धा पेंशन योजना की आड़ में अधिकारियों के द्वारा जमकर धांधली की गई है समाज कल्याण विभाग के द्वारा 5 तरह की पेंशन योजना का संचालन किया जाता है सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार साल 2012 से लेकर साल 2015 तक वितरित पेंशन राशि में मृतकों और अपात्र लोगों को भी इस योजना का लाभ देने का मामला सामने आया है इस पूरे मामले की जांच भी कराई गई और घोटाला होना पाया गया बावजूद इसके मामले में न तो किसी दोषी अधिकारियों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज की गई और ना ही वितरित की गई राशि विभाग की ओर से अधिकारियों से वापस ली गई। इस पूरी धानी को छत्तीसगढ़ के कोष एवं लेखा विभाग के द्वारा पकड़ा गया था।

मिली जानकारी के अनुसार पेंशन योजना के तहत जशपुर सूरजपुर कबीरधाम राजनंदगांव और दुर्ग में धांधली की गई है पेंशन में 150 ,275, 300, और 600 रुपये दिया जाता था लेकिन इस राशि को अधिकारियों के द्वारा अपात्र अमृत व्यक्तियों के नाम पर निकाली गई यह पूरा घोटाला 3 वर्षों में लगभग 9.64 करोङ रुपए का बताए जा रहा है।
वाइट कुणाल शुक्ला आरटीआई कार्यकर्ता

मामले के प्रकाश में आने के बाद राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने घोटाला करने वाले आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया है
वाइट जयसिंह अग्रवाल मंत्री राजस्व विभाग




Conclusion:यह तो रहा मात्र कुछ जिलों का अकड़ा। जिसमें लगभग ₹10 करोङ की धांधली सामने आई है यदि पूरे जिले के आंकड़े मंगाए जाए तो यह राशि 50 करोड़ से ऊपर की भी हो सकती है अब देखने वाली बात है कि शासन प्रशासन स्तर पर इस मामले को लेकर क्या कार्रवाई की जाती है।
Last Updated : Nov 11, 2019, 11:37 PM IST
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