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स्वास्थ्य कर्मियों को 2 महीने से नहीं मिल रहा पेट्रोल और भोजन भत्ता - भोजन भत्ता

छत्तीसगढ़ में कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण के इस महाअभियान में करीब 3 हजार नर्सिंग स्टाफ जद्दोजहद कर रहे हैं. जिनके कंधों में पूरे टीकाकरण की जिम्मेदारी है. लेकिन इन्हें मिलने वाला भोजन भत्ता पिछले दो महीने से नहीं दिया जा रहा है. जबकि शुरू से ही टीकाकरण अभियान में शामिल नर्सिंग स्टाफ को पेट्रोल का भत्ता नहीं मिल रहा है.

नर्सिग कर्मी
नर्सिग कर्मी
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Published : Aug 17, 2021, 5:22 PM IST

रायपुर: कोरोना संकट के बीच टीकाकरण अभियान (Vaccination Campaign) जारी है. छत्तीसगढ़ में कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण में करीब 3 हजार स्वास्थ्य कर्मी लगे हुए हैं. जिनके कंधों में पूरे टीकाकरण की जिम्मेदारी है. लेकिन जैसे-जैसे टीकाकरण की रफ्तार तेज होते गई. वैसे वैसे ये कर्मचारी प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार होते गए. हालात यह है कि इन्हें मिलने वाला भोजन भत्ता पिछले दो महीने से नहीं दिया जा रहा है. जबकि शुरू से ही टीकाकरण अभियान में शामिल नर्सिंग स्टाफ को पेट्रोल का भत्ता नहीं मिल रहा है. इसके अलावा उन्हें समय पर मानदेय भी नहीं दिया जा रहा. ऐसे में अब नर्सिंग स्टाफ शासन प्रशासन के खिलाफ एक बार फिर हुंकार भरने की तैयारी में हैं.

स्वास्थ्यकर्मियों के साथ नाइंसाफी

खाने के साथ ट्रांसपोर्टिंग का भी नहीं मिल रहा भत्ता
वैक्सीनेशन के कार्य को गति देने में जुटी नर्सिंग कर्मचारी प्रीति रघुवंशी बताती हैं कि, उन्हें किसी भी तरह का भत्ता नहीं मिल रहा है. पहले भोजन का भत्ता मिलता था, लेकिन दो माह से वह भी मिलना बंद हो गया है. ट्रांसपोर्टिंग का तो मिल ही नहीं रहा है. इसके अलावा ड्यूटी भी दो दिन रहता है. उसके बाद चार दिन की छुट्टी दे दी जाती है. उन्होंने कहा कि कम से कम जो आदेश विभाग ने जारी किया है. उसका तो पालन होना चाहिए.

पहले खाने का मिलता था भत्ता, अब वह भी मिलना बंद
नर्सिंग कर्मचारी अनीता खलखो कहती हैं कि, पिछले दो माह से भोजन भत्ता मिलना बंद हो गया है, जबकि शुरुआत में कहा गया था कि भोजन और पेट्रोल का भत्ता दिया जाएगा. इसमें से भोजन का भत्ता तो मिल रहा था, लेकिन वह भी दो माह से मिलना बंद हो गया है. जबकि पेट्रोल का भत्ता तो शुरू से ही नहीं दिया जा रहा है.

स्वास्थ्य मंत्री से मिलेंगे नर्सिंग स्टाफ

छत्तीसगढ़ नर्सिंग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष योगेंद्र देवांगन ने बताया कि हम वैक्सीनेटर कोरोना योद्धा के रूप में काम कर रहे हैं. हम सभी वैक्सीनेटरों को खाने से लेकर ड्यूटी तक में बहुत ज्यादा प्रॉब्लम हो रही है. क्योंकि खाने का भत्ता जो प्रशासन ने निर्धारित किया है. वह पैसे नहीं मिल पा रहे हैं. पेट्रोल का भी पैसा दिया जाएगा बोला गया था, लेकिन वह भी नहीं दिया जा रहा. उन्होंने बताया कि खाने और पेट्रोल के लिए 100-100 रुपये भत्ता तय है. ऐसे में अब नर्सिंग संगठन स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव से मुलाकात करने की बात कह रही है.

टीकाकरण अभियान के प्रारंभ से लगे हैं नर्सिंग स्टाफ
छत्तीसगढ़ नर्सिंग संगठन के अध्यक्ष योगेंद्र देवांगन बताते हैं कि, वैक्सीनेशन के लिए प्रदेश भर में करीब 3 हजार कर्मचारी कार्य कर रहे हैं. इसमें से 1500 नर्सिंग और 1500 कंप्यूटर ऑपरेटर हैं. ये सभी टीकाकरण अभियान के शुरूआत से कार्य में लगे हुए हैं. इसके बाद भी हमारे कार्य को सराहा नहीं जा रहा, जो लोग आपत्ति दर्ज करते हैं. उन्हें ड्यूटी से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है. ऐसे में मंत्री से मुलाकात कर अपनी शिकायत दर्ज कराने की रणनीति बना रहे हैं.

रायपुर: कोरोना संकट के बीच टीकाकरण अभियान (Vaccination Campaign) जारी है. छत्तीसगढ़ में कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण में करीब 3 हजार स्वास्थ्य कर्मी लगे हुए हैं. जिनके कंधों में पूरे टीकाकरण की जिम्मेदारी है. लेकिन जैसे-जैसे टीकाकरण की रफ्तार तेज होते गई. वैसे वैसे ये कर्मचारी प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार होते गए. हालात यह है कि इन्हें मिलने वाला भोजन भत्ता पिछले दो महीने से नहीं दिया जा रहा है. जबकि शुरू से ही टीकाकरण अभियान में शामिल नर्सिंग स्टाफ को पेट्रोल का भत्ता नहीं मिल रहा है. इसके अलावा उन्हें समय पर मानदेय भी नहीं दिया जा रहा. ऐसे में अब नर्सिंग स्टाफ शासन प्रशासन के खिलाफ एक बार फिर हुंकार भरने की तैयारी में हैं.

स्वास्थ्यकर्मियों के साथ नाइंसाफी

खाने के साथ ट्रांसपोर्टिंग का भी नहीं मिल रहा भत्ता
वैक्सीनेशन के कार्य को गति देने में जुटी नर्सिंग कर्मचारी प्रीति रघुवंशी बताती हैं कि, उन्हें किसी भी तरह का भत्ता नहीं मिल रहा है. पहले भोजन का भत्ता मिलता था, लेकिन दो माह से वह भी मिलना बंद हो गया है. ट्रांसपोर्टिंग का तो मिल ही नहीं रहा है. इसके अलावा ड्यूटी भी दो दिन रहता है. उसके बाद चार दिन की छुट्टी दे दी जाती है. उन्होंने कहा कि कम से कम जो आदेश विभाग ने जारी किया है. उसका तो पालन होना चाहिए.

पहले खाने का मिलता था भत्ता, अब वह भी मिलना बंद
नर्सिंग कर्मचारी अनीता खलखो कहती हैं कि, पिछले दो माह से भोजन भत्ता मिलना बंद हो गया है, जबकि शुरुआत में कहा गया था कि भोजन और पेट्रोल का भत्ता दिया जाएगा. इसमें से भोजन का भत्ता तो मिल रहा था, लेकिन वह भी दो माह से मिलना बंद हो गया है. जबकि पेट्रोल का भत्ता तो शुरू से ही नहीं दिया जा रहा है.

स्वास्थ्य मंत्री से मिलेंगे नर्सिंग स्टाफ

छत्तीसगढ़ नर्सिंग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष योगेंद्र देवांगन ने बताया कि हम वैक्सीनेटर कोरोना योद्धा के रूप में काम कर रहे हैं. हम सभी वैक्सीनेटरों को खाने से लेकर ड्यूटी तक में बहुत ज्यादा प्रॉब्लम हो रही है. क्योंकि खाने का भत्ता जो प्रशासन ने निर्धारित किया है. वह पैसे नहीं मिल पा रहे हैं. पेट्रोल का भी पैसा दिया जाएगा बोला गया था, लेकिन वह भी नहीं दिया जा रहा. उन्होंने बताया कि खाने और पेट्रोल के लिए 100-100 रुपये भत्ता तय है. ऐसे में अब नर्सिंग संगठन स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव से मुलाकात करने की बात कह रही है.

टीकाकरण अभियान के प्रारंभ से लगे हैं नर्सिंग स्टाफ
छत्तीसगढ़ नर्सिंग संगठन के अध्यक्ष योगेंद्र देवांगन बताते हैं कि, वैक्सीनेशन के लिए प्रदेश भर में करीब 3 हजार कर्मचारी कार्य कर रहे हैं. इसमें से 1500 नर्सिंग और 1500 कंप्यूटर ऑपरेटर हैं. ये सभी टीकाकरण अभियान के शुरूआत से कार्य में लगे हुए हैं. इसके बाद भी हमारे कार्य को सराहा नहीं जा रहा, जो लोग आपत्ति दर्ज करते हैं. उन्हें ड्यूटी से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है. ऐसे में मंत्री से मुलाकात कर अपनी शिकायत दर्ज कराने की रणनीति बना रहे हैं.

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