रायपुर: रायपुर में लंबे अंतराल के बाद शुक्रवार को आईटीआई (ITI) खुली तो जरूर लेकिन संस्थान से रौनक गायब दिखी. यहां नाम मात्र की संख्या में बच्चे पहुंचे थे. 3 महीने से यह आईटीआई बंद पड़ा था. कोरोना काल के दौरान इस प्रशिक्षण केंद्र में पढ़ाई लिखाई पूरी तरह बाधित रही. लॉकडाउन की वजह से प्रैक्टिकल क्लास नहीं हो पाया. जिससे छात्रों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. यहां कुल 17 ट्रेड में छात्र-छात्राओं को ट्रेनिंग दी जाती है. लेकिन अगर प्रैक्टिल क्लास (practical class) और एग्जाम न हो पाए तो छात्र-छात्राओं का भविष्य प्रभावित हो सकता है.
17 ट्रेड में 570 छात्र-छात्राएं ले रहे हैं प्रशिक्षण
पहले दिन यहां आए बच्चों से जब हमने बात कि तो उन्होंने अपनी परेशानी हमसे साझा की है. छात्र-छात्राओं ने बताया कि घर में रहकर ऑनलाइन पढ़ाई (online study) करने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा. प्रैक्टिकल की जानकारी न होने की समस्या यहां के छात्रों ने बताई. वह भविष्य को लेकर चिंतित दिखे. छात्र- छात्राओं ने कहा कि अब भी उनके अंदर कोरोना को लेकर डर है.
आईटीआई में कुल 650 छात्र-छात्राओं के स्टडी की व्यवस्था
सड्डू में स्थित इस आईटीआई संस्थान में कुल 650 छात्र-छात्राओं के पढ़ाई लिखाई की व्यवस्था है. इस साल यहां कुल 570 बच्चों ने एडमिशन लिया है. लेकिन कोरोना की वजह से प्रशिक्षण लेने वाले सभी छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकारमय नजर आता है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले दिनों में इन छात्र-छात्राओं का करियर किस दिशा में आगे बढ़ेगा. अब देखना होगा कि प्रोफेसर और शिक्षक यहां के स्टूडेट्स के सिलेबस को किस तरीके से पूरा करवाते हैं.
क्योंकि तीन महीने से यहां एक भी प्रैक्टिकल क्लास नहीं हो पाया है. ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान भी प्रैक्टिकल क्लास नहीं हुए. अगर प्रैक्टिल पढ़ाई न हो पाए तो आईटीआई से कोई फायदा नहीं दिखता. ऐसे में उच्च शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है. ताकि यहां के छात्र छात्राओं को थ्योरी के अलावा प्रैक्टिकल ज्ञान भी हासिल हो सके.