रायपुर: सावन सोमवार को शिव मंदिरों में जनसैलाब उमड़ता है, लेकिन कोरोना के कारण इस बार कम श्रद्धालु नजर आए. मंदिर के पुरोहित ही बाबा भोले की पूजा-अर्चना कर रहे हैं. भगवान भोलेनाथ पर जल चढ़ाने के लिए खास व्यवस्था की गई है. राजधानी रायपुर के आकाशवाणी स्थित शिव मंदिर में सोमवार को भगवान भोलेनाथ का दूध-दही से अभिषेक किया गया. इस दौरान लॉकडाउन और कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह से मंदिर में श्रद्धालु की संख्या बेहद कम रही
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घर पर रहकर पूजा करने की अपील
मंदिर के पुजारी ने बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है. हालांकि लॉकडाउन के कराण कुछ लोग ही पूजा करने पहुंचे हैं. पुजारी ने बताया कि मंदिर में शिव अभिषेक के लिए जो लोग पहले से तारीख लिए हुए थे, सिर्फ उन्हें ही मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है. बाकी सभी को बाहर से ही पूजा करने की अनुमति दी गई है. पुजारी ने कहा कि सावन के महीने में शिव की आराधना बेहद खास मानी जाती है, लेकिन कोरोना के बढ़ते केस और लॉकडाउन की स्थिति को देखते हुए घर पर ही रहकर पूजा करना ज्यादा अच्छा है.
व्यापार पर पड़ रहा असर
मंदिर के पुजारी ने लोगों से आग्रह किया है कि वह घर में ही रह कर शिव स्तुति और पूजा अर्चना करें. क्योंकि सबसे पहले अपने आप को सुरक्षित रखना जरूरी है. मंदिर के बाहर फूल, नारियल बेचने वालों का कहना है कि मंदिर में श्रद्धालुओं की कमी होने के कारण उनके व्यापार पर असर पड़ा है.
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जल और बेलपत्र से की जाती है पूजा
लोक कथाओं के अनुसार सावन महीने में ही समुद्र मंथन हुआ था. प्रत्येक सोमवार को विशेष रत्नों की प्राप्ति हुई थी. आज के दिन पारिजात वृक्ष की उत्पत्ति हुई थी, जो पृथ्वी पर नहीं है. इसलिए आज के दिन बाबा भोले की जल और बेलपत्र से पूजा-अर्चना करने पर मनवांछित फल की प्राप्ति होती है.
आज शुक्ल सप्तमी भी है और सोमवारी भी जो भक्तों के लिए काफी कल्याणकारी है. बाबा भोले की पूजा-अर्चना करने से धन, वैभव, आरोग्यता से लोग परिपूर्ण होते हैं.