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मई में कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या में करीब 10 हजार की बढ़ोतरी - कोरोना के मामलों में बढ़त

छत्तीसगढ़ में कोरोना की मार अब रायपुर-दुर्ग संभाग के बाद बिलासपुर संभाग की ओर बढ़ती दिख रही है. बिलासपुर संभाग में अब कोरोना के मामलों में बढ़त देखी जा रही है. इसमें भी ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के मामले ज्यादा है.

number of active patients in chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामले
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Published : May 8, 2021, 11:08 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में कोरोना की मार अब रायपुर-दुर्ग संभाग से शिफ्ट होते हुए बिलासपुर संभाग की ओर बढ़ी हुई नजर आ रही है. मई के पहले हफ्ते में जो आंकड़े दिख रहे हैं उससे लगता है राजधानी और उसके आसपास संक्रमण कमजोर पड़ा है. लेकिन चिंता की बात ये है कि बिलासपुर, जांजगीर, कोरबा, रायगढ़, मुंगेली जिलों में कोविड-19 मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. इन जिलों से निकल रहे मरीजों में ज्यादातर ग्रामीण इलाकों के हैं.

सक्रिय मरीजों की संख्या करीब 10 हजार बढ़ी

छत्तीसगढ़ की राजधानी के आसपास भले ही संक्रमण में कमी आई हो. लेकिन दूसरे इलाकों खासतौर पर बिलासपुर संभाग में केस बढ़ने के चलते प्रदेश में हर रोज निकलने वाले संक्रमितों की संख्या में कोई खास गिरावट नहीं देखी गई है. 1 मई को प्रदेश में सक्रिय मरीजों की संख्या 1 लाख 21 हजार 99 थी. वहीं 7 मई तक ये आंकड़ा बढ़कर 1 लाख 31 हजार 41 हो गया. 1 मई से 7 मई के बीच प्रदेश में 1 लाख 1 हजार 417 कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं. वहीं इस दौरान 1 हजार 529 लोगों की मौत हुई है. केस बढ़ने की एक वजह इस हफ्ते में टेस्टिंग में हुई वृद्धि को भी माना जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक इस दौरान तकरीबन 60 हजार टेस्ट हर रोज किए जा रहे हैं.

अब आसानी से अस्पतालों में मिल रहे हैं बिस्तर

अप्रैल महीने में एकाएक मरीजों की तादाद बढ़ने से ज्यादातर अस्पतालों में मरीजों को बिस्तर नहीं मिल पा रहे थे. लेकिन सरकार की ओर से नए कोविड केयर सेंटर खोलने और संक्रमण में आई गिरावट के चलते स्थिति में तेजी से सुधार हुआ है. साथ ही होम आइसोलेशन में बड़े पैमाने पर मरीजों के ठीक होने के चलते भी अस्पतालों में स्थिति
काफी सुधरी है.

'पूरे देश में एक हो कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम, केंद्र सरकार अपने हाथ में ले टीकाकरण'

खाली हैं बिस्तर

8 मई की स्थिति देखें तो छत्तीसगढ़ के अस्पतालों में 31 हजार 638 बेड हैं. ऑक्सीजन सपोर्ट वाले बेड्स- 11 हजार 129 हैं, इनमें से 4 हजार 995 बेड खाली थे. बिना ऑक्सीजन सपोर्ट वाले बिस्तरों की संख्या 15 हजार 806 थी. इनमें से 10 हजार 249 बेड्स खाली थे. एचडीयू बेड्स की संख्या-1641 में से 416 खाली थे.

राज्य में ऑक्सीजन की कमी नहीं

ICU बेड्स की संख्या 3 हजार 9 है. इनमें से 525 बेड्स खाली है. वेंटीलेटर बेड्स 1068 हैं. इनमें से 163 बेड खाली है. इस तरह प्रदेश के 431 सरकारी और निजी अस्पतालों में 16 हजार 238 बेड्स खाली थे. फिलहाल प्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है. सरप्लस उपलब्धता के चलते ही प्रदेश से दूसरे राज्यों के अस्पतालों को भी ऑक्सीजन सप्लाई की जा रही है.

ग्रामीण इलाकों में कोविड की दस्तक ज्यादा खतरनाक

बड़े शहरों में कोविड के केस कम दिखाई जरूर पड़ रहे हैं, लेकिन इसकी मार अब धीरे-धीरे ग्रामीण इलाकों की ओर हो रही है. अगर गांवों में केस इस तरह बढ़ने लगेंगे तो सरकार के सामने नई मुसीबत खड़ी हो सकती है. इसके अलावा नए एपी वेरिएंट की बात भी कही जा रही है. इसको लेकर भी छत्तीसगढ़ के उन सीमाओं पर चौकसी बढ़ा दी गई हैं जो आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से लगती हैं. बताया जा रहा है कि ये वेरिएंट काफी खतरनाक है और बहुत तेजी से संक्रमित करता है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में कोरोना की मार अब रायपुर-दुर्ग संभाग से शिफ्ट होते हुए बिलासपुर संभाग की ओर बढ़ी हुई नजर आ रही है. मई के पहले हफ्ते में जो आंकड़े दिख रहे हैं उससे लगता है राजधानी और उसके आसपास संक्रमण कमजोर पड़ा है. लेकिन चिंता की बात ये है कि बिलासपुर, जांजगीर, कोरबा, रायगढ़, मुंगेली जिलों में कोविड-19 मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. इन जिलों से निकल रहे मरीजों में ज्यादातर ग्रामीण इलाकों के हैं.

सक्रिय मरीजों की संख्या करीब 10 हजार बढ़ी

छत्तीसगढ़ की राजधानी के आसपास भले ही संक्रमण में कमी आई हो. लेकिन दूसरे इलाकों खासतौर पर बिलासपुर संभाग में केस बढ़ने के चलते प्रदेश में हर रोज निकलने वाले संक्रमितों की संख्या में कोई खास गिरावट नहीं देखी गई है. 1 मई को प्रदेश में सक्रिय मरीजों की संख्या 1 लाख 21 हजार 99 थी. वहीं 7 मई तक ये आंकड़ा बढ़कर 1 लाख 31 हजार 41 हो गया. 1 मई से 7 मई के बीच प्रदेश में 1 लाख 1 हजार 417 कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं. वहीं इस दौरान 1 हजार 529 लोगों की मौत हुई है. केस बढ़ने की एक वजह इस हफ्ते में टेस्टिंग में हुई वृद्धि को भी माना जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक इस दौरान तकरीबन 60 हजार टेस्ट हर रोज किए जा रहे हैं.

अब आसानी से अस्पतालों में मिल रहे हैं बिस्तर

अप्रैल महीने में एकाएक मरीजों की तादाद बढ़ने से ज्यादातर अस्पतालों में मरीजों को बिस्तर नहीं मिल पा रहे थे. लेकिन सरकार की ओर से नए कोविड केयर सेंटर खोलने और संक्रमण में आई गिरावट के चलते स्थिति में तेजी से सुधार हुआ है. साथ ही होम आइसोलेशन में बड़े पैमाने पर मरीजों के ठीक होने के चलते भी अस्पतालों में स्थिति
काफी सुधरी है.

'पूरे देश में एक हो कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम, केंद्र सरकार अपने हाथ में ले टीकाकरण'

खाली हैं बिस्तर

8 मई की स्थिति देखें तो छत्तीसगढ़ के अस्पतालों में 31 हजार 638 बेड हैं. ऑक्सीजन सपोर्ट वाले बेड्स- 11 हजार 129 हैं, इनमें से 4 हजार 995 बेड खाली थे. बिना ऑक्सीजन सपोर्ट वाले बिस्तरों की संख्या 15 हजार 806 थी. इनमें से 10 हजार 249 बेड्स खाली थे. एचडीयू बेड्स की संख्या-1641 में से 416 खाली थे.

राज्य में ऑक्सीजन की कमी नहीं

ICU बेड्स की संख्या 3 हजार 9 है. इनमें से 525 बेड्स खाली है. वेंटीलेटर बेड्स 1068 हैं. इनमें से 163 बेड खाली है. इस तरह प्रदेश के 431 सरकारी और निजी अस्पतालों में 16 हजार 238 बेड्स खाली थे. फिलहाल प्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है. सरप्लस उपलब्धता के चलते ही प्रदेश से दूसरे राज्यों के अस्पतालों को भी ऑक्सीजन सप्लाई की जा रही है.

ग्रामीण इलाकों में कोविड की दस्तक ज्यादा खतरनाक

बड़े शहरों में कोविड के केस कम दिखाई जरूर पड़ रहे हैं, लेकिन इसकी मार अब धीरे-धीरे ग्रामीण इलाकों की ओर हो रही है. अगर गांवों में केस इस तरह बढ़ने लगेंगे तो सरकार के सामने नई मुसीबत खड़ी हो सकती है. इसके अलावा नए एपी वेरिएंट की बात भी कही जा रही है. इसको लेकर भी छत्तीसगढ़ के उन सीमाओं पर चौकसी बढ़ा दी गई हैं जो आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से लगती हैं. बताया जा रहा है कि ये वेरिएंट काफी खतरनाक है और बहुत तेजी से संक्रमित करता है.

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