रायपुर: यूरिया और खाद को लेकर एक बार फिर छत्तीसगढ़ में सियासत गरमा गई है. कांग्रेस ने खाद और यूरिया को लेकर केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है, " केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ को खाद की आपूर्ति में जानबूझकर कोताही बरत रही है." वहीं छत्तीसगढ़ में खाद की कमी को लेकर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, "राज्य में जब से कांग्रेस की सरकार बनी है छत्तीसगढ़ में खाद की कमी शुरू हो गई है."
केंद्र के छत्तीसगढ़ विरोधी रवैये का नतीजा: कांग्रेस मीडिया विभाग प्रदेश अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने बताया, " लगातार दूसरे साल केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के साथ भेदभाव कर रही है. पिछले साल भी राज्य सरकार द्वारा मांगी गई उर्वरक के कोटे में केंद्र सरकार ने कटौती की थी. हमारी मांग में सिर्फ 42 फीसद ही आपूर्ति किया गया था. इस वर्ष भी छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्र से 13 लाख 50 हजार मेट्रिक टन उर्वरक की आवश्यकता बताई थी, लेकिन केंद्र सरकार ने महज ढाई लाख मेट्रिक टन की ही आपूर्ति अब तक की है. यही कारण है कि इस बार फिर किसानों को परेशानी उठानी पड़ेगी. केंद्र सरकार का छत्तीसगढ़ विरोधी रवैये का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है."
कांग्रेस सरकार में छत्तीसगढ़ में खाद की कमी: इधर, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा, " राज्य में कांग्रेस की सरकार जब से बनी है. तब से प्रदेश में खाद की कमी होने लगी है. गर्मी और खरीफ के समय लगातार यूरिया की कमी हो रही है. इस बार भी कमी होने की संभावना है. 265 रुपए की यूरिया को किसान 600 से 700 तक खरीदने के लिए मजबूर हैं. राज्य सरकार केवल केंद्र पर आरोप लगाती है, लेकिन अपनी गलती उन्हें नहीं दिखती."
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राज्य सरकार किसानों संग कर रही भेदभाव: नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा, "राज्य सरकार यूरिया और खाद की ब्लैक मार्केटिंग रोक पाने में असफल साबित हो रही है. राज्य सरकार को यह तय करना चाहिए कि कितना आवंटन सोसाइटी में होगा और कितना दुकानों में... लेकिन जब से राज्य सरकार आई है. खाद और यूरिया की ब्लैक मार्केटिंग शुरू हो गई है. कांग्रेस की सरकार सोसाइटियों में खाद आने ही नहीं दे रही है. राज्य सरकार लगातार केंद्र पर आरोप लगाती है. लेकिन जितना यूरिया और खाद केंद्र सरकार से मिला है... राज्य सरकार उसका आवंटन नहीं कर पाती है. राज्य सरकार खाद के माध्यम से किसानों का शोषण कर रही है. राज्य सरकार स्वयं किसानों के साथ भेदभाव कर रही है."