रायपुर : जीएसटी को लेकर सरकार के फैसले के खिलाफ लोगों में नाराजगी देखने को मिल रही है. आम जनता छोटी-छोटी चीजों और पैकेट बंद आइटम पर जीएसटी लगाने से खुश नहीं है. ऊपर से इस बार बैंक चेक (bank cheque gst ) पर भी जीएसटी लगा दिया गया (gst on cheque payment ) है. जिसकी दर 18 फीसदी रखी गई है. आम तौर पर पहले लोग बैंक में जाकर पैसे निकालते थे. तो एक निश्चित राशि तक मुफ्त में पैसा मिल जाता (gst on cheque book ) था. लेकिन अब नियम बदल गए हैं. अब बैंक चेक के जरिए पैसा निकालने पर जोर देते हैं. लेकिन चेक से पैसा निकालने पर 18 फीसदी (gst on cheque payment) यदि टैक्स कटेगा तो आम आदमी क्या करेगा.
किन चीजों में लगने लगी है जीएसटी : सिर्फ बैंक चेक ही नहीं, होटल और अस्पताल के कमरे भी महंगे हो गए हैं. सरकार ने इस पर भी जीएसटी लगा दिया है. होटल के वो कमरे जिनका किराया एक हजार रुपया तक है, उस पर जीएसटी लगेगा. इन होटलों का प्रयोग सबसे अधिक निम्न मध्यम और मध्यम वर्ग के लोग करते हैं. अब उन्हें पहले के मुकाबले अधिक किराया देना होगा. इसी तरह से अस्पताल में जो कमरे 5 हजार से ज्यादा कीमत के हैं उन पर भी जीएसटी लगाया गया है. खाद्य पदार्थों में जिस तरह के पैकेट का इस्तेमाल करते हैं, जिनमें दही, लस्सी और पनीर भी शामिल हैं. उन्हें भी जीएसटी के दायरे में लाया गया है. वित्त मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि 18 जुलाई, 2022 से नई दरें लागू हो गईं हैं.
चलना और नहाना भी महंगा : सौर वॉटर हीटर पर अब 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा जबकि पहले पांच प्रतिशत कर लगता था. सड़क, पुल, रेलवे, मेट्रो, अपशिष्ट शोधन संयंत्र और शवदाहगृह के लिये जारी होने वाले कार्य अनुबंधों पर अब 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा. जो अब तक 12 प्रतिशत था.रोपवे के जरिये वस्तुओं और यात्रियों के परिवहन तथा कुछ सर्जरी से जुड़े उपकरणों पर कर की दर घटाकर पांच प्रतिशत की गई है. पहले यह 12 प्रतिशत थी. ट्रक, वस्तुओं की ढुलाई में इस्तेमाल होने वाले वाहनों जिसमें ईंधन की लागत शामिल है, पर अब 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा जो अभी 18 प्रतिशत है.
कुछ जगहों पर रियायत लेकिन फायदा क्या ? : बागडोगरा से पूर्वोत्तर राज्यों तक की हवाई यात्रा पर जीएसटी छूट अब इकनॉमी श्रेणी तक सीमित होगी.आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक), बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड जैसे नियामकों की सेवाओं के साथ रिहायशी मकान कारोबारी इकाइयों को किराये पर देने पर कर लगेगा. बैटरी या उसके बिना इलेक्ट्रिक वाहनों पर रियायती पांच प्रतिशत जीएसटी बना रहेगा.