रायपुर: देश में 5 साल के कम उम्र में जान गंवाने वाले बच्चो में 13% बच्चे न्युमोकोकल बैक्टीरिया से होने वाली निमोनिया, मस्तिष्क ज्वर, सेप्टीसीमिया, साइनोसाइटिस, ओटाइटिस मीडिया (कान का इन्फेक्शन) जैसी कई बीमारियों के शिकार होते हैं. ऐसे बच्चों को अब छत्तीसगढ़ सरकार नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन (पीसीवी) ( pneumonia vaccine in Chhattisgarh ) निःशुल्क लगाएगी. शिशुओं को 6 सप्ताह, 14 सप्ताह और 9 माह की आयु में इसकी 3 खुराकें दी जाएगी. 3 डोज में लगने वाला यह टीका बाजार में काफी महंगे दामों में मिलता है. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने वर्चुअल कार्यक्रम में नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत प्रदेश में पीसीवी टीकाकरण का शुभारंभ किया.
स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने कार्यक्रम में सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों और विभाग मैदानी अमले को संबोधित करते हुए कहा कि न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन को नियमित टीकाकरण में शामिल करने से 5 वर्ष तक के बच्चों की न्युमोकोकल बैक्टीरिया से होने वाली बीमारियों से रक्षा हो सकेगी. इससे प्रदेश में बाल मृत्यु दर को कम करने में भी मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि पीसीवी की महंगे दर पर उपलब्धता के कारण आम लोगों तक इसकी पहुंच सीमित थी. अब नियमित टीकाकरण में शामिल होने से सभी बच्चों को वैक्सीन निःशुल्क लगाई जाएगी.
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5 साल से कम उम्र में जान गंवाने वाले बच्चों में 13% निमोनिया से होते हैं पीड़ित
सिंहदेव ने अपने संबोधन में कहा कि देश में 5 वर्ष से कम उम्र में जान गंवाने वाले बच्चों में 13% निमोनिया से पीड़ित होते हैं. इनमें से भी 15% बच्चों की मौत न्यूमोकोकल निमोनिया से होती है. उन्होंने बताया कि देश में वर्ष 2010 में 1 लाख 5 हजार और 2015 में 53 हजार बच्चों की मौत न्यूमोकोकल निमोनिया से हुई थी. सिंहदेव ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से पीसीवी को ज्यादा से ज्यादा शिशुओं तक पहुंचाने कहा. उन्होंने नवजातों के माता-पिता को भी इस बारे में जागरूक करने भी कहा, जिससे वे शिशु की उम्र के अनुसार इसकी निर्धारित खुराक समय पर बच्चों को दिलवा सकें.
5 वर्ष तक के बच्चे न्यूमोकोकल बैक्टीरिया से सबसे ज्यादा प्रभावित
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला ने शुभारंभ कार्यक्रम में कहा कि 5 वर्ष तक के बच्चे न्यूमोकोकल बैक्टीरिया से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं. पीसीवी से इन बच्चों को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी. उन्होंने बताया कि प्रदेश में जैपनीज इन्सेफेलाइटिस के ज्यादा खतरों वाले जिलों में इससे बचाव का टीका भी नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल किया गया है.
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हर साल करीब 6 लाख 33 हजार वैक्सीनेशन का लक्ष्य
राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. अमर सिंह ठाकुर ने कार्यक्रम में सभी जिलों के अधिकारियों को न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन के उपयोग, प्रभाव और सावधानियों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस टीके को प्रदेश में हर साल करीब 6 लाख 33 हजार बच्चों तक पहुंचाने का लक्ष्य है. वर्ष 2017 में भारत में यह टीका चरणबद्ध तरीके से पांच राज्यों में शुरू किया गया था. नियमित टीकाककरण कार्यक्रम में शामिल कर अब पूरे देश में इसका विस्तार किया जा रहा है.