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Special: लॉकडाउन की वजह से दूसरे जिले में फंसे, अब राशन के लिए भटक रहे - लॉकडाउन की खबर

लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में जरूरतमंदों को भोजन और राशन मुहैया कराया तो जा रहा है. लेकिन दूसरे जिलों के राशनकार्ड हितग्राहियों को राशन लेने में दिक्कतें आ रही हैं. सरकार BPL कार्डधारियों को 2 माह का चावल एक साथ मुफ्त दे रही है. वहीं APL कार्डधारियों को 10 रुपए प्रति किलो के हिसाब से 1 महीने का चावल दिया जा रहा है.

Migrants are not getting ration
प्रवासियों को नहीं मिल रहा राशन
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Published : Apr 20, 2020, 12:26 PM IST

रायपुर: कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन किया गया है. ऐसे में गरीब और रोजी-मजदूरी करने वालें लोगों के सामने भोजन और राशन की समस्या खड़ी हो गई है. जिसे देखते हुए लोगों को भोजन सहित राशन मुहैया कराने का बीड़ा राज्य और केंद्र सरकार ने उठाया है. लेकिन हर संभव कोशिश के बावजूद लोग परेशान हो रहे हैं.

प्रवासियों को भोजन और राशन की जरूरत

प्रदेश में जरूरतमंदों को भोजन और राशन मुहैया कराया तो जा रहा है. लेकिन दूसरे जिलों और प्रदेशों के रहने वाले लोगों को राशन लेने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

कैसे मिल रहा राशन

सबसे ज्यादा योगदान सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) का है. PDS के तहत राशन कार्डधारियों को राशन उपलब्ध कराया जा रहा है. प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत कुल 12 हजार 306 राशन दुकान संचालित हैं. प्रदेश में राशन कार्ड धारियों की संख्या 65 लाख 39 हजार 184 है. सरकार की ओर से गरीबी रेखा राशन कार्डधारियों (BPL) को नि:शुल्क चावल सहित अन्य राशन सामग्री दी जा रही है. फिलहाल इसमें 2 माह का चावल एक साथ मुफ्त में दिया जा रहा है. 17 रूपए प्रति किलो की दर पर शक्कर दिया जा रहा है.

सामान्य वर्ग के राशनकार्ड धारियों (APL) को भी सस्ते दामों पर चावल शक्कर सहित अन्य राशन मुहैया कराया जा रहा है. एपीएल कार्डधारियों को 10 रुपए प्रति किलो के हिसाब से 1 महीने का चावल दिया जा रहा है. शक्कर सभी को 17 रुपए प्रति किलो की दर से दिया जा रहा है.

किसे और क्यों हो रही परेशानी

अचानक हुए लॉकडाउन से लोग जहां थे, वहीं फंस गए. सरकार ने आने-जाने पर रोक लगा दी. अब अन्य प्रदेश के अन्य जिलों में फंसे कार्डधारियों को राशन हासिल करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. प्रशासन ने भले ही सभी को राशन देने की बात कही है. लेकिन इस पर अमल करने में कई तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं. जिसकी वजह से दूसरे जिलों में फंसे कार्डधारियों को राशन नहीं मिल पा रहा है. दूसरे जिलों से राशन लेने दुकान पहुंचे, कार्ड धारियों का कहना है कि बार-बार राशन के लिए दुकान के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. फिलहाल इस पर जमीनी स्तर पर कोई योजना नहीं दिखाई पड़ रही है.

केंद्र सरकार के सामने रखी मांग

प्रदेश के खाद्य मंत्री अमरजीत ने कहा कि लॉक डाउन की वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और इसे पटरी में आने में लगभग 6 महीने का समय लगेगा. राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से 3 की जगह 6 महीने निशुल्क चावल बीपीएल कार्डधारियों को दिए जाने की मांग की है. इसके लिए खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए चर्चा कर इसकी मांग रखी है. देखना यह होगा की राज्य सरकार की मांग पर केंद्र क्या फैसला लेती है.

रायपुर: कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन किया गया है. ऐसे में गरीब और रोजी-मजदूरी करने वालें लोगों के सामने भोजन और राशन की समस्या खड़ी हो गई है. जिसे देखते हुए लोगों को भोजन सहित राशन मुहैया कराने का बीड़ा राज्य और केंद्र सरकार ने उठाया है. लेकिन हर संभव कोशिश के बावजूद लोग परेशान हो रहे हैं.

प्रवासियों को भोजन और राशन की जरूरत

प्रदेश में जरूरतमंदों को भोजन और राशन मुहैया कराया तो जा रहा है. लेकिन दूसरे जिलों और प्रदेशों के रहने वाले लोगों को राशन लेने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

कैसे मिल रहा राशन

सबसे ज्यादा योगदान सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) का है. PDS के तहत राशन कार्डधारियों को राशन उपलब्ध कराया जा रहा है. प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत कुल 12 हजार 306 राशन दुकान संचालित हैं. प्रदेश में राशन कार्ड धारियों की संख्या 65 लाख 39 हजार 184 है. सरकार की ओर से गरीबी रेखा राशन कार्डधारियों (BPL) को नि:शुल्क चावल सहित अन्य राशन सामग्री दी जा रही है. फिलहाल इसमें 2 माह का चावल एक साथ मुफ्त में दिया जा रहा है. 17 रूपए प्रति किलो की दर पर शक्कर दिया जा रहा है.

सामान्य वर्ग के राशनकार्ड धारियों (APL) को भी सस्ते दामों पर चावल शक्कर सहित अन्य राशन मुहैया कराया जा रहा है. एपीएल कार्डधारियों को 10 रुपए प्रति किलो के हिसाब से 1 महीने का चावल दिया जा रहा है. शक्कर सभी को 17 रुपए प्रति किलो की दर से दिया जा रहा है.

किसे और क्यों हो रही परेशानी

अचानक हुए लॉकडाउन से लोग जहां थे, वहीं फंस गए. सरकार ने आने-जाने पर रोक लगा दी. अब अन्य प्रदेश के अन्य जिलों में फंसे कार्डधारियों को राशन हासिल करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. प्रशासन ने भले ही सभी को राशन देने की बात कही है. लेकिन इस पर अमल करने में कई तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं. जिसकी वजह से दूसरे जिलों में फंसे कार्डधारियों को राशन नहीं मिल पा रहा है. दूसरे जिलों से राशन लेने दुकान पहुंचे, कार्ड धारियों का कहना है कि बार-बार राशन के लिए दुकान के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. फिलहाल इस पर जमीनी स्तर पर कोई योजना नहीं दिखाई पड़ रही है.

केंद्र सरकार के सामने रखी मांग

प्रदेश के खाद्य मंत्री अमरजीत ने कहा कि लॉक डाउन की वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और इसे पटरी में आने में लगभग 6 महीने का समय लगेगा. राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से 3 की जगह 6 महीने निशुल्क चावल बीपीएल कार्डधारियों को दिए जाने की मांग की है. इसके लिए खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए चर्चा कर इसकी मांग रखी है. देखना यह होगा की राज्य सरकार की मांग पर केंद्र क्या फैसला लेती है.

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