नोबेल पुरस्कार की स्थापना सर अल्फ्रेड नोबेल (Sir Alfred Nobel) ने की थी. अपनी अंतिम वसीयत के परिणामस्वरूप, जहां उन्होंने मानवता के पक्ष में अनुकरणीय कार्य करने वालों के प्रयासों का सम्मान करने के लिए अपनी शेष संपत्ति देने का उल्लेख किया. 1901 से, सर अल्फ्रेड नोबेल के नाम पर हर साल 5 क्षेत्रों में नोबेल पुरस्कार दिया जाता है. ये क्षेत्र हैं फिजिक्स, केमिस्ट्री, लिटरेचर, फिजियोलॉजी या मेडिसिन और शांति. अर्थशास्त्र को बाद में 1969 में पुरस्कार के लिए जोड़ा गया. आज हम आपको नोबेल पुरस्कार पाने वाले भारतीय वैज्ञानिकों के बारे में बताएंगे. लेकिन उससे पहले जानिए कि नोबेल पुरस्कार विजेता को क्या मिलता है.
नोबेल पुरस्कार की राशि : 27 नवंबर, 1895 को, अल्फ्रेड ने पेरिस में स्वीडिश-नार्वे क्लब में अपनी अंतिम वसीयत पर हस्ताक्षर किए. लगभग 31,225,000 स्वीडिश क्रोनर की उनकी कुल संपत्ति को उनके नाम पर 5 नोबेल पुरस्कार स्थापित करने के लिए अलग रखा गया था. 1969 से अर्थशास्त्र के अतिरिक्त अब छह क्षेत्रों में पुरस्कार दिए जा रहे हैं. नोबेल पुरस्कार विजेता को 3 चीजें मिलती हैं, एक नोबेल डिप्लोमा, एक नोबेल पदक और 7 करोड़ 22 लाख रुपये या 10 मिलियन स्वीडिश क्रोनर का नकद पुरस्कार. तो आईए जानते हैं उन भारतीय वैज्ञानिकों को जिन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.
चंद्रशेखर वेंकटरमन ( Chandrasekhara Venkata Ramana ) : डॉ. चंद्रशेखर वेंकटरमन भौतिक शास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार पाने वाले पहले भारतीय तथा किसी भी श्रेणी में नोबेल पुरस्कार पाने वाले दूसरे भारतीय हैं. उन्हें 1930 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया. डॉ. सीवी रमन का जन्म तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली के निकट तिरुवाइक्कावल में 7 नवम्बर 1888 को हुआ था. उन्होंने प्रकाश पर गहन अध्ययन किया. जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने रमन प्रभाव की खोज की. डॉ सीवी रमन के इसी खोज के लिए वर्ष 1930 में उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर ( Subrahmanyam Chandrasekhar ) डॉ. सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर को वर्ष 1983 में भौतिक शास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया डॉ .सुब्रमण्यम एक भौतिक शास्त्री थे. उनका जन्म 19 अक्टूबर 1910 को वर्तमान पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के लाहौर में हुआ था. उनकी शिक्षा चेन्नई के प्रेसिडेंसी कॉलेज में हुई कॉलेज की पढ़ाई के बाद वे अमेरिका चले गए. जहां उन्होंने खगोल विज्ञान, भौतिक शास्त्र तथा सौरमंडल से संबंधित विषयों पर अनेक पुस्तकें भी लिखीं. वे डॉ. सी.वी. रमन के भतीजे थे. शास्त्र के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया.
डॉ. हरगोबिंद खुराना ( Dr Hargovind Khurana ) : डॉ. हरगोबिंद खुराना को चिकित्सा के क्षेत्र में अनुसंधान एवं उनके असाधारण योगदान के लिए वर्ष 1968 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया. डॉ हरगोविंद खुराना का जन्म पंजाब प्रांत के रायपुर ( वर्तमान पाकिस्तान ) में 9 जनवरी 1922 को हुआ था. 1960 में वे विस्कॉसिन विश्वविद्यालय में प्राध्यापक बने. डॉ हरगोविंद खुराना ने चिकित्सा के क्षेत्र में आनुवांशिक कोड की व्याख्या की और प्रोटीन संश्लेषण में अनुवांशिक कोड की भूमिका का पता लगाया. उनके इसी खोज के लिए उन्हें वर्ष 1968 में नोबेल पुरस्कार मिला.
वेंकटरमण रामकृष्णन ( Venkataraman Ramakrishnan ) : भारतीय मूल के अमेरिकी विज्ञानी वेंकटरमण रामकृष्णन को वर्ष 2009 में रसायन विज्ञान के क्षेत्र में योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया. वेंकटरमन रामकृष्णन का जन्म वर्ष 1952 में तमिलनाडु के चिदंबरम जिले में हुआ था. वेंकटरमन प्रसिद्ध रसायन शास्त्री हैं. राइबोसोम की संरचना और उसकी कार्यप्रणाली पर अध्ययन के लिए वर्ष 2009 में अमेरिका के प्रसिद्ध वैज्ञानिक थॉमस ए. स्टेट्ज, इजरायल के ई. योनथ और वेंकटरमन रामकृष्णन को संयुक्त रूप से इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया.