राजनांदगांव: जिले के छुरिया जनपद पंचायत अध्यक्ष को भ्रष्टाचार के मुद्दे के चलते अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी है. लंबे राजनीतिक उथल-पुथल के बाद नगर पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ सोमवार को अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया. इस अविश्वास प्रस्ताव में कांग्रेस के ही 2 पार्षदों ने अपने अध्यक्ष के खिलाफ मतदान किया है.
यह है पूरा मामला: छुरिया नगर पंचायत में 15 वार्ड हैं. यहां पर कांग्रेस पार्टी से अध्यक्ष राजकुमारी सिन्हा के खिलाफ भाजपा से निष्कासित 8 पार्षद और कांग्रेस के तीन अन्य पार्षदों ने मिलकर अविश्वास प्रस्ताव लाने का काम किया था. लेकिन सम्मेलन का आयोजन नहीं हो पाने के चलते लंबे समय से अविश्वास प्रस्ताव का मामला राजनीतिक दांवपेच में फंसा हुआ था. इस दौरान पार्षदों के मान मनव्वल का दौर भी चला. इसी बीच सोमवार को अविश्वास प्रस्ताव को लेकर मतदान की प्रक्रिया शुरू हुई. जिसमें नगर पंचायत अध्यक्ष राजकुमारी सिन्हा के खिलाफ 11 पार्षद एकजुट थे. लेकिन मतदान के दौरान 11 में से 10 पार्षदों ने अध्यक्ष के खिलाफ मतदान किया है, जिसमें से दो पार्षद कांग्रेस पार्टी से हैं.
पार्टी ने दिए कार्रवाई के संकेत: ऐसे में अपनी ही कांग्रेस पार्टी से अध्यक्ष राजकुमारी सिन्हा के खिलाफ मतदान करने वाले पार्षदों को कांग्रेस के द्वारा नोटिस जारी किया जा रहा है. जिला कांग्रेस अध्यक्ष पदम कोठारी का कहना है कि हमारे कांग्रेस के दो पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग करते हुए अविश्वास प्रस्ताव पारित कराया है, जिनके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
कांग्रेस में मतभेद: छुरिया नगर पंचायत क्षेत्र के दुकानों के आवंटन के मामले में नगर पंचायत अध्यक्ष राजकुमारी सिन्हा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा था. मामले में कांग्रेस पार्षदों ने भ्रष्टाचार के मुद्दे सहित कांग्रेसी पार्षदों की अवहेलना को लेकर अविश्वास प्रस्ताव लाने का काम किाय था. सोमवार को मतदान की प्रक्रिया एसडीएम सुनील नायक की मौजूदगी में संपन्न कराई गई. इस दौरान एसडीएम ने कहा कि "अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 10 मत प्राप्त हुए हैं. वहीं 5 मत अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ मिले हैं. नगर पालिका अधिनियम के तहत अविश्वास प्रस्ताव पारित हुआ है."
न्यायालय तक भी पहुंचे पार्षद: लगभग ढाई महीने से 11 पार्षद अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में थे. उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव के लिए कलेक्टर से आवेदन भी किया था. लेकिन अविश्वास प्रस्ताव हेतु सम्मेलन का आयोजन नहीं किया जा रहा था. इसके बाद पार्षदों ने इस मामले को लेकर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. लेकिन न्यायालय में मामले की सुनवाई होने से पहले ही 3 जुलाई को कलेक्टर ने इस संबंध में सम्मेलन का आयोजन किए जाने की घोषणा कर दी थी. जिसके बाद अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष के सभी 11 पार्षद अज्ञातवास पर चले गए थे. जिसके बाद कलेक्टर सोमवार को सुबह ही सभी मतदान की प्रक्रिया में शामिल होने पहुंचे. लेकिन इन 11 पार्षदों में से एक पार्षद ने अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ क्रॉस वोटिंग कर दिया. इसके बावजूद नगर पंचायत अध्यक्ष राजकुमारी सिन्हा अपनी कुर्सी नहीं बचा पाई.
ऐसे बिगड़ा खेल: 15 वार्ड वाले छुरिया नगर पंचायत में 7 कांग्रेस के पार्षद थे. जिसमें से 3 कांग्रेसी पार्षद भी अपने अध्यक्ष के खिलाफ थे. लेकिन इसमें से कॉन्ग्रेस के 2 पार्षदों ने ही अपनी अध्यक्ष के खिलाफ मतदान किया है. अब संगठन स्तर पर इन पार्षदों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है.