रायपुर: वो कहते हैं, न जब मन में कुछ ठान लो तो जिन्दगी में कुछ भी पाना मुश्किल नहीं होता और जब इरादे बुलंद हों, तो हर राह आसान हो जाती है और सफलता आपके कदम चुमती है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है NIT की टीम IGNITRR ने.
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) की टीम IGNITRR (आई जी ऍन.आई.टी.आर.आर.) ने सोसाइटी ऑफ ऑटोमोटिव इंजीनियर्स (SAEINDIA) की ओर से आयोजित इ- बाहा कार रेसिंग प्रतियोगिता में 24 वीं रैंक हासिल की है. 22 जनवरी से 26 जनवरी तक पीथमपुर, इंदौर में आयोजित इस प्रतियोगिता में देश भर से 55 टीमों ने हिस्सा लिया था, बता दें कि IGNITRR की टीम ने पहली बार इ- बाहा प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था.
दिन रात एक कर बनाई नई कार
यह प्रतियोगिता दो श्रेणियां में आयोजित की जाती है, जिसमें एम. बाहा और इ- बाहा शामिल है और IGNITRR की टीम ने इ- बाहा प्रतियोगिता में हिस्सा लिया. IGNITRR की टीम इस साल हुई प्रतियोगिता के इलेक्ट्रिक संस्करण में भाग लेने वाली छत्तीसगढ़ की एकमात्र टीम है. इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए टीम ने कड़ी मेहनत से तीन महीने में दिन रात एक कर 4.5 लाख की लागत से कार को तैयार किया. यह कार बैटरी से चलती है, जिसे एक बार चार्ज करने पर तीन घंटे तक ड्राइव की जा सकती है.
230 किलो है कार का वजन
कार में 48 वोल्ट (5.28KWhr) की 110Ah की लिथियम आयन बैटरी है. इसकी टॉप स्पीड 55 किलोमीटर प्रति घंटा है और इसका वजन 230kg है. कार में इस्तेमाल ब्रेक सर्किट के लिए मास्टर सिलेंडर का उपयोग मारुति 800 से किया गया है और कैलिपर्स का उपयोग वेस्पा स्कूटी और केटीएम बाइक से लिया गया है. वाहन में सभी चार पहियों पर इंडिपेंडेंट सस्पेंशन सिस्टम का प्रयोग किया गया है, जो आसानी से चलाने में मदद करता है. इ- बाहा ATV (ऑल टेरेन व्हीकल) एक प्रतियोगिता है, जिसका उद्देश्य एक ऐसे वाहन को डिजाइन करना है जो किसी भी इलाके में आसानी से चल सके.
25 छात्रों ने मिलकर बनाई कार
बता दें कि IGNITRR के 25 सदस्यों ने मिलकर इस कार को बनाया है. प्रोफेसर डॉ. SPS मथारू (मैकेनिकल) और डॉ. शैलेश वैद्य (मैकेनिकल ) के मार्गदर्शन में टीम का नेतृत्व कनिष्क गबेल (कप्तान ) और हर्षित गुप्ता (उप कप्तान) ने किया है. बाकी टीम के सदस्य आयुष, प्रशांत, विपिन, नुक्श, पीयूष, अनुज सोनी, अनुज, अभिनव, श्रेयांश, ज्ञानेंद्र, आयुष, अपूर्व, अनिकेत, रोहन, अंबर, प्रॉम, अनुकृति, शुभांगी, प्रियदर्शनी, आशुतोष, राघव, आकाश, अभय ने कार को बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है.