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महिला एवं बाल विकास विभाग पर सवाल: नाबालिग बच्चियों को बगैर परिजनों की सहमति के लाया गया खुला आश्रय गृह

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Published : Apr 15, 2022, 10:37 PM IST

Updated : Apr 15, 2022, 10:52 PM IST

रायपुर में महिला एवं बाल विकास विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां शहर की कुछ नाबालिग बच्चियों को परिजनों की बिना सहमति के खुला आश्रय गृह में लाया गया. जिसके बाद जमकर बवाल मच गया.

Negligence of Women and Child Development Department
महिला एवं बाल विकास विभाग पर सवाल

रायपुर: रायपुर में महिला एवं बाल विकास विभाग पर गंभीर आरोप लगे हैं. यहां नाबालिग लड़कियों को बगैर परिजनों की सहमति के खुला आश्रय गृह में रखा गया. जिसके बाद रायपुर में बवाल मच गया. रायपुर की संस्था खुला आश्रय गृह में महिला बाल विकास विभाग के द्वारा शहर की कुछ नाबालिग बच्चियों को परिजनों की बिना सहमति के गुरुवार के दिन लाया गया था. जिसकी सूचना ना ही पुलिस को दी गई थी और ना ही नाबालिग बच्ची के परिजनों को दी गई. जिसके बाद आज परिजनों को इसकी सूचना मिली. परिजनों ने आश्रय गृह पहुंचकर जमकर बवाल काटा.

महिला एवं बाल विकास विभाग की बड़ी लापरवाही

बीजेपी ने भी महिला बाल विकास पर उठाए सवाल: परिजनों के साथ ही पुलिस और भाजपा के नेता पहुंचे काफी देर तक संस्था के बाहर हंगामा हुआ. जिसके बाद महिला बाल विकास विभाग के बाल संरक्षण अधिकारी के पहुंचने के बाद मामला शांत हुआ. वहीं इस पूरे मसले पर तेलीबांधा थाना की सब इंस्पेक्टर दिव्या शर्मा और बाल संरक्षण अधिकारी नवनीत स्वर्णकार ने मीडिया से बात करने से इंकार कर दिया. राजधानी के गुढ़ियारी और टिकरापारा के रहने वाली तीन नाबालिग बच्ची मालवीय रोड स्थित कपड़ा दुकान में काम करने के लिए गुरुवार को गई थी.

बच्चियों के परिजनों का दिखा गुस्सा: महिला बाल विकास विभाग के द्वारा अवंती विहार स्थित मकान नंबर 17 के खुला आश्रय गृह संस्था में तीनों नाबालिक बच्चियों को अपने साथ ले आई. इसकी सूचना संस्था ने ना ही पुलिस को दी और ना ही नाबालिग बच्ची के परिजनों को जिसके कारण परिजनों में आक्रोश और नाराजगी देखने को मिली. खुला आश्रय गृह संस्था में परिजन और भाजपा नेताओं के पहुंचने के बाद भी नाबालिग बच्चियों को परिजनों से नहीं मिलने दिया गया.


संजय श्रीवास्तव ने दुकानदारों पर कार्रवाई की मांग की: भाजपा नेता संजय श्रीवास्तव का कहना है कि, नाबालिग बच्चियों को खुला आश्रय गृह संस्था के द्वारा यहां पर लाया गया है. बच्चियां नाबालिग हैं और किसी दुकान में काम करती है, तो बाल श्रम कानून के तहत दुकानदार के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और बच्चों को संस्था के द्वारा लाया गया है तो उसकी जानकारी परिजनों को देनी चाहिए थी. लेकिन संस्था ने ऐसा नहीं किया. उन्होंने बताया कि महिला बाल विकास के माध्यम से इन नाबालिग बच्चियों को लाकर इस संस्था में रखा गया है. जिसकी जानकारी परिजनों को भी नहीं दी गई. जिससे परिजन परेशान हो रहे हैं. भाजपा नेता ने महिला बाल विकास की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए.


महिला एवं बाल विकास विभाग ने कही काउंसलिंग की बात: बाल संरक्षण अधिकारी नवनीत स्वर्णकार ने ऑफ़ द रिकॉर्ड बताया कि माना स्थित बाल कल्याण समिति में बच्चियों का काउंसलिंग कराया जाएगा. जिसके बाद नाबालिग बच्चियों को उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया जाएगा

रायपुर: रायपुर में महिला एवं बाल विकास विभाग पर गंभीर आरोप लगे हैं. यहां नाबालिग लड़कियों को बगैर परिजनों की सहमति के खुला आश्रय गृह में रखा गया. जिसके बाद रायपुर में बवाल मच गया. रायपुर की संस्था खुला आश्रय गृह में महिला बाल विकास विभाग के द्वारा शहर की कुछ नाबालिग बच्चियों को परिजनों की बिना सहमति के गुरुवार के दिन लाया गया था. जिसकी सूचना ना ही पुलिस को दी गई थी और ना ही नाबालिग बच्ची के परिजनों को दी गई. जिसके बाद आज परिजनों को इसकी सूचना मिली. परिजनों ने आश्रय गृह पहुंचकर जमकर बवाल काटा.

महिला एवं बाल विकास विभाग की बड़ी लापरवाही

बीजेपी ने भी महिला बाल विकास पर उठाए सवाल: परिजनों के साथ ही पुलिस और भाजपा के नेता पहुंचे काफी देर तक संस्था के बाहर हंगामा हुआ. जिसके बाद महिला बाल विकास विभाग के बाल संरक्षण अधिकारी के पहुंचने के बाद मामला शांत हुआ. वहीं इस पूरे मसले पर तेलीबांधा थाना की सब इंस्पेक्टर दिव्या शर्मा और बाल संरक्षण अधिकारी नवनीत स्वर्णकार ने मीडिया से बात करने से इंकार कर दिया. राजधानी के गुढ़ियारी और टिकरापारा के रहने वाली तीन नाबालिग बच्ची मालवीय रोड स्थित कपड़ा दुकान में काम करने के लिए गुरुवार को गई थी.

बच्चियों के परिजनों का दिखा गुस्सा: महिला बाल विकास विभाग के द्वारा अवंती विहार स्थित मकान नंबर 17 के खुला आश्रय गृह संस्था में तीनों नाबालिक बच्चियों को अपने साथ ले आई. इसकी सूचना संस्था ने ना ही पुलिस को दी और ना ही नाबालिग बच्ची के परिजनों को जिसके कारण परिजनों में आक्रोश और नाराजगी देखने को मिली. खुला आश्रय गृह संस्था में परिजन और भाजपा नेताओं के पहुंचने के बाद भी नाबालिग बच्चियों को परिजनों से नहीं मिलने दिया गया.


संजय श्रीवास्तव ने दुकानदारों पर कार्रवाई की मांग की: भाजपा नेता संजय श्रीवास्तव का कहना है कि, नाबालिग बच्चियों को खुला आश्रय गृह संस्था के द्वारा यहां पर लाया गया है. बच्चियां नाबालिग हैं और किसी दुकान में काम करती है, तो बाल श्रम कानून के तहत दुकानदार के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और बच्चों को संस्था के द्वारा लाया गया है तो उसकी जानकारी परिजनों को देनी चाहिए थी. लेकिन संस्था ने ऐसा नहीं किया. उन्होंने बताया कि महिला बाल विकास के माध्यम से इन नाबालिग बच्चियों को लाकर इस संस्था में रखा गया है. जिसकी जानकारी परिजनों को भी नहीं दी गई. जिससे परिजन परेशान हो रहे हैं. भाजपा नेता ने महिला बाल विकास की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए.


महिला एवं बाल विकास विभाग ने कही काउंसलिंग की बात: बाल संरक्षण अधिकारी नवनीत स्वर्णकार ने ऑफ़ द रिकॉर्ड बताया कि माना स्थित बाल कल्याण समिति में बच्चियों का काउंसलिंग कराया जाएगा. जिसके बाद नाबालिग बच्चियों को उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया जाएगा

Last Updated : Apr 15, 2022, 10:52 PM IST
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