रायपुर: माओवादियों के लगाए IED की चपेट में आने से सोमवार को बीएसएफ का 1 जवान जख्मी हो गया था. जख्मी जवान ने मंगलवार को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. शहीद जवान सोमवार को पोलिंग पार्टी के साथ मतदान केंद्र पर जा रहा था, तभी माओवादियों के लगाए बम की चपेट में आ गया. जवान को बेहतर इलाज के लिए तुरंत हेलिकॉप्टर के जरिए रायपुर के नारायणा अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया.
BSF जवान शहीद: माओवादियों के लगाए एंबुश की चपेट में आने से 1 जवान शहीद हो गया. शहीद हुए जवान का नाम प्रकाश चंद्र शिओल था और वो ओडिशा के बालेश्रवर का रहने वाला था. शहीद जवान बीएसएफ की 94वीं बटालियन में तैनात था. जवान के शहीद होने की खबर खुद कांकेर एसपी दिव्यांग पटेल ने मीडिया को दी. ये कोई पहला मौका नहीं है जब माओवादियों ने ये खूनी खेल खेला हो. चुनाव के दौरान माओवादियों अक्सर जवानों को निशाना बनाने के लिए जमीन के नीचे बम लगा देते हैं और जब जवान वहां से गुजरते हैं तो विस्फोट कर देते हैं.
नक्सलियों का खूनी खेल: दशकों से बस्तर में बिना हिंसा के चुनाव कराना चुनाव आयोग के लिए एक बड़ी समस्या रहा है. जवानों की ज्यादा संख्या में तैनाती से नक्सली वारदातों में जरूर बीते कुछ सालों में कमी आई है. इस बार भी बस्तर की 12 सीटों पर चुनाव के दौरान नक्सली वारदातों को रोकने के लिए 40 हजार जवानों की तैनाती गई थी. तमाम सुरक्षा के इंतजाम होने के बाद भी इस बार नक्सली जवानों को निशाना बनाने में कामयाब रहे जिसे इंटेलिजेंस की नाकामी भी मान सकते हैं.