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नक्सली नेता गणपति जल्द कर सकता है सरेंडर, छत्तीसगढ़ सरकार ने 1 करोड़ का रखा है इनाम - naxali ganpani surrende

भाकपा (माओवादी) का वरिष्ठ नेता और महासचिव मुपल्ला लक्ष्मणा राव उर्फ गणपति जल्द आत्मसमर्पण कर सकता है. गणपति पर छत्तीसगढ़ सरकार ने एक करोड़ का इनाम रखा है. इसके साथ ही कई और राज्यों ने भी गणपति पर इनाम घोषित किया हुआ है.

naxal surrender
नक्सल सरेंडर
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Published : Sep 2, 2020, 10:41 AM IST

Updated : Sep 2, 2020, 10:47 AM IST

रायपुर: CPI (माओवादी) के वरिष्ठ नेता और महासचिव मुपल्ला लक्ष्मणा राव उर्फ गणपति के आत्मसमर्पण की खबरें तेजी से फैल रही हैं. जानकारी के मुताबिक, लंबे समय तक नक्सलियों के केंद्रीय महासचिव के रूप में काम कर चुके गणपति ने आत्मसमर्पण करने का मन बना लिया है. गणपति ने तेलंगाना पुलिस को सरेंडर करने की पेशकश की है. गुरुवार को गणपति की तेलंगाना सरकार के समक्ष आत्मसमर्पण की संभावना जताई जा रही है. गणपति पर छत्तीसगढ़ सरकार ने एक करोड़ का इनाम रखा है. कई और राज्यों ने भी गणपति पर इनाम घोषित किया हुआ है.

  • Though a spent bullet, Ganapathy on surrender, may reveal the future designs of the CPI(Maoist), particularly the Dandakaraya. He had been in the jungles for more than 30 years and left the guards due to illness. @riteshmishrahthttps://t.co/i7XbwNWQHa

    — RK Vij, IPS (@ipsvijrk) September 1, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

आईपीएस आरके विज ने ट्वीट कर लिखा है कि गणपति के आत्मसमर्पण से सीपीआई (माओवादी) की योजना और दंडकारण्य के बारे में बहुत सारी जानकारी मिलेगी. उन्होंने कहा कि गणपति 30 से ज्यादा साल से जंगल में रह रहा है. अगर गणपति के आत्मसमर्पण की बात सच है, तो इसे सीपीआईएमएल के क्रांतिकारी आंदोलन के इतिहास में एक बहुत बड़ी क्षति मानी जाएगी. दूसरी ओर यह भी चर्चा है कि गणपति के साथ चार अन्य माओवादी आत्मसमर्पण करने की तैयारी में हैं. हालांकि इस बात की अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है.


पढ़े: बीजापुर: ASI की हत्या में शामिल एक और नक्सली गिरफ्तार, अब तक 4 की हो चुकी है गिरफ्तारी


स्वास्थ्य कारणों से सरेंडर की बात

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, गणपति अपने खराब स्वास्थ्य की वजह से सरेंडर कर सकता है. गणपति अस्थमा, मधुमेह और गंभीर जोड़ों के दर्द से पीड़ित है. गणपति अभी भी नक्सली पार्टी की केंद्रीय समिति का हिस्सा है, लेकिन पिछले कुछ समय से वो सक्रिय नहीं था.

2004 में बने थे कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव

मुपल्ला लक्ष्मण राव उर्फ गणपति साल 2004 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के महासचिव बने. तब 'माओइस्ट कम्युनिस्ट सेंटर' यानी 'एमसीसी' और सीपीआई-एमएल (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) 'पीपल्स वॉर ग्रुप' यानी 'पीडब्लूजी' का विलय हुआ था. अविभाजित आंध्र प्रदेश के करीमनगर जिले में पैदा हुआ गणपति शिक्षक का काम छोड़ उच्च शिक्षा के लिए वारंगल चला गया. बताया जाता है कि वारंगल में ही उसका संपर्क पीपल्स वॉर ग्रुप के कोंडापल्ली सीतारमैया से हुआ, जो संगठन का महासचिव हुआ करता था. बाद में गणपति भी पीडब्लूजी का महासचिव बन गया.

रायपुर: CPI (माओवादी) के वरिष्ठ नेता और महासचिव मुपल्ला लक्ष्मणा राव उर्फ गणपति के आत्मसमर्पण की खबरें तेजी से फैल रही हैं. जानकारी के मुताबिक, लंबे समय तक नक्सलियों के केंद्रीय महासचिव के रूप में काम कर चुके गणपति ने आत्मसमर्पण करने का मन बना लिया है. गणपति ने तेलंगाना पुलिस को सरेंडर करने की पेशकश की है. गुरुवार को गणपति की तेलंगाना सरकार के समक्ष आत्मसमर्पण की संभावना जताई जा रही है. गणपति पर छत्तीसगढ़ सरकार ने एक करोड़ का इनाम रखा है. कई और राज्यों ने भी गणपति पर इनाम घोषित किया हुआ है.

  • Though a spent bullet, Ganapathy on surrender, may reveal the future designs of the CPI(Maoist), particularly the Dandakaraya. He had been in the jungles for more than 30 years and left the guards due to illness. @riteshmishrahthttps://t.co/i7XbwNWQHa

    — RK Vij, IPS (@ipsvijrk) September 1, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

आईपीएस आरके विज ने ट्वीट कर लिखा है कि गणपति के आत्मसमर्पण से सीपीआई (माओवादी) की योजना और दंडकारण्य के बारे में बहुत सारी जानकारी मिलेगी. उन्होंने कहा कि गणपति 30 से ज्यादा साल से जंगल में रह रहा है. अगर गणपति के आत्मसमर्पण की बात सच है, तो इसे सीपीआईएमएल के क्रांतिकारी आंदोलन के इतिहास में एक बहुत बड़ी क्षति मानी जाएगी. दूसरी ओर यह भी चर्चा है कि गणपति के साथ चार अन्य माओवादी आत्मसमर्पण करने की तैयारी में हैं. हालांकि इस बात की अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है.


पढ़े: बीजापुर: ASI की हत्या में शामिल एक और नक्सली गिरफ्तार, अब तक 4 की हो चुकी है गिरफ्तारी


स्वास्थ्य कारणों से सरेंडर की बात

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, गणपति अपने खराब स्वास्थ्य की वजह से सरेंडर कर सकता है. गणपति अस्थमा, मधुमेह और गंभीर जोड़ों के दर्द से पीड़ित है. गणपति अभी भी नक्सली पार्टी की केंद्रीय समिति का हिस्सा है, लेकिन पिछले कुछ समय से वो सक्रिय नहीं था.

2004 में बने थे कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव

मुपल्ला लक्ष्मण राव उर्फ गणपति साल 2004 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के महासचिव बने. तब 'माओइस्ट कम्युनिस्ट सेंटर' यानी 'एमसीसी' और सीपीआई-एमएल (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) 'पीपल्स वॉर ग्रुप' यानी 'पीडब्लूजी' का विलय हुआ था. अविभाजित आंध्र प्रदेश के करीमनगर जिले में पैदा हुआ गणपति शिक्षक का काम छोड़ उच्च शिक्षा के लिए वारंगल चला गया. बताया जाता है कि वारंगल में ही उसका संपर्क पीपल्स वॉर ग्रुप के कोंडापल्ली सीतारमैया से हुआ, जो संगठन का महासचिव हुआ करता था. बाद में गणपति भी पीडब्लूजी का महासचिव बन गया.

Last Updated : Sep 2, 2020, 10:47 AM IST
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