रायपुर: कोरोना संक्रमण को लेकर 25 मार्च से देशभर में लॉकडाउन लगा है. जिसके चलते स्कूल, कॉलेज से लेकर कामकाज सब बंद पड़े हैं. ऐसे में लोग अपने घरों पर हैं. इस बीच कई लोग इस खाली समय का सदुपयोग कर रहे हैं और अपनी प्रतिभा को निखार रहे हैं. इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ के शूटर सौरभ अग्रवाल ने द लॉक डाउन नाम की किताब लिख डाली.
सौरभ अग्रवाल नेशनल शूटर हैं और वो चार बार गोल्ड मेडिलिस्ट भी रह चुके हैं. उन्होंने किताब का नाम "द लॉक डाउन" है, लॉकडाउन के काल में लिखने कारण उन्होंने अपनी किताब को ये नाम दिया. सौरभ ने कहा कि वो इस समय घर में रहकर समय का सही इस्तेमाल करते हुए कुछ अनोखा करना चाहते थे. इसिलए उन्होंने किताब लिखने के बारे में सोचा.
इससे पहले भी मनुष्य लॉकडाउन से गुजर चुका है- सौरभ
ईटीवी भारत से EXCLUSIVE बातचीत में सौरभ अग्रवाल ने अपने किताब के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि ये किसी भी मनुष्य का पहला लॉकडाउन नहीं है. हर व्यक्ति अपने जीवन के अलग-अलग दौर में लॉकडाउन से गुजरता है. उदाहरण देते हुए उन्होंने समझाया कि जब एक महिला गर्भवती होती है तो आखिरी महीने में उसका घर से बाहर निकलना, बाहर का खाना-पीना सबकुछ बंद हो जाता है. बच्चे को जन्म देने के कुछ दिनों तक भी वो घर में रहती है और बाहर नहीं निकलती. तो ये भी एक तरह से लॉकडाउन है.
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इसके आगे सौरभ अग्रवाल ने एक और उदाहरण दिया कि जब कोई छात्र परीक्षा की तैयारी करता है तो वो भी खुद को सबसे दूर कर लेता है जिससे उसका पढ़ाई में ध्यान लगा रहे. परीक्षा के कुछ महीने पहले छात्र न तो घर के बाहर बेवजह निकलते हैं और न ही किसी से मिलते हैं, तो ये भी एक तरह से छात्र जीवन में लॉकडाउन है. इन्हीं सब चीजों को लेकर सौरभ अग्रवाल ने एक बुक लिखी है.
लॉकडाउन के बाद बाजारों में आएगी किताब
सौरभ अग्रवाल नेशनल शूटर हैं और स्टेट चैंपियन भी हैं. सौरभ अग्रवाल ने बताया कि अभी फिलहाल बुक प्रिंटिंग के प्रोसेस में है. लॉक डाउन खुलते ही बुक बाजारों में आ जाएगी, जिसे लोग खरीद कर पढ़ सकते हैं.