रायपुर: भारत में बालिकाओं को हर क्षेत्र में समान अधिकार दिलाने के लिए कई तरह के दिवस आयोजित किए जाते हैं. इस कड़ी में बालिकाओं के साथ हो रही असमानताओं को दूर करने के उद्देश्य के साथ राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुरुआत की गई थी. इस दिन देशभर में बालिकाओं को मिलने वाले अधिकारों को सुनिस्चित करने और विकसित करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. आज भी समाज के वर्गों में बालिकाओं को लेकर कई प्रकार की भ्रांतियां हैं. ऐसे में बालिकाओं को समाज में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. लैंगिक भेदभाव और बालिका शिक्षा के प्रति समाज में जागरुकता की कमी सबसे बड़ी चुनौती है.
बालिकाओं को सशक्त बनाने का है उद्देश्य: राष्ट्रीय बालिका दिवस (National Girl Child Day) हर साल 24 जनवरी को किया मनाया जाता है.national girl child day के मौके पर बालिकाओं के समान अधिकार को सुनिश्चित करने और समाज में जागरुकता के लिए कई कार्यक्रम किए जाते हैं. वैश्विक स्तर पर भी अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस हर साल 11 अक्टूबर को मनाया जाता है.
राष्ट्रीय बालिका दिवस का उद्देश्य: राष्ट्रीय बालिका दिवस का मुख्य उद्देश्य एक बालिका के अधिकारों के बारे में जागरूकता पैदा करना है. लड़कियों को समाज में बराबरी का अवसर देना है. इसके साथ ही देश की बालिकाओं का समर्थन करना और लिंग आधारित पूर्वाग्रहों को दूर करना है. इस दिन को मनाने का एक अन्य उद्देश्य उन असमानताओं के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना है, जिसका एक बच्ची सामना करती है और लोगों को लड़कियों की शिक्षा के बारे में शिक्षित करना है
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भारत सरकार की तरफ से की गई पहल: भारत सरकार ने लड़कियों की स्थिति में सुधार लाने के लिए पिछले वर्षों में कई कदम उठाए हैं. इस दिशा में सरकार ने कई अभियान और कार्यक्रम शुरू किए हैं. जैसे बेटी बचाओ, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, सुकन्या समृद्धि योजना, सीबीएसई उड़ान योजना, बालिकाओं के लिए मुफ्त या सब्सिडी वाली शिक्षा, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में महिलाओं के लिए आरक्षण.