रायपुर: लोगों को नेत्रदान के प्रति जागरूक करने के लिए बुधवार से 8 सितंबर तक राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा की शुरुआत की जा रही है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर गांव , विकासखंड और जिला स्तर पर टीमें बनाई गई है. जो अलग-अलग माध्यम से लोगों को जागरुक करने का काम करेगी. नेत्रदान और देहदान के लिए राज्य में लोगों के अंदर कई तरह की भ्रांतियां हैं. जिस वजह से नेत्रदान नहीं हो पाता है जबकि हर दिन राज्य में सैकड़ों लोगों की मौत होती है.
रायपुर में मौजूद है 3 आई बैंक हॉस्पिटल
बता दें कि प्रदेश के 5 अस्पतालों में कॉर्निया ट्रांसप्लांट की सुविधा मौजूद है. रायपुर मेडिकल कॉलेज समेत रायपुर के 3 अस्पतालों में आई बैंक भी मौजूद हैं. राज्य में कॉर्निया नहीं मिलने की स्थिति में दूसरे राज्य से मंगवा भी जा सकता हैं. राज्य के 1,069 लोगों की सूची कॉर्निया ट्रांसप्लांट वाले अस्पतालों में दी गई है . प्राथमिकता के आधार पर व्यक्तियों का चयन ट्रांसप्लांट के लिए किया जाता है.
प्रदेश में कोरोना की वजह से नेत्रदान हुआ प्रभावित
3 साल पहले स्वास्थ्य विभाग के सर्वे में 1069 ऐसे लोग सामने आए. जिन्हें दोनों आंखों से दिखाई नहीं देता है. नेत्रदान में कॉर्निया मिल जाए तो ट्रांसप्लांट कर इनकी आंखों की रोशनी वापस लौटाई जा सकती है. वहीं कोरोना की वजह से नेत्रदान प्रदेश में काफी प्रभावित हुआ है. मार्च 2020 से अब तक सिर्फ 12 कॉर्निया ही मिल पाए हैं. वहीं इसके पहले सालाना 300 कॉर्निया डोनेट हो रहे थे. प्रदेश में बीते 3 सालों में 133 कॉर्निया ट्रांसप्लांट ही हो पाए हैं.