Narak Chaturdashi 2022 Date ऐसा माना जाता है की कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी के दिन प्रातःकाल तेल लगाकर अपामार्ग (एक तरह की औषधि ) की पत्तियां जल में डालकर स्नान करने से नरक से मुक्ति मिलती है.छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी के दिन विधि-विधान से पूजा करने वाले व्यक्ति सभी पापों से मुक्त हो स्वर्ग को प्राप्त करते हैं.
नरक चतुर्दशी पूजा सामग्री (Narak Chaturdashi Puja Vidhi and Significance)
- काला तिल
- चावल
- लकड़ी की चौकी
- चांदी के सिक्के
- दीये
- पूजा थाली
- रोली
- धूप
- फूल और मिठाई
ऐसे करें यम की प्रार्थना : कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को प्रातःकाल 'अपामार्ग' को स्नान के समय मस्तक पर घुमाना चाहिये. इससे नरक के भय का नाश होता है.उस समय निम्न प्रकार से प्रार्थना करे- (Narak Chaturdashi Puja Method )
सीता-लोष्टा-सह-युक्त: शकंटक-दलनविता ।
हारा पापमपमार्ग! भ्राम्यमना पुनः पुनाः ॥
ऐसे करें नरक चतुर्दशी को तर्पण : स्नान के पश्चात् 'यम' के चौदह नामों का तीन-तीन बार उच्चारण करके तर्पण (जल-दान) करना चाहिये. साथ ही 'श्री भीष्म' को तीन अञ्जलियाँ जल-दान देकर तर्पण करना चाहिये, यहां तक की जिनके पिता जीवित है, उन्हें भी यह जल-अञ्जलियाँ देनी चाहिये. जल-अञ्जलि हेतु यमराज के निम्नलिखित 14 नामों का तीन बार उच्चारण करना चाहिये-
ॐ यमया नमः ॥
ॐ धर्मराजय नमः ॥
ॐ मृत्युवे नमः ॥
ॐ अंतकाय नमः ॥
ॐ वैवस्वताय नमः ॥
ॐ कलय नमः ॥
ॐ सर्वभूतक्षय्या नमः ॥
ॐ औदुम्बराय नमः ॥
ॐ दधनाय नमः ॥
ॐ निलय नमः ॥
ॐ परमेष्ठिन नमः ॥
ॐ वृकोदराय नमः ॥
ॐ चित्राय नमः ॥
ॐ चित्रगुप्ताय नमः ॥