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विदेश में छत्तीसगढ़ी संस्कृति की गूंज : अमेरिका में छत्तीसगढ़िया एहसास दिलाती है "नाचा", 3500 लोगों का है समूह

North America Chhattisgarh Association : देश के हर प्रदेश से बहुत से लोग आज विदेशों में रह रहे हैं. इनमें छत्तीसगढ़ के लोग भी शामिल हैं. अमेरिका में रह रहे छत्तीसगढ़िया लोगों ने वहां भी एक छोटा सा छत्तीसगढ़ बसा लिया है. इसका नाम है "नाचा". हमें नाचा के बारे में विस्तार से बता रही हैं इसकी फाउंडर दिवाली सरावगी...

North America Chhattisgarh Association
विदेश में छत्तीसगढ़ी संस्कृति की गूंज
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Published : Feb 27, 2022, 4:43 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ की संस्कृति देश के अलावा अब विदेशों तक भी पहुंच गई है. लगातार छत्तीसगढ़ की संस्कृति को उन लोगों तक पहुंचाने के लिए के लोग सहयोग कर रहे हैं. वहीं अमेरिका में भी छत्तीसगढ़ की संस्कृति को जन-जन तक पहुंचाने के लिए नाचा संस्था काम कर रही है. नॉर्थ अमेरिका छत्तीसगढ़ एसोसिएशन एक ऐसी संस्था है, जो छत्तीसगढ़ के लोगों द्वारा बनाई गई है. इस संस्था का संचालन अमेरिका में रहने वाले छत्तीसगढ़ के लोग कर रहे हैं. अमेरिका से रायपुर पहुंचे "नाचा" की संस्थापक दीपाली सरावगी से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. आइये जानते हैं उन्होंने क्या कहा...

सवाल- नॉर्थ अमेरिका छत्तीसगढ़ एसोसिएशन की शुरुआत कैसे हुई? कैसे यह संस्था बनी ?
जवाब- नाचा एक सोच है. जब अपने देश से विदेश जाते हैं और भाषा भी कमी महसूस करते हैं. हमारे भारत देश में हमारा कल्चर इस तरह का है कि हम आस-पड़ोस में बातचीत करते हैं. बहुत से लोगों से सीधे मिलते हैं. लेकिन विदेशों में कल्चर अलग है. वहां हर किसी से बात नहीं कर सकते. आप वहां हिंदी भाषा बोलने वालों को ढूंढते हैं. यह कमी हम महसूस करते थे. शुरुआत में हम हिंदी भाषी लोगों को ढूंढते थे. फिर बाद में हमने छत्तीसगढ़ी लोगों और छत्तीसगढ़ के एसोसिएशन के बारे में सोचा. जब हम विदेशों में जाते हैं तो वहां पर अलग-अलग स्टेट का एसोसिएशन होता है, लेकिन छत्तीसगढ़ ही एक ऐसा राज्य था, जिसका कोई एसोसिएशन नहीं था. यह वहीं से उत्पन्न हुई. हमने छत्तीसगढ़ की नॉर्थ अमेरिका छत्तीसगढ़ एसोसिएशन शुरू किया. इसे प्यार से हम नाचा कहते हैं.

विदेश में छत्तीसगढ़ी संस्कृति की गूंज

सवाल- नई जगह पर आपने लोगों को कैसे जोड़ा ?
जवाब- किसी ने बहुत ही सही कहा है कि जहां चाह है, वहां राह है. जहां आपकी सकारात्मक सोच होती है, वहां मंजिल जरूर मिल जाती. जब हमने एसोसिएशन बनाने की सोची, उस दौरान हमने सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया. अलग-अलग प्लेटफॉर्म के सहारे अमेरिका में रहने वाले छत्तीसगढ़ के लोगों को ढूंढना शुरू किया. धीरे-धीरे लोग जुड़ते गए. आज 3500 छत्तीसगढ़ी एनआरआई का स्ट्रांग समूह बन गया है.

यह भी पढ़ें : रायपुर में राष्ट्रीय संगोष्ठी : पौराणिक गढ़ों का इतिहास जानने दूर-दराज से पहुंचे लोग, 27 तक आयोजन

सवाल- नाचा अभी किस तरह के कार्य कर रही है?
जवाब- नाचा विदेश में भी छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए काम कर रही है. अपने साथ-साथ अपने देश के और छत्तीसगढ़ के लिए कई तरह की स्कीम शुरू की है. इसका नाम उड़ान है. उड़ान प्रोग्राम के अंतर्गत आर्थिक वर्ग के कमजोर बच्चों की मदद की जाती है. जो बच्चे इंटेलिजेंट हैं और आगे पढ़ना चाहते हैं, लेकिन रिसोर्स और फाइनेंस नहीं होने के कारण वे पढ़ाई छोड़ देते हैं नाचा उन बच्चों को स्कॉलरशिप देती है. ऐसे बच्चे जिन्हें स्कॉलरशिप चाहिए, वे नाचा की वेबसाइट पर अप्लाई करते हैं और हम उनके बारे में पता करते हैं. सभी चीजों का मैसेज करने के बाद बच्चों को आगे पढ़ने के लिए स्कॉलरशिप देते हैं.

सवाल- छत्तीसगढ़ के तीज-त्योहार को आप विदेश में बड़े धूमधाम से आयोजित करते हैं. किस तरह का आयोजन होता है?
जवाब- हम छत्तीसगढ़ के सभी प्रकार के त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं. नाचा एक घर बन गया है. तीज से लेकर इंडिपेंडेंस डे की झांकी, राज्योत्सव समेत जितने भी छत्तीसगढ़ के मुख्य त्योहार हैं, हम एक साथ मनाते हैं. यह इवेंट बहुत भव्य होते हैं.

सवाल- नाचा एसोसिएशन के बने पांच साल पूरे हो गए हैं. आगे भविष्य में आप लोग और क्या करने वाले हैं?
जवाब- 17 फरवरी 2017 को नाचा की शुरुआत हुई थी. इस साल इसकी स्थापना के पूरे पांच साल पूरे हो गए हैं. हमारा एसोसिएशन किसी भी आयोजन को बड़े रूप में करता है. हमारी कोशिश रहती है कि उसे एक ऐतिहासिक आयोजन बनाया जाए. हमारी संस्था बच्चों के लिए स्पेलिंबी, समर कैंप, होली, समर पिकनिक समेत सभी त्योहारों उत्साह से मनाती है. इस बार संस्था के 5 साल पूरे होने पर नाचा के सभी लोग खुश हैं. अमेरिका में छत्तीसगढ़ नाइट का आयोजन भी जल्द ही होने वाला है. छत्तीसगढ़ से भी अतिथियों को बुलाने की योजना है. इसके साथ ही कैलिफोर्निया में नाचा का सेकंड कन्वेंशन भी होने जा रहा है.

रायपुर : छत्तीसगढ़ की संस्कृति देश के अलावा अब विदेशों तक भी पहुंच गई है. लगातार छत्तीसगढ़ की संस्कृति को उन लोगों तक पहुंचाने के लिए के लोग सहयोग कर रहे हैं. वहीं अमेरिका में भी छत्तीसगढ़ की संस्कृति को जन-जन तक पहुंचाने के लिए नाचा संस्था काम कर रही है. नॉर्थ अमेरिका छत्तीसगढ़ एसोसिएशन एक ऐसी संस्था है, जो छत्तीसगढ़ के लोगों द्वारा बनाई गई है. इस संस्था का संचालन अमेरिका में रहने वाले छत्तीसगढ़ के लोग कर रहे हैं. अमेरिका से रायपुर पहुंचे "नाचा" की संस्थापक दीपाली सरावगी से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. आइये जानते हैं उन्होंने क्या कहा...

सवाल- नॉर्थ अमेरिका छत्तीसगढ़ एसोसिएशन की शुरुआत कैसे हुई? कैसे यह संस्था बनी ?
जवाब- नाचा एक सोच है. जब अपने देश से विदेश जाते हैं और भाषा भी कमी महसूस करते हैं. हमारे भारत देश में हमारा कल्चर इस तरह का है कि हम आस-पड़ोस में बातचीत करते हैं. बहुत से लोगों से सीधे मिलते हैं. लेकिन विदेशों में कल्चर अलग है. वहां हर किसी से बात नहीं कर सकते. आप वहां हिंदी भाषा बोलने वालों को ढूंढते हैं. यह कमी हम महसूस करते थे. शुरुआत में हम हिंदी भाषी लोगों को ढूंढते थे. फिर बाद में हमने छत्तीसगढ़ी लोगों और छत्तीसगढ़ के एसोसिएशन के बारे में सोचा. जब हम विदेशों में जाते हैं तो वहां पर अलग-अलग स्टेट का एसोसिएशन होता है, लेकिन छत्तीसगढ़ ही एक ऐसा राज्य था, जिसका कोई एसोसिएशन नहीं था. यह वहीं से उत्पन्न हुई. हमने छत्तीसगढ़ की नॉर्थ अमेरिका छत्तीसगढ़ एसोसिएशन शुरू किया. इसे प्यार से हम नाचा कहते हैं.

विदेश में छत्तीसगढ़ी संस्कृति की गूंज

सवाल- नई जगह पर आपने लोगों को कैसे जोड़ा ?
जवाब- किसी ने बहुत ही सही कहा है कि जहां चाह है, वहां राह है. जहां आपकी सकारात्मक सोच होती है, वहां मंजिल जरूर मिल जाती. जब हमने एसोसिएशन बनाने की सोची, उस दौरान हमने सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया. अलग-अलग प्लेटफॉर्म के सहारे अमेरिका में रहने वाले छत्तीसगढ़ के लोगों को ढूंढना शुरू किया. धीरे-धीरे लोग जुड़ते गए. आज 3500 छत्तीसगढ़ी एनआरआई का स्ट्रांग समूह बन गया है.

यह भी पढ़ें : रायपुर में राष्ट्रीय संगोष्ठी : पौराणिक गढ़ों का इतिहास जानने दूर-दराज से पहुंचे लोग, 27 तक आयोजन

सवाल- नाचा अभी किस तरह के कार्य कर रही है?
जवाब- नाचा विदेश में भी छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए काम कर रही है. अपने साथ-साथ अपने देश के और छत्तीसगढ़ के लिए कई तरह की स्कीम शुरू की है. इसका नाम उड़ान है. उड़ान प्रोग्राम के अंतर्गत आर्थिक वर्ग के कमजोर बच्चों की मदद की जाती है. जो बच्चे इंटेलिजेंट हैं और आगे पढ़ना चाहते हैं, लेकिन रिसोर्स और फाइनेंस नहीं होने के कारण वे पढ़ाई छोड़ देते हैं नाचा उन बच्चों को स्कॉलरशिप देती है. ऐसे बच्चे जिन्हें स्कॉलरशिप चाहिए, वे नाचा की वेबसाइट पर अप्लाई करते हैं और हम उनके बारे में पता करते हैं. सभी चीजों का मैसेज करने के बाद बच्चों को आगे पढ़ने के लिए स्कॉलरशिप देते हैं.

सवाल- छत्तीसगढ़ के तीज-त्योहार को आप विदेश में बड़े धूमधाम से आयोजित करते हैं. किस तरह का आयोजन होता है?
जवाब- हम छत्तीसगढ़ के सभी प्रकार के त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं. नाचा एक घर बन गया है. तीज से लेकर इंडिपेंडेंस डे की झांकी, राज्योत्सव समेत जितने भी छत्तीसगढ़ के मुख्य त्योहार हैं, हम एक साथ मनाते हैं. यह इवेंट बहुत भव्य होते हैं.

सवाल- नाचा एसोसिएशन के बने पांच साल पूरे हो गए हैं. आगे भविष्य में आप लोग और क्या करने वाले हैं?
जवाब- 17 फरवरी 2017 को नाचा की शुरुआत हुई थी. इस साल इसकी स्थापना के पूरे पांच साल पूरे हो गए हैं. हमारा एसोसिएशन किसी भी आयोजन को बड़े रूप में करता है. हमारी कोशिश रहती है कि उसे एक ऐतिहासिक आयोजन बनाया जाए. हमारी संस्था बच्चों के लिए स्पेलिंबी, समर कैंप, होली, समर पिकनिक समेत सभी त्योहारों उत्साह से मनाती है. इस बार संस्था के 5 साल पूरे होने पर नाचा के सभी लोग खुश हैं. अमेरिका में छत्तीसगढ़ नाइट का आयोजन भी जल्द ही होने वाला है. छत्तीसगढ़ से भी अतिथियों को बुलाने की योजना है. इसके साथ ही कैलिफोर्निया में नाचा का सेकंड कन्वेंशन भी होने जा रहा है.

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