रायपुर : छत्तीसगढ़ में मानसून ने रफ्तार पकड़ ली है. जिससे प्रदेश में झमाझम बारिश का दौर जारी है. लेकिन बारिश के मौसम में रायपुर में हादसे का खतरा बना हुआ है. क्योंकि राजधानी रायपुर के कई इलाकों में मकानों की हालत बेहद खस्ता है. जिससे शहर में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.
शहर के करीब 250 मकान पूरी तरह जर्जर हो चुके हैं. वहीं बारिश में इसके ढह जाने का खतरा और भी ज्यादा बढ़ गया है. वक्त रहते इन मकानों को नहीं गिराया गया और नगर निगम ने कमर नहीं कसी तो कई लोगों की जान जा सकती है. उधर नगर निगम अभी भी इस मामले नोटिस भेजकर मकानों को चिन्हांकित करने की बात कह रहा है. नगर निगम ने जोन स्तर पर इन भवनों को चिन्हांकित कर मकान मालिको को नोटिस भेज दिया है ताकि ऐसे मकानों को गिराया जा सके.
जोन क्रमांक 4 में सबसे बुरे हालात
रायपुर नगर निगम के सभी जोनों में से जोन क्रमांक 4 में सबसे ज्यादा जर्जर मकानों को चिन्हांकित किया गया है. इसमें टिकरापारा का स्वीपर कॉलोनी, सदानी चौक की पुरानी इमारत, सदर बाजार की पुरानी बिल्डिंग शामिल है. वहीं हलवाई लाइन, पुरानी बस्ती, गुढ़ियारी, बंधवापारा, आमापारा, सदानी चौक, चिकनी मंदिर, पुराने मकान को भी इसमें शामिल किया गया है.
शहर में कई मकान पूरी तरह जर्जर
इसके अलावा शहर में कई ऐसे मकान हैं जो पूरी तरह जर्जर हो चुके हैं, लेकिन मालिकाना हक और किराएदार को लेकर न्यायालय में चल रहे प्रकरण के कारण पुराने और जर्जर पड़े मकानों की कार्रवाई के लिए सिर्फ नोटिस जारी किया जा रहा है.
मकान मालिकों को नोटिस जारी
नगर निगम सभापति प्रमोद दुबे ने कहा कि जर्जर भवनों की सूची जारी की गई है, लेकिन कोरोना के कारण मकान गिराने में काफी दिक्कते आ रही हैं. नगर निगम अपर आयुक्त पुलक भट्टाचार्य ने बताया कि बारिश के समय जिम्मेदारियां बढ़ जाती है. हर साल की तरह इस साल भी जर्जर भवनों का सर्वे किया गया है और सभी को नोटिस भी जारी किया गया है.
बता दें कि हर साल की तरह इस साल भी जर्जर मकानों को गिराने के लिए नेटिस जारी किया गया है, लेकिन इस पर कितना काम होता है ये देखने वाली बात होगी.