रायपुर: CBSE स्कूल की कक्षा 9वीं और 10वीं में संस्कृत विषय को अनिवार्य किया जाने की मांग को लेकर सांसद छाया वर्मा ने मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखा है. उन्होंने CBSE को 7 अप्रैल को जारी किए गए आदेश में संशोधन की मांग की है.
सांसद छाया वर्मा ने कहा कि, 'संस्कृत हमारी प्राचीन भाषा है. प्राचीन समय में संस्कृत भाषा का उपयोग किया जाता था. इस भाषा की वजह से ही हम विश्व गुरु बने, लेकिन अब इस भाषा को किसी जाति विशेष की भाषा मानी जा रही है. बीजेपी की कथनी और करनी में काफी अंतर है. केंद्र सरकार को इस संस्कृत भाषा को पुनर्जीवित करने के लिए CBSE स्कूलों की कक्षा 9वीं और 10वीं में अनिवार्य किया जाना चाहिए.'
'स्कूलों में संस्कृत की पढ़ाई आवश्यक'
सांसद छाया वर्मा ने पत्र में लिखा कि, 'CBSE के जारी आदेश में कहा गया है कि अगर कोई छात्र तृतीय भाषा पढ़ना चाहता है तो वह सातवें विषय के रुप में पढ़ सकता है, लेकिन जिसकी कोई परीक्षा या मूल्यांकन नहीं होगा और अंकपत्र में इस विषय का विवरण नहीं होगा. इस वजह से कोई भी छात्र तीसरे विषय को लेने का आग्रह ही नहीं करेगा. वहीं संस्कृत को अघोषित तरह से पाठ्यक्रमम से बाहर कर दिया गया है. संस्कृत वह है जिससे सम्पूर्ण विश्व में भारत अन्य देशों से भिन्न विशिष्ट स्थान प्राप्त करता है. ये कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि भारत को जानना है तो संस्कृत को पढ़ना ही होगा. इसलिए भारत के प्रत्येक नागरिक को अपनी संस्कृति और देश को जानने के लिए संस्कृत पढ़ना नितान्त आवश्यक है.'