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फाइनेंस के नाम पर करोड़ों का घोटाला, आरोपी अग्रवाल बंधु गिरफ्तार - नीलम ऑटो तिल्दा

फाइनेंस के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी करने वाले दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने मिलकर 8 साल के अंदर लोगों से 1 करोड़ 1 लाख 27 हजार रुपये की धोखाधड़ी की थी.

agrawal bandhu arrested raipur
अग्रवाल बंधु गिरफ्तार
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Published : Jun 27, 2020, 5:53 PM IST

Updated : Jun 27, 2020, 7:13 PM IST

रायपुर : फाइनेंस कंपनी और ग्राहकों से करोड़ों की धोखाधड़ी की वारदात सामने आई है. खरोरा पुलिस ने इस वारदात के आरोप में नीलम ऑटो (तिल्दा) के संचालक दीपक और पवन अग्रवाल को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के खिलाफ खरोरा थाना में ठगी का केस दर्ज किया गया है.

पुलिस ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 406, 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है. आरोपियों ने 8 साल के अंदर लोगों से 1 करोड़ 1 लाख 27 हजार रुपये की धोखाधड़ी की थी. बता दें कि आरोपियों ने ग्राहकों से फायनेंस की गई बाइक की किश्त को भी हड़प लिया था.

पढ़ें : दंतेवाड़ा: नक्सली हमले में 3 जवान घायल, मोबाइल और वॉकी टॉकी लूट ले गए नक्सली

शिकायतकर्ता संदीप सिंह, श्रीराम फाइनेंस कॉरपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड, खरोरा की शिकायत दस्तावेज जांच में सही पाए जाए जाने पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. आरोपी पिछले 8 सालों से कंपनी का करोड़ों रुपये गबन कर कर्मचारियों को बातों-बातों में गुमराह कर रहे थे.

धारा 420 और उसके मायने

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420 के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति किसी शख्स को धोखा देता है और बेईमानी से किसी भी व्यक्ति को कोई भी संपत्ति देने, या किसी बहुमूल्य वस्तु या उसके एक हिस्से को, या कोई भी हस्ताक्षरित या मुहरबंद दस्तावेज जो एक बहुमूल्य वस्तु में परिवर्तित होने में सक्षम है, उसमें परिवर्तन करने या बनाने या नष्ट करने के लिए प्रेरित करता है को किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा दी जाएगी. जिसे सात साल तक बढ़ाया जा सकता है, और साथ ही आर्थिक दंड से दंडित किया जाएगा. इस अपराध के तहत दोषी पाए जाने पर सात साल तक की सजा या फिर जुर्माना हो सकता है.

रायपुर : फाइनेंस कंपनी और ग्राहकों से करोड़ों की धोखाधड़ी की वारदात सामने आई है. खरोरा पुलिस ने इस वारदात के आरोप में नीलम ऑटो (तिल्दा) के संचालक दीपक और पवन अग्रवाल को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के खिलाफ खरोरा थाना में ठगी का केस दर्ज किया गया है.

पुलिस ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 406, 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है. आरोपियों ने 8 साल के अंदर लोगों से 1 करोड़ 1 लाख 27 हजार रुपये की धोखाधड़ी की थी. बता दें कि आरोपियों ने ग्राहकों से फायनेंस की गई बाइक की किश्त को भी हड़प लिया था.

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शिकायतकर्ता संदीप सिंह, श्रीराम फाइनेंस कॉरपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड, खरोरा की शिकायत दस्तावेज जांच में सही पाए जाए जाने पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. आरोपी पिछले 8 सालों से कंपनी का करोड़ों रुपये गबन कर कर्मचारियों को बातों-बातों में गुमराह कर रहे थे.

धारा 420 और उसके मायने

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420 के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति किसी शख्स को धोखा देता है और बेईमानी से किसी भी व्यक्ति को कोई भी संपत्ति देने, या किसी बहुमूल्य वस्तु या उसके एक हिस्से को, या कोई भी हस्ताक्षरित या मुहरबंद दस्तावेज जो एक बहुमूल्य वस्तु में परिवर्तित होने में सक्षम है, उसमें परिवर्तन करने या बनाने या नष्ट करने के लिए प्रेरित करता है को किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा दी जाएगी. जिसे सात साल तक बढ़ाया जा सकता है, और साथ ही आर्थिक दंड से दंडित किया जाएगा. इस अपराध के तहत दोषी पाए जाने पर सात साल तक की सजा या फिर जुर्माना हो सकता है.

Last Updated : Jun 27, 2020, 7:13 PM IST
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