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मोतीलाल वोरा के कई किस्से हैं मशहूर, ऐसे मिली थी मध्यप्रदेश के सत्ता की चाबी

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Published : Dec 21, 2020, 8:18 PM IST

Updated : Dec 21, 2020, 10:09 PM IST

मध्यप्रदेश के 2 बार सीएम रहे मोतीलाल वोरा के कई किस्से मशहूर हैं. आईये जानते हैं 1972 में पहली बार विधायक बने बाबूजी से जुड़ी दिलचस्प बातें.

Motilal Vora profile
मोतीलाल वोरा

रायपुर: मोतीलाल वोरा के जीवन में साल 1985 खास मायने रखता है. अर्जुन सिंह ने 9 मार्च 1985 को सीएम पद की शपथ ली थी. 10 मार्च को वे राजीव गांधी के पास मंत्रिमंडल की लिस्ट लेकर गए. राजीव गांधी एमपी की राजनीति में अर्जुन सिंह को नहीं चाहते थे. उन्होंने अर्जुन सिंह से कहा था कि वे अपनी पसंद के सीएम का नाम बता कर 14 मार्च को पंजाब पहुंच जाएं. इसके बाद अर्जुन सिंह ने मोतीलाल वोरा का नाम सुझाया था.

एयरपोर्ट पर ही बना दिए गए मुख्यमंत्री...

अर्जुन सिंह के फोन करने के बाद उनके बेटे अजय सिंह स्पेशल विमान से मोतीलाल वोरा को लेकर दिल्ली पहुंचे. वोरा उस समय तक अनजान थे. रूस दौरे पर निकल रहे तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी से उनकी पालम एयरपोर्ट पर मुलाकात हुई. मोतीलाल वोरा को देखते ही राजीव गांधी ने कह दिया था कि आप मध्यप्रदेश के सीएम हैं. इस दौरान वहां अर्जुन सिंह और दिग्विजय सिंह भी मौजूद थे.

जब वोरा की चली गई कुर्सी...

मोतीलाल वोरा की कैबिनेट में ज्यादातर लोग अर्जुन सिंह के थे. 3 साल बाद वनवास काटकर अर्जुन सिंह फिर से मध्यप्रदेश की राजनीति में सक्रिय हो गए. उसके बाद वोरा की कुर्सी चली गई. वे दिल्ली की राजनीति में शिफ्ट हो गए. राजीव गांधी की सरकार में मोतीलाल वोरा स्वास्थ्य मंत्री बन गए. मोतीलाल वोरा के साथ दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे.

लाल डिब्बे वाले नेता

1968 में मोतीलाल वोरा पार्षद चुनाव जीतने के बाद चर्चा में आए. इसके बाद उन्होंने कांग्रेस का हाथ थामा. साल 1972 के विधानसभा चुनाव में पहली बार विधायक चुने गए. वोरा को राज्य परिवहन निगम का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया. सरकारी बसों का संचालन करने वाले परिवहन निगम की बसें लाल हुआ करती थीं. जब मोतीलाल वोरा इसके पदाधिकारी बने तो उन्हें लाल डिब्बे वाले नेता कहा जाने लगा.


पढ़ें :पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा के निधन पर शिवराज सिंह ने जताया दुख, 'देश ने अपना प्रिय नेता खो दिया'

अविभाजित मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा का सोमवार को निधन हो गया है. उन्होंने दिल्ली के एस्कॉर्ट अस्पताल में अंतिम सांस ली. मोतीलाल वोरा ने एक दिन पहले ही 93 वर्ष के हुए थे. बताया जा रहा है कि तबीयत बिगड़ने पर उन्हें दिल्ली के एस्कॉर्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान आज उनका निधन हो गया. उनके निधन पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शोक व्यक्त किया है.

अविभाजित मध्यप्रदेश के रहे मुख्यमंत्री

मोतीलाल वोरा अविभाजित मध्यप्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे. इसके अलावा उन्होंने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल का पद भी संभाला. वहीं मोतीलाल वोरा इसी साल अप्रैल महीने तक छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद भी थे. मोतीलाल वोरा को कांग्रेस पार्टी में नरसिम्हा राव, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के बेहद करीबी और विश्वासपात्र माना जाता था. मोतीलाल वोरा सबसे लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी के कोषा अध्यक्ष भी रहे हैं.

20 दिसम्बर 1927 को हुआ था जन्म

मोतीलाल वोरा का जन्म 20 दिसंबर 1927 को तत्कालीन जोधपुर स्टेट के निंबीजोधा में हुआ था. मोतीलाल वोरा की पढ़ाई लिखाई रायपुर और कोलकाता में हुई थी. उनके 6 बच्चे हैं जिनमें 4 बेटियां और दो बेटे शामिल हैं. मोतीलाल वोरा का एक बेटा अरुण वोरा छत्तीसगढ़ के दुर्ग से विधायक भी हैं. मोतीलाल वोरा पहली बार 13 मार्च 1985 से लेकर 13 फरवरी 1988 तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. तो वहीं दूसरी बार 25 जनवरी 1989 को सीएम बने थे. हालांकि उनका इस बार का कार्यकाल 11 महीने का ही रहा था. 8 दिसंबर 1989 को उन्हें सीएम पद की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी.

रायपुर: मोतीलाल वोरा के जीवन में साल 1985 खास मायने रखता है. अर्जुन सिंह ने 9 मार्च 1985 को सीएम पद की शपथ ली थी. 10 मार्च को वे राजीव गांधी के पास मंत्रिमंडल की लिस्ट लेकर गए. राजीव गांधी एमपी की राजनीति में अर्जुन सिंह को नहीं चाहते थे. उन्होंने अर्जुन सिंह से कहा था कि वे अपनी पसंद के सीएम का नाम बता कर 14 मार्च को पंजाब पहुंच जाएं. इसके बाद अर्जुन सिंह ने मोतीलाल वोरा का नाम सुझाया था.

एयरपोर्ट पर ही बना दिए गए मुख्यमंत्री...

अर्जुन सिंह के फोन करने के बाद उनके बेटे अजय सिंह स्पेशल विमान से मोतीलाल वोरा को लेकर दिल्ली पहुंचे. वोरा उस समय तक अनजान थे. रूस दौरे पर निकल रहे तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी से उनकी पालम एयरपोर्ट पर मुलाकात हुई. मोतीलाल वोरा को देखते ही राजीव गांधी ने कह दिया था कि आप मध्यप्रदेश के सीएम हैं. इस दौरान वहां अर्जुन सिंह और दिग्विजय सिंह भी मौजूद थे.

जब वोरा की चली गई कुर्सी...

मोतीलाल वोरा की कैबिनेट में ज्यादातर लोग अर्जुन सिंह के थे. 3 साल बाद वनवास काटकर अर्जुन सिंह फिर से मध्यप्रदेश की राजनीति में सक्रिय हो गए. उसके बाद वोरा की कुर्सी चली गई. वे दिल्ली की राजनीति में शिफ्ट हो गए. राजीव गांधी की सरकार में मोतीलाल वोरा स्वास्थ्य मंत्री बन गए. मोतीलाल वोरा के साथ दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे.

लाल डिब्बे वाले नेता

1968 में मोतीलाल वोरा पार्षद चुनाव जीतने के बाद चर्चा में आए. इसके बाद उन्होंने कांग्रेस का हाथ थामा. साल 1972 के विधानसभा चुनाव में पहली बार विधायक चुने गए. वोरा को राज्य परिवहन निगम का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया. सरकारी बसों का संचालन करने वाले परिवहन निगम की बसें लाल हुआ करती थीं. जब मोतीलाल वोरा इसके पदाधिकारी बने तो उन्हें लाल डिब्बे वाले नेता कहा जाने लगा.


पढ़ें :पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा के निधन पर शिवराज सिंह ने जताया दुख, 'देश ने अपना प्रिय नेता खो दिया'

अविभाजित मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा का सोमवार को निधन हो गया है. उन्होंने दिल्ली के एस्कॉर्ट अस्पताल में अंतिम सांस ली. मोतीलाल वोरा ने एक दिन पहले ही 93 वर्ष के हुए थे. बताया जा रहा है कि तबीयत बिगड़ने पर उन्हें दिल्ली के एस्कॉर्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान आज उनका निधन हो गया. उनके निधन पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शोक व्यक्त किया है.

अविभाजित मध्यप्रदेश के रहे मुख्यमंत्री

मोतीलाल वोरा अविभाजित मध्यप्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे. इसके अलावा उन्होंने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल का पद भी संभाला. वहीं मोतीलाल वोरा इसी साल अप्रैल महीने तक छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद भी थे. मोतीलाल वोरा को कांग्रेस पार्टी में नरसिम्हा राव, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के बेहद करीबी और विश्वासपात्र माना जाता था. मोतीलाल वोरा सबसे लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी के कोषा अध्यक्ष भी रहे हैं.

20 दिसम्बर 1927 को हुआ था जन्म

मोतीलाल वोरा का जन्म 20 दिसंबर 1927 को तत्कालीन जोधपुर स्टेट के निंबीजोधा में हुआ था. मोतीलाल वोरा की पढ़ाई लिखाई रायपुर और कोलकाता में हुई थी. उनके 6 बच्चे हैं जिनमें 4 बेटियां और दो बेटे शामिल हैं. मोतीलाल वोरा का एक बेटा अरुण वोरा छत्तीसगढ़ के दुर्ग से विधायक भी हैं. मोतीलाल वोरा पहली बार 13 मार्च 1985 से लेकर 13 फरवरी 1988 तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. तो वहीं दूसरी बार 25 जनवरी 1989 को सीएम बने थे. हालांकि उनका इस बार का कार्यकाल 11 महीने का ही रहा था. 8 दिसंबर 1989 को उन्हें सीएम पद की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी.

Last Updated : Dec 21, 2020, 10:09 PM IST

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