रायपुर: राजधानी सहित कई जगहों पर बंद मकानों में चोरी की वारदातें होती हैं. ऐसे मकानों में चोरी करना चोरों के लिए आसान होता है इसलिए सूने मकान चोरों के टारगेट होते हैं.
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रेकी के बाद चोरी
चोर बाकायदा रेकी के बाद सूने मकानों में चोरी की वारदात को अंजाम देते हैं. एडिशनल एसपी सिटी लखन पटेल के मुताबिक सूने मकानों में चोर अलग-अलग तरह से रेकी करते हैं. चोर स्थल निरीक्षण करने के बाद ही चोरी करते हैं.
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राजधानी में कुछ महीने पहले चोरी के केस
सितंबर 2020 में पुरानी बस्ती थाना अंतर्गत कुशालपुर में बिजली विभाग के पूर्व अधिकारी राजेंद्र ओझा के घर 17 लाख रुपए के सोने-चांदी के जेवरात की चोरी हुई थी. पूरा परिवार बेटी के घर सरोना गया हुआ था.
नवंबर महीने में भी कुशालपुर में एक कारोबारी राजेश पंसारी के घर से चोरों ने 4 लाख रुपए के गहने और जेवर पार कर दिए. पूरा परिवार भाईदूज में रिश्तेदारों से मिलने गया था.
पुलिस को देनी चाहिए सूचना
सिविल लाइन थाना प्रभारी आर के मिश्रा का कहना है कि जब भी कोई मकान मालिक अपने मकान को बंद कर कहीं बाहर जाता है तो इसकी सूचना पुलिस को देनी चाहिए. उस क्षेत्र में गश्त बढ़ाकर निगरानी की जाएगी और चोरी की वारदात पर रोक लगेगी.
खाकी आइज एप से नजर
रायपुर पुलिस ने सूने मकानों की निगरानी के लिए फिलहाल प्रयोग के तौर पर 2 जगहों पर खाकी आइज एप की शुरुआत की है. इसमें पुलिस को सफलता मिलती है तो जिले के सभी थानों में इसे शुरू किया जाएगा.
आजाद चौक और कबीर नगर थाना में खाकी आइज एप शुरू किया गया है. इस ऐप में मकान मालिक डिटेल देते हैं कि उनका मकान बंद है और वे कहीं जा रहे हैं. पुलिस उन क्षेत्रों में सुरक्षा और पेट्रोलिंग बढ़ाती है. आजाद चौक थाना प्रभारी अश्विनी राठौर के मुताबिक फिलहाल उनके थाना क्षेत्र में सूने मकान में चोरी की कोई बड़ी घटना नहीं हुई है.
CCTV से मिलती है मदद
मौदहापारा थाना प्रभारी यदु मणि सिदार का कहना है कि मौदहापारा थाना इलाके में ज्यादातर व्यावसायिक काम्प्लेक्स हैं. कुछ घर भी हैं, जहां पर छोटी-मोटी चोरियां हुई हैं. व्यावसायिक काम्प्लेक्स के एक दुकान में कुछ महीने पहले 67 लाख रुपए की एक बड़ी चोरी हुई थी. पुलिस ने CCTV फुटेज की मदद से चोरों को पकड़ा था. सामान भी बरामद कर लिया गया था. थाना प्रभारी का मानना है कि चोरी की वारदात को रोकने के लिए उन क्षेत्रों में CCTV लगाए जाएं ताकि पर्याप्त प्रकाश हो और पुलिस को रात्रि गश्त में भी मदद मिले.
पुलिस कॉलोनी के गार्ड और वहां के पदाधिकारियों की समय-समय पर मीटिंग भी लेती है. CCTV की संख्या बढ़ाने के लिए लोगों को सलाह दी जाती है ताकि चोरों की पहचान हो सके और पुलिस चोरों को गिरफ्तार कर सके.